Sunday, 11 February 2018

laghu katha

पुराने समय की बात है, एक विद्वान को फांसी लगनी थी। राजा ने कहा, "जान बख्श देंगे यदि सही उत्तर मिल जाये कि आखिर स्त्री चाहती क्या है?"
विद्वान ने कहा, मोहलत मिले तो पता कर के बता सकता हूँ। एक साल की मोहलत मिली, बहुत घूमा, कहीं से भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। आखिर में किसी ने कहा दूर एक चुड़ैल रहती है वही बता सकती है। चुड़ैल ने कहा कि मै इस शर्त पर बताउंगी जब तुम मुझसे शादी करो। उसने जान बचाने के लिए शादी की सहमति दे दी।
शादी होने के बाद चुड़ैल ने कहा, चूंकि तुमने मेरी बात मान ली है, तो मैंने तुम्हें खुश करने के लिए फैसला किया है कि 12 घन्टे मैं चुड़ैल और 12 घन्टे खूबसूरत परी बनके रहूंगी, अब तुम ये बताओ कि दिन में चुड़ैल रहूँ या रात को।
उसने सोचा यदि वह दिन में चुड़ैल हुई तो दिन नहीं कटेगा, रात में हुई तो रात नहीं कटेगी। अंत में उस विद्वान कैदी ने कहा, जब तुम्हारा दिल करे परी बन जाना, जब दिल करे चुड़ैल बनना।
ये बात सुनकर चुड़ैल ने प्रसन्न होके कहा, चूंकि तुमने मुझे अपनी मर्ज़ी की करने की छूट दे दी है, तो मै हमेशा ही परी बन के रहा करूँगी। "यही तुम्हारे प्रश्न का उत्तर भी है।"
स्त्री अपनी मर्जी का करना चाहती है। यदि स्त्री को अपनी मर्ज़ी का करने देंगे तो, वो परी बनी रहेगी वरना चुड़ैल !
आज का भी सच यही है ! मन का करने दीजिये स्त्री को ! वो खुश रहेगी तभी आप खुश रह सकेंगे !

No comments:

Post a Comment