Wednesday 14 February 2018



मैंने कुछ दिन पहले दोस्तों से सलाह माँगी थी कि कौन सा मोबाइल अच्छा है मार्केट में...
आज एक मित्र ने लिखा - हिन्दू धर्म से बोर हो गया हूँ..सोचता हूँ रेलिजन बदल लूँ. फ्रेंड्स बताएं कौन सा रेलिजन ठीक रहेगा.
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Amazon और Olx का जमाना है..बिना ठोक-बजाए, बिना User-review पढ़े, बिना मार्केट रिसर्च किए कोई भी माल लेना ठीक नहीं है...
तो मैंने भी थोड़ा मार्केट रिसर्च किया -
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#क्रिस्चिनटी बढ़िया प्रोडक्ट है. इंटरनेशनल रेप्युटेड ब्रांड है..सिम्पल है, यूजर-फ्रेंडली है - Apple के iPhone की तरह. जिन्दगी भर जो मर्जी करो, सिर्फ Believe करो कि जीसस क्राईस्ट सभी पापों से मुक्ति दिला देंगे..गारंटेड..एक बार सब्सक्रिप्शन ले लिया तो लाईफ-लाँग वैलिडिटी है..जो मर्जी करो..ज्यादा माथापच्ची नहीं है. अरे, हमें कौन सा रेलिजन को ज्यादा यूज करना है,
कौन सा अध्यात्म में Ph.D. करनी है. शादी-ब्याह और फ्यूनरल में ही तो काम आता है रेलिजन...या फिर दूसरे पर रौब डालने के..यू नो! आई एम कैथलिक..लाइक मदर टेरेसा..और इसके स्विच आॅफर भी बहुत बढ़िया हैं - Switch to Christianity and enjoy our special promotional offers of admission to Convent schools for your child..special money back offers to rural and tribal customers..
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#इस्लाम दूसरा बड़ा ब्रान्ड है..इंटरनेशनल है..जिहादी माॅडल इसका सबसे पाॅपुलर माॅडल है. स्पेशलिस्ट रिव्यू बढ़िया नहीं है, बहुत गड़बड़ हो जाता है इसके एप्लिकेशन में.. कभी-कभी इसका फिदायीन App एक्सप्लोड कर जाता है, कभी टेररिस्ट App मास-किलिंग करने लगता है..लेकिन फिर भी मार्केटिंग जोरदार है, After-sale service भी जबरदस्त है...कहीं लूट-मार करते पकड़े जाओ तो सेक्यूलर-ब्रिगेड बहुत बढ़िया सर्विस और सपोर्ट देते हैं.
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पर इसका मेंटेनेंस थोड़ा काॅस्टली है - क्रिस्चियनिटी जितना सिंपल नहीं है कि सिर्फ Believe करने से काम चलेगा. पाँचो वक्त नमाज, इन्कम में से रेगुलर जकात, हज़..रेगुलर system update मांगता है..कम से कम जुम्मे-के-जुम्मे तो नमाज अपडेट चाहिए..और कभी-कभी सीरियस एरर आ जाता है तो किसी की बीबी उसके बाप को पसंद आ गई तो उसकी माँ बन जाती है..
और एक बार यह माॅडल ले लिया तो माॅडल चेंज करने का आॅप्शन भी नहीं है...मैनुअल में लिखा है सीधा सर काटने का Provision है..
पर इसकी यूजर रेटिंग सबसे बढ़िया है - चाहे इसकी मार्केटिंग ISIS, अल-कायदा के हाथ में हों, ब्रांड-एम्बेसडर बगदादी और लादिन हों..यूजर हमेशा कहेगा कि इस्लाम इज रेलिजन आॅफ पीस..एकदम फाइव-स्टार रेटिंग..
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#हिन्दुइज्म - लोकल ब्रांड है..पुराना है, आउटडेटेड लगता है. पहले ग्लोबल था, पर ना कोई मार्केटिंग, ना कोई After-Sale service..बहुत कम्प्लिकेटेड भी है..सीरियस आध्यात्म यूजर के लिए ठीक है, पर अपने किस काम का. इंटरनेशनल रेप्यूटेशन भी नहीं है, कोई स्टैटस वैल्यू भी नहीं है..
पर इसमें सेक्यूलरिज्म वाइरस सबसे ज्यादा लगता है. और सेक्यूलरिज्म वाइरस लग जाए तो आॅपरेटिंग सिस्टम काम करना ही बन्द कर देता है...स्क्रीन एकदम ब्लैंक हो जाता है..
और यूजर-रिव्यू तो सबसे खराब है - एकदम टू-स्टार.
जिस हिन्दू को देखो, हिन्दूइज्म में फाॅल्ट-रिपोर्ट कर रहा है.. पूजा में माइक बजता है जी, दीवाली में पाॅल्यूशन होता है जी, करवा-चौथ सिर्फ औरतें क्यों रखती हैं...आशाराम..तमाशाराम...सब हिन्दूइज्म का फाॅल्ट है. जिसको देखो, अपना-अपना एंटी-वाइरस इन्सटाॅल कर रहा है..
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और भी ब्रांड हैं - ज्यू (Judaism)..एक ही आउटलेट है - इसरायल़. लोकली एवेलबल नहीं है..
सिख पंथ ... पहले हिन्दू धर्म का प्रोडक्ट था, अब अलग ब्रांड से जाना जाता है, खास तौर से विदेशों में. बड़ा ब्रांड नहीं है, उतना फैशनेबल भी नहीं, पर बढ़िया है,
और भी कई प्रोडक्ट हैं हिन्दूइज्म के, जो आगे चल कर अलग ब्रांड बनने की कोशिश कर सकते हैं.. साईंबाबा ब्रांड बनने की कोशिश कर रहा है, खूब मार्केटिंग है..कल को क्या पता निर्मल बाबा भी ब्रांड बन जाए..
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यार, तूने तो कन्फ्यूज कर दिया - एक सिम्पल, टिकाऊ ब्रांड बता..जिसमें फाॅल्ट ना आए..और हाँ, रेप्यूटेड हो..जेब से निकाल कर दिखाऊँ तो चार आदमी पूछें...बढ़िया चीज है यार, कहाँ से लिया..अच्छी डील मिल गई तुझे तो...
लेख साभार -
Rajeev Mishra​​ जी की कालजयी रचना को एक साल होगया
Manish Soni

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