Wednesday 26 August 2015

नेताजी के सामने नेहरू की वही ओकात थी जो आज मोदी जी के सामने राहुल गांधी की है ...
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वीर सावरकर जी ने दो-दो आजीवन कारावास की सजा भुगती। उनकी सारी संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली थी।
 आजादी के बाद भी कांग्रेस सरकार उन्हें आतंकवादी कहती रही और गांधी जी की हत्या के केस में भी फंसा दिया, जबकि अदालत ने उन्हें निर्दोष माना...
ऐसा महामानव वर्षो तक आजाद भारत में बिना घर रहा, तब कहीं जाकर के नरेंद्र जी और गुरुदत्त जी ने निजी धन से उनका पैत्रक घर खरीदा और सावरकर जी को जन्मदिन पर भेंट किया....
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अपने देश में अगर मक्कार टाईप के स्वार्थियो तथा ढक्कन टाईप के मूर्खो की बहुत बड़ी आवादी न होती तो अपना देश बहुत पहले दुनिया के शीर्ष विकसित देशो की कतार में शामिल हो चुका होता ..हम लाख कहे ''मेरा भारत महान'' लेकिन इसी देश में मक्कार कमीनो , स्वार्थियों तथा ढक्कन टाईप के बदजात मूर्खो की बहुत बड़ी आवादी है ..और यही तबका देश की हर बर्वादी का असली गुनाहगार है ..
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पटेल का नाम सुनकर मस्तक स्वतः ही सम्मान से झुक जाता है पर यह कजरी का शिष्य पपलू हार-डिक पटेल आ गया है जातिवाद फ़ैलाने के लिए..
 देश में नरेंद्र भाई मोदी विरोधी नेता, एनजीओकर्मी, मीडिया, नौकरशाह एवं विदेशी फंडिंग एजेंसी एकजुट हो रहे हैं ताकि 2019 लोकसभा चुनाव में सिर्फ और सिर्फ एक इंसान नरेंद्र भाई को झुका सकें |
यह कजरी पोषित पपलू हार-डिक भी उसी जमात का है 
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खुजलीवाल और कोंग्रेसीयो की चाल कामयाब हो गयी !! उन्का मोहरा (हार्दिक पटेल) और उनके चमचो ने पुर्व-प्लानिंग के तहत रैली खत्म होते ही पुरे गुजरात मे ठेर ठेर आग लगाना शुरु कर दिया !!
12 साल बाद कुछ एरिया मे कर्फ्यू लगाना पडा ... 12 साल की शांति हजम नहि हुई !
क्या मिला ?? पहले ही कहा था कि ... ये आंदोलन से सिर्फ "नक्सली खुजलीवाल" पेदा होएगा .... आरक्षण नहि..



इन दिनों गुजरात ‘पाटीदार पटेलों’ द्वारा मांगे जा रहे आरक्षण की आंच से घिरा हुआ है। पटेलों को मनाने की राज्य सरकार की हर कोशिश विफल हो चुकी है और अब पूरे गुजरात में जगह-जगह रैली और प्रदर्शन हो रहे हैं।
आ रहे हैं सामने:पर्दे पीछे के खिलाड़ी
गुजरात सरकार के लिए सिरदर्द बनते जा रहे पाटीदार पटेल के आरक्षण की आग जैसे-जैसे फैलती जा रही है, वैसे-वैसे पर्दे पीछे के खिलाड़ियों के नाम भी उजागर होते जा रहे हैं इसके पीछे मुख्य भूमिका निभाने वाले पटेल समुदाय के नेता वजुभाई पडसाला और बीजेपी के कुछ नेता हैं, जो आनंदीबेन सरकार से खुश नहीं हैं।इसमें भी सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम है ‘आप’ पार्टी के प्रमुख व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। जी हां, यह बात का मुख्य आधार हार्दिक पटेल के वे ट्वीट्स हैं, जो उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल के समर्थन में किए थे।
हार्दिक पटेल के ट्वीट्स हुए वायरल:
अरविंद केजरीवाल का नाम आरक्षण आंदोलन के संयोजक हार्दिक पटेल के ट्वीट्स के चलते उजागर हुआ है।ट्वीट्स हार्दिक पटेल ने लोकसभा चुनाव से पहले किए थे, जो इस समय गुजरात में वायरल हो गए हैं। इससे पता चलता है कि हार्दिक ने अरविंद केजरीवाल का खुलकर समर्थन किया था। े खिलाफ और केजरीवाल के समर्थन में हैं।
आप पार्टी के नेता हैं हार्दिक पटेल के सबसे करीबी:
वहीं, इस समय हार्दिक पटेल के सबसे करीबी व्यक्ति यानी कि चिराग पटेल भी आप पार्टी के नेता हैं। चिराग पटेल वही हैं, जो 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आप पार्टी के टिकट पर आनंदीबेन के खिलाफ खड़े हुए थे|
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क्या मीडिया निष्पक्ष है? 
मुल्ला, मौलबी और पादरियोँ की काली करतूत पर मीडिया को साँप क्योँ सूँघ जाता है?
कश्मीर के बूदगम मे गुलजार अहमद भट (42) पिछले 18 साल से मदरसा चला रहा था ! मदरसे मे 500 से अधिक लड़कियों के रहने खाने की व्यवस्था थी !यहाँ लड़कियों को कुरान और मजहब कि तालीम दी जाती थी ! लेकिन गुलजार ने मदरसे मे इस्लामी परम्परा का पालन करते हूए 200 नाबालिग लड़कियों का बलात्कार किया! मई 2013, चार लड़कियों ने मिल के गुलजार के यौन शोषण के खिलाफ शिकायत कर दी !गुलजार गिरफ्तार हो गया ! पुलिस छापे मे मदरसे मे से ताकत कि दवा अशलिल साहित्य और अशलिल वीडियो सीडी मिली !ये खबर दो चैनलों पे केवल एक बार दीखाई गई !
 आशारामजी को गिरफ्तार कर के चैनल वालो ने 2 महीने तक पल पल कि रिपोर्टिंग कि थी ! रामपाल के केस मे भी मीडिया कि सक्रियता और रिपोर्टिंग हर चैनल पे देखी जा सकती है !लेकिन मौलवीयो का नकाब उतार के इस्लाम कि काली दुनिया का घीनौना सच मीडिया किस दबाव मे छीपा लेता है ! क्या मीडिया निष्पक्ष है ?
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