Monday 26 February 2018

 क्या देश को बर्वाद करने में महिला समाज का कम योगदान है ....?

जनता बड़ी मासूम होती है ....अब जरा इन भाभी जी का गुलाब जैसा मासूम चेहरा देखिये .....छुई मुई कीपत्ती जैसी नाजुक और मासूम ..इनके पति नंबर दो का माल घर में इकठ्ठा करते रहे और इन्होने कभी अपने पति को नहीं रोका की भ्रष्टाचार भी देश के साथ गद्दारी जैसा काम होता है .क्या आपको लगता है की की जो पुरुष अपनी औकात और कमाई से जादा माल घर लेकर आते है उनकी बीबियो का फर्ज क्या यह नहीं होता की वह अपने कमीने पतियों को गलत काम से रोके ..ऐसी ही महिलाए टमाटर के दाम , गैस के दाम दस बीस रूपये बढ़ जाने पर टीवी पर ऐसे रोटी है जैसे ये विधवा हो गयी है 
अब इनका संछिप्त परिचय :
हैदराबाद मैट्रोपोलिटिन डेवलपमेंट अथॉरिटी के डायरेक्टर के. पुरुषोत्तम रेड्डी के घर एसीबी की रेड के बाद 50 लाख रुपए के सोना-हीरा और चांदी के आभूषण, 9000 रुपए के पुराने नोट, 501 अमेरिकन डॉलर, 265 दिरहम और बीस लाख रुपए की साड़ियां बरामद की गई..... !
अब जरा लीक से हट तो सोचिये तो क्या देश को बर्वाद करने में महिला समाज का कम योगदान है ...क्या इनके चकड भेजे में यह बात नहीं आती की इनका पति सेलरी से जादा जो माल घर में ला रिया है वह देश का अहित कर रिया है .मासूम महिला समाज .मेरी साडी मेरा हार मेरा बँगला ...अपने देश में जितने भी भ्रष्ट पुरुष है ...सोच कर देखिये तो उनकी बीबिया कित्ती मासूम होंगी ? मासूम महिला शक्ति अर्थात भाभी जी के घर से बरामद हुयी बीस लाख रुपए की साड़ियां......देश की माँ बहिन कर दो ...लेकिन मेरे लिए महंगी महंगी साड़ी लाते रहो पतिदेव ! पति नंबर दो की कमाई लाये जा रहा था ...और भाभी जी समेटे जा रही थी ...भ्रष्टाचार को प्यार से समेट लेने वाला महिला समाज सच में कित्ता मासूम होता है .देश की अम्मा बहन कर दो पति जी .लेकिन मेरे लिए बड़का बडका हार ली आओ .महंगी महंगी साड़ियाँ भी .देश का क्या है इसे लुटते रहो .इसकी रक्षा के लिए फौजी है न ... खैर

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