Wednesday 26 August 2015

अंग्रेजो ने भारत में 200 साल से ज्यादा समय तक राज किया और देश को बुरी तरह से लूटा...सिर्फ एक ही नीति से ..."फूट डालो और राज करो"  1947 के बाद नेहरु ने भी इसी नीति को जारी रखा..अब इसी नीति को नए तरीके से लांच किया है...अपने आपको ईमानदार घोषित कर चुके श्री श्री केजरीवाल ने... जातिवाद के नाम पर आपस में लड़ाने वाली कांग्रेस कौनसी कम थी...जो दिल्ली की जनता ने लुटेरी कांग्रेस का नया वर्जन केजरीवाल के रूप में लांच कर दिया...
गुजरात में इस समय पानी,बिजली,सड़क,रोजगार जैसी कोई भी समस्या नही है.. गुजरात बीजेपी का अभेध गढ़ जो ठहरा,उसमें सेंध कांग्रेस तो लगा नही सकी...केजरीवाल ने अब गुजरात में इसी नीति के अनुसार वहाँ की समृद्धशाली जाति पटेलों को आरक्षण के नाम पर दूसरी जातियो से लड़ाना शुरू कर दिया है

ये हार्दिक पटेल केजरीवाल का ही चम्मचा है....अब इसको मिडिया के सहयोग से हीरो बनाया जा रहा है...गुजरात में हरेक नेता रैली के दौरान गुजराती में भाषण देते है आये है...पर ये हार्दिक पटेल हिंदी में भाषण दे रहा है....मतलब इसको पुरे देश के लीडर के तौर पर लांच किया जा रहा है..पटेलों को आरक्षण नही देने की मांग को लेकर दूसरी जातियों ने भी आंदोलन शुरू कर दिया है.....ये केजरीवाल अब धीरे धीरे ये आरक्षण के नाम पर अब पुरे देश की जनता को एक दूसरे से लड़वा सकता है ।
आरक्षण की मांग करने वाले मर्सीडीज, बी. एम. डब्ल्यू. व ओडी जैसी कारों में आ रहे हार्दिक पटेल ? . बहुत जल्दी अपनी असलियत उजागर कर दी।  केजड़ीवाल जैसी सफलता की आकांक्षा ? हार्दिक पटेल घोषित मोदी विरोधी है। लोकसभा चुनावों में इसने जमकर आप पार्टी का प्रचार किया था। गुजरात इसके पहले कांग्रेस के खाम को ठुकरा चुका है। आप पार्टी  का भी यही हश्र होगा..
आप आगे चलकर ऐसे अनेक केजरीवाल को खड़ा करने की कांग्रेसी साजिश को अच्‍छी तरह से समझ सकें। आज हार्दिक पटेल जैसे कई युवाओं को हिंदू समाज को तोड़ने के लिए खड़ा करने की योजना पर कांग्रेस ने काम शुरू कर दिया है। गो रक्षा आंदोलन, अयोध्‍या आंदोलन, 2014 का लोकसभा चुनाव- जब जब हिंदू एक हुआ है, उसके कुछ दिनों में ही उसे तोड़ने के लिए कांग्रेस सक्रिय हो उठी है। अभी भी वही हो रहा है।
 मुलायम सिंह यादव ने कहा था, 'यादव भी हिंदू हो गया, इसलिए हम हार गए।' सोनिया-केजरीवाल-लालू-मुलायम-नीतीश जैसों का एक ही काम है कि किस तरह से फिर से ब्राहमण, क्षत्रिय, यादव, शुद्र, दलित, बनिया आदि में हिंदू समाज को बांटकर सांप्रदायिकता की राजनीति के जरिए देश को बेचा, लूटा-सखोटा जाए।
  जब जब कांग्रेस सत्ता से बहार हुई तब तब आरक्षण का जिन बोतल से बहार निकला   अन्‍ना व केजरीवाल को खड़ा करने के लिए सोनिया गांधी ने वामपंथी स्‍तंभ लेखकों और टीवी चैनलों में बैठे पैनलिस्‍टों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम तक चलवाया था, ताकि वे लोग अखबार व टीवी के जरिए अन्‍ना के आंदोलन को देश का सबसे बड़ा आंदोलन साबित करें। याद रखिए, ये वही लोग थे, जिन्‍हें पाकिस्‍तानी एजेंट गुलाम नबी फई भी फंडिंग करता था।
गुजरात को बर्बाद करने के लिए रचा गया है
सबसे बड़ा षंडयत्र .............!!!!!
मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने भी कहा है कि
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार गुजरात
सरकार OBC, SC और ST को मिलाकर 50
फीसदी से अधिक आरक्षण दे ही नहीं सकती।
अगर हार्दिक पटेल की बात मानकर पटेलों को
27 फीसदी आरक्षण दे दिया तो बाकी
लोगों को क्या मिलेगा। हार्दिक पटेल ने
कहा है कि हम गुजरात सरकार की बातों को
अनदेखा करते हुए रैली को जरूर आयोजित करेंगे।
उसने यह भी कहा कि गुजरात के बाद वे लोग
पूरे देश में ऐसी रैलियां करके कमल को देश से
उखाड़ फेंकेगें। अब देश को यह समझना है कि यह
लड़का पटेल समुदाय को आरक्षण दिलाने के
लिए राजनीति में आया है या कमल को देश से
उखाड़ फेंकने।
आंख खोलिए, वर्ना आपके बच्‍चे भी जातिगत आरक्षण का कटोरा पकड़े नजर आएंगे, जैसे गुजरात का मजबूत पटेल समाज आज सरकारी भीख का कटोरा लपकने के लिए लालायति है। याद रखिए, आपको याचक बनाकर ही गांधी परिवार दुनिया के अमीर लोगों में शामिल हुआ है।
तो ये लोग है गुजरात में दंगा करने वाले ...
गुजरात पुलिस ने गुजरात के अनेक शहरो में दंगा करते और कराते हुए अनेक ऐसे लोगो को पकड़ा है न तो गुजराती है न ही पटेल जाती के ।ये लोग दिल्ली, उत्तरप्रदेश और बिहार से 4-5 दिन पहले ही वहां गए थे । अब जनता और प्रशासन समझे कि ये वंहा क्यों गए थे ? साथ ही इसकी भी जांच जरूरी है कि इनको गुजरात के भिन्न-भिन्न शहरो में किसने भेजा था? और इन्हें पैसा कंहा से और कितना मिला था ?
इन सब पर NSA लगाकर देश द्रोह का मुकदमा चलाया जाय और इन्होंने जो अपने-अपने चेहरे छिपा रखे है उन्हें जनता के सामने लाया जाय ।

13 साल तक गुजरात शांत था... और बुद्धि बेचकर खाने वाले "बौद्धिक कव्वे" कहते हैं, मोदी क्षमतावान नहीं हैं...उधर तमाम बिहारी नेता जनगणना के जातिगत आँकड़े उजागर करने की माँग कर रहे हैं... वे समझ गए हैं कि मोदी को हराना हो तो देश को जाति से तोड़ो, भड़काओ... टुकड़े-टुकड़े कर दो..शाबाश केजरीवाल... शाबाश लालू...
प्रधानमंत्री मोदी भी गुजरात के हालात देखकर तड़प उठे हैं। जिस गुजरात को उन्होंने अपने खून पसीने से सींचा था, जिसकी उन्नति के लिए वे 18 घंटे लगातार काम करते थे आज वही गुजरात आरक्षण की आग में जलने को तैयार है।
आंदोलन की यह आग  हिंसक रुप ले चुकी है। अभी यह गुजरात के कुछ हिस्सो मे भड़की है। हो सकता है कल को पुरे गुजरात और परसो पुरे देश मे फैल जाए। क्या बर्दाश्त करेंगे गृहयुद्ध ? समय और परिस्थिति बहुत नाजुक है, जहा एक मामुली सी चिंगारी भयंकर आग का रुप ले सकती है और देश और समाज को जातिवाद के दलदल मे धकेल सकती है। पढ़ने वाला भले पटेल हो, ओबीसी हो, जनरल हो या किसी भी वर्ग का हो। अगर देश हीत और भारत माता की अखंडता चाहता है। तो संयम और समझदारी से इस आग को रोकने मे सहयोग करेगा।

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 1988 आते आते  सिख आतंकियों ने  golden temple complex में  अड्डा बना लिया । राजीव गांधी की सरकार थी । उन्होंने आदेश दिया ...खाली कराओ । सेना ने घेरा डाल दिया । सारी तैयारी हो चुकी थी । तभी दिल्ली से निर्देश आया । एक भी civilian मरना नहीं चाहिए और स्वर्ण मंदिर को कोई नुक्सान नहीं पहुंचना चाहिए ।
अब अंदर बैठे 300 से ज़्यादा आतंकी क्या मेमने हैं कि गए और पकड़ लाये ?
सुरक्षा बलों की top leadership स्वर्ण मंदिर के बगल में एक होटल के कमरे में योजना बना रही थी कि अब क्या किया जाए । तभी वहाँ एक आदमी आया । एक सिख रिक्शे वाला । आया क्या लाया गया । My self Ajit Dobhal ..
अजित डोभाल पिछले 6 महीने से उन्ही आतंकियों के बीच एक I S I agent के रूप में रह रहे थे । आतंकी ये समझते थे कि ये I S I वाला हमारी मदद के लिए भेजा गया है । उन्होंने आतंकियों की सारी स्थिति , संख्या , हथियार , morale सबकी detail जानकारी दी । ये भी नक्शा बनाया कि कौन कहाँ कैसे बैठा है ।
सवाल ये था कि बिना एक भी आदमी मारे और परिसर को नुक्सान पहुंचाए ये काम कैसे हो ?
इसका हल भी Ajit Dobhal ने ही दिया । और जो हल दिया उसे सुन के अफसर हंस पड़े .. पर वो serious थे ।

सालों को टट्टी मत करने दो ...हाँ . टट्टी मत करने दो ... साले हगाये मरेंगे तो अपने आप बाहर भागेंगे ।
फिर उन्होंने पूरे नक़्शे के साथ प्लान दिया । सेना ने परिसर के एक कोने में बने शौचालयों पे कब्जा कर लिया । और परिसर की बिजली पानी काट दी ।  फ़ौज की सिर्फ एक planning थी । कोई शौचालय में न आने पाये । दूरदर्शन का live telecast चालू करवा दिया ।
may का महीना । भयंकर गर्मी । न बिजली न पानी  और न शौचालय । ऊपर से 450 आदमी । पंजाब पुलिस mike पे request कर रही थी .......please बाहर आ जाओ । surrender कर दो । कोई तुमको कुछ नहीं कहेगा ...
.TV पे पूरा देश देख रहा था । ये घेराबंदी 9 दिन चली । अंत में सबने surrender कर दिया ... 300 से ज़्यादा terrorist थे जिनमे सबसे दुर्दान्त पेंटा था जिसने सबके सामने cyanide खा लिया ।
बाद में TV पत्रकारों का एक दल अंदर भेजा गया । दरबार हॉल की main kitchen में जो बड़े बड़े बर्तन थे .. हंडे ,पतीले ,देग ,बाल्टियां ...वो जिनमे प्रसाद बनता था .. सब मल और मूत्र से भरे हुए थे औ पूरे परिसर में सिर्फ एक ही चीज़ दिखती थी . टट्टी ... आखिर 450 आदमी 9 दिन कहाँ हगेंगे मूतेंगे ... पीने को एक बूँद पानी नहीं . हग के धोएंगे कैसे ..ये नज़ारा पूरे देश ने देखा ..पत्रकारों ने जो reporting की उसमे एक बात प्रमुख थी ..OMG कितनी बदबू है ।
सिख समाज आतंकियों की इस हरकत से बहुत बहुत ज़्यादा आहत हुआ । सबने देखा कि स्वर्ण मंदिर को किसने गंदा किया । पूरा सिख समाज ही इन आतंकियों के खिलाफ उठ खड़ा हुआ । इस घटना के एक साल के अंदर पंजाब पुलिस ने पंजाब की सड़कों पे इन आतंकियों को दौड़ा दौड़ा के मारा । और सिर्फ 3 महीने में शांति बहाल कर दी । बहुत कम लोग जानते हैं कि ये पूरी योजना Ajit Dobhal ने बनायी थी ।
ये जानकारी एक फौजी जनरल ने एक लेख में दी है जो एक डिफेंस journal में छपा है । ये जनरल स्वयं उस रूम में मौजूद थे जहां डोभाल जी ने पूरा प्लान बनाया । बहुत कम लोग जानते हैं कि पंजाब में आतंक के खिलाफ लड़ाई में KPS Gill के सबसे बड़े सहयोगी Dobhal थे ...
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गुजरात जल रहा है, मीडिया पेट्रोल डाल रहा है, क्योंकि हार्दिक पटेल गुजरात की साम्प्रदायिक सरकार के खिलाफ भाषण दे रहा है।
अंग्रेजों के बाद इस देश का सबसे अधिक नुकसान मीडिया ने किया है,इनकी खबर नहीं ली गई तो हमें केजरी जैसे नक्सलियों को झेलते रहना होगा, गुजराती टीवी चैनलों और कई राष्‍ट्रीय चैनलों ने टीआरपी के चक्‍कर में गुजरात पटेल आंदोलन को जिस तरह कवर किया, रिपोर्टरों और एंकरों ने जिस तरह उतेजित भाषा का उपयोग किया, उसे देखते हुए  ऐसे सभी टीवी चैनलों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाने चाहिए। इन चैनलों ने बढ़ा चढ़ाकर बातें पेश की और आग में घी का काम किया।

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