Tuesday 15 December 2015

New Delhi: गोमाता अब विद्यार्थियों के सेलेबस में शामिल होने जा रही हैं, आप कहेंगे भला इसमें क्या नया, गोमाता पर तो हम बचपन से निबंध लिखते आए हैं और गोमाता के आशीर्वाद से परीक्षाएं भी पास करते आए हैं… तो आपके सवाल का जवाब ये है कि अब गाय सिर्फ निबंध भर के लिए पाठ्यक्रम में नहीं होगी बल्कि अब पाठ्यक्रम में गायों का संरक्षण और इसके गोबर से जैविक खाद बनाने और इस्तेमाल को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
लखनऊ में गांवों के विकास पर हुई एक कार्यशाला में पहुंचे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि गायों के संरक्षण के देसी तरीकों और जैविक खाद के इस्तेमाल को कृषि के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उनकी इस सोच के पीछे अपना अनुभव है। बालियान कहते हैं कि जब वो पशु चिकित्सा के छात्र थे तो उन्हें कभी भी गायों के संरक्षण और कृषि में सुधार के लिए देसी तरीकों के इस्तेमाल के बारे में कभी पढ़ाया ही नहीं गया। बालियान को अपने अनुभव से लगता है कि कृषि की पढ़ाई करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को गाय के संरक्षण के बारे में शिक्षा दी जानी चाहिए।

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