रेणुका शर्मा की कलम से...
चेन्नई में ईसाई मिशनरियो का काला कारनामा छिपाने के लिए श्रीदेवी के लिए घड़ियाली आँसू बहाये जा रहे है ! ताकि लोगो का ध्यान इस काण्ड से हट जाए ! ये है तांबरम,चेन्नई के निकट सेंट जोसेफ़ करूनई-इल्लम ओल्डएज होम मतलब वृद्धाश्रम ! इनके यहाँ छापा पड़ा 21-22 तारीख को जब इस संस्था के ही एक गाड़ी में एक बूढ़ी औरत की 'बचाओ-बचाओ' की आवाज़ लगा रही थी रोड पे इसकी गाड़ी रोकी गई ..और उस गाड़ी से दो वृद्ध जनों को बचाया गया।. फिर इसके बाद इस ओल्डएज होम पे छापा पड़ा जहाँ इंटेलिजेंस वालों के होश उड़ गए। ओल्डएज होम पर लाशों का रैक बना हुआ था बड़े-बड़े बक्सों के अंदर .. और वो लाश थी ? जी . नहीं केवल मांस के लोथड़े ही बचे थे....
1600 से ऊपर ऐसे लोथड़े थे। इससे पहले तो पता नहीं कितने ही ऐसे लोथड़े मिट्टी में मिल गए होंगे । इनकी हड्डियां और अंग विदेशों में सप्लाई कर दिए जाते हैं, जहाँ बहुत माँग हैं इन सबकी । हॉस्पिटलस से ये लाशें लाते हैं और हड्डियों को निकालने का काम करते हैं। इनके ही वृद्धाश्रम से पता नहीं कितनों को मार कर इनकी हड्डियां और ऑर्गन्स बेचे जाते हैं।
सड़क किनारे से बुजुर्गों को उठा के लाते हैं सोशल सर्विस के नाम पर दान भी तगड़ा मिलता है सोशल सर्विस के नाम से और अंदर ये सब कुकृत्य किया जाता है...मेन स्ट्रीम मीडिया में नहीं मिला न ये सब ? कैसे मिलेगा ? सेंट फेंट वालों के यहाँ ऐसे चीज थोड़े न होते हैं, ऐसे कृत्य तो केवल बाबाओं के यहां ही होते हैं...
1600 से ऊपर ऐसे लोथड़े थे। इससे पहले तो पता नहीं कितने ही ऐसे लोथड़े मिट्टी में मिल गए होंगे । इनकी हड्डियां और अंग विदेशों में सप्लाई कर दिए जाते हैं, जहाँ बहुत माँग हैं इन सबकी । हॉस्पिटलस से ये लाशें लाते हैं और हड्डियों को निकालने का काम करते हैं। इनके ही वृद्धाश्रम से पता नहीं कितनों को मार कर इनकी हड्डियां और ऑर्गन्स बेचे जाते हैं।
सड़क किनारे से बुजुर्गों को उठा के लाते हैं सोशल सर्विस के नाम पर दान भी तगड़ा मिलता है सोशल सर्विस के नाम से और अंदर ये सब कुकृत्य किया जाता है...मेन स्ट्रीम मीडिया में नहीं मिला न ये सब ? कैसे मिलेगा ? सेंट फेंट वालों के यहाँ ऐसे चीज थोड़े न होते हैं, ऐसे कृत्य तो केवल बाबाओं के यहां ही होते हैं...
खैर मीडिया आज श्रीदेवी की अंतेष्टि में ही सारा दिन निकाल देगी और आखिर में ये खबर गायब हो जाएगी
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