Wednesday, 21 February 2018

पीएनबी घोटाले में  आतंकी कनेक्शन, 
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब इस मामले के आतंकी लिंक का भी खुलासा हो रहा है, ऐसी सनसनीखेज जानकारी सामने आ रही है
हीरा कारोबार के आतंकवादियों से रिश्ते
. डाटा साइंटिस्ट गौरव प्रधान ने खुलासा किया है कि हीरे व्यापार के जरिये देश में आतंकवादियों की फंडिंग की जाती है, साथ ही हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग भी की जाती रही है. नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की गीतांजलि जेम्स के मनी लॉन्ड्रिंग गिरोह और बेल्जियम के हीरा तस्करों के साथ सम्बन्ध हैं. गौरव प्रधान के मुताबिक़ ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत से जो प्राचीन भारतीय मूर्तियों व् हस्तलिपियाँ चोरी की गयी थी और उन्हें ब्रिटिश एम्पायर के अधिकारियों के वेयरहाउस में छिपा दिया गया था. उनकी नीलामी में लिप्त Christie & Sotheby के लंदन ऑक्शन हाउस ने नीरव मोदी को लंदन में हीरा कारोबार सेटअप करने में मदद की थी.
 बॉलीवुड और आतंकी फंडिंग से कनेक्शन
चुराई गयी प्राचीन भारतीय मूर्तियों की गैर कानूनी नीलामी का गोरखधंधा  5 बिलियन डॉलर का काला कारोबार बन चुका है. गौरव प्रधान ने खुलासा किया है कि दुनिया के सबसे बड़े हीरा कारोबारियों में शामिल कई कारोबारी कालेधन की लिस्ट में भी सबसे ऊपर हैं. ये लोग मनी लॉन्ड्रिंग, भारत में आईपीएल क्रिकेट टीम खरीदने में, बॉलीवुड फिल्मों में पैसे लगाने में और आतंकी फंडिंग में भी शामिल हैं. स्विट्ज़रलैंड से काले कुबेरों की लीक हुई लिस्ट, पनामा पेपर्स और पैराडाइस पेपर्स में भी इनके नाम शामिल हैं.कई प्रसिद्द हीरा कारोबारिजो अब बेल्जियम में रहते हैं. हीरे की तस्करी में शामिल लोगों के जरिये ही भारत में आतंकी फंडिंग भी की जाती है.
2012 में ज़िम्बाब्वे से 200 मिलियन डॉलर के हीरे चोरी हुए थे. जो बाद में तस्करी करके भारत लाये गए और दोगुनी कीमत पर भारतीय बाजार में बेच दिए गए. इस धांधली में मोटा कमीशन खाया गया. 2013 में चीन में ये गुजराती हीरा कारोबारी हीरों की तस्करी करते हुए पकडे गए थे और जेल भेजे गए थे. मगर नेताओं की सांठ-गाँठ के चलते उन्हें छोड़ दिया गया.
 नीरव मोदी तो हीरा कारोबारियों द्वारा चलाये जाने वाले मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का एक छोटा सा खिलाड़ी है. मई 2014 में ऐसे 8 मनी लॉन्ड्रिंग हीरा कारोबारियों को भारतीय आयकर विभाग ने क्लीन चिट दे दी थी. 26/11 में हुए मुम्बई आतंकी हमले से 6 महीने पहले फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट को आतंकी गतिविधियों की फंडिंग की जांच के दौरान इसके हीरा कारोबार से जुड़े होने के सबूत मिले थे.
बेल्जियम से सूरत हीरा कारोबार में पैसे भेजकर उसके जरिये आतंकी फंडिंग होने की बात सामने आयी थी. 2003 में मुम्बई के ज़वेरी बाजार में हुए बम धमाकों में भी बेल्जियम के गुजराती हीरा कारोबारियों को निशाना बनाया गया था. आतंकी हमले के दौरान गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह ने भी एनआईए पूछताछ के दौरान कबूल किया था कि वो बॉर्डर पार के पाकिस्तानी ड्रग तस्करों की सहायता करता था और हर तस्करी के लिए उसे रिश्वत हीरों के रूप में दी जाती थी.
बता दें कि गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह पर पठानकोट आतंकी हमले में आतंकियों की सहायता करने का आरोप है. आतंकी सलविंदर सिंह की नीली बत्ती लगी आधिकारिक एसयूवी में सवार होकर ही पठानकोट पहुंचे थे वो ये बताने में असमर्थ रहे कि गुरुवार देर रात अपने एक ज्वेलर दोस्त और कुक के साथ वो भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास आखिर करने क्या गए थे और वो भी बिना सुरक्षागार्ड को साथ लिए.
नीरव मोदी के मीडिया नेटवर्क के साथ रिश्ते
बहरहाल देखा जाए तो कुछ हीरा कारोबारियों द्वारा बड़ा रैकेट चलाया जा रहा है, जो ना केवल कालेधन को सफ़ेद करने में लिप्त है बल्कि आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग में भी शामिल है. जैसे-जैसे मामले में जांच आगे बढ़ेगी, कई नए खुलासे होंगे और कई सफेदपोश काले कुबेर सलाखों के पीछे जाएंगे.

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