ATS पर पुरोहित और प्रज्ञा के खिलाफ जबरन बयान दिलवाने का आरोप
2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में गवाहों के कानूनी रूप से स्वीकृत बयानों को खो देने के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हाल ही में नए सिरे से 2 गवाहों के बयान दर्ज किए। डॉक्टर आर.एन. सिंह और यशपाल भंडाना द्वारा दी गई ताजा गवाही में मामले के मुख्य आरोपियों में से एक लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को क्लीन चिट दी गई है। NIA प्रमुख शरद कुमार ने कहा कि मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी कर्नल पुरोहित को समझौता एक्सप्रेस धमाका मामले से जोड़ने का कोई सबूत नहीं है।
ये दोनों ही गवाह कथित तौर पर एक दक्षिणपंथी हिंदू संगठन अभिनव भारत के सदस्य हैं। इस संगठन पर ‘भगवा आतंकवाद’ फैलाने का आरोप है। सिंह और भंडाना की गवाही दिल्ली में एक मैजिस्ट्रेट के सामने रेकॉर्ड की गई।। मुंबई मिरर ने 7 अप्रैल को खबर दी थी कि किस तरह इस मामले से जुड़े लगभग 10 गवाहों द्वारा CrPC की धारा 164 के तहत पहले दर्ज करवाए गए बयान गायब हो गए हैं। इस धारा के अंतर्गत मैजिस्ट्रेट के सामने रेकॉर्ड करवाया गया बयान कानूनन ट्रायल कोर्ट में एक साक्ष्य की तरह स्वीकार्य होता है।
29 सितंबर 2008 को मालेगांव के भिक्कु चौक में कम क्षमता वाले 2 बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 7 लोगों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक लोग घायल हो गए थे। NIA को मामला सौंपे जाने से पहले महाराष्ट्र पुलिस ATS इस केस की जांच कर रहा था। ATS ने इस केस की तफ्तीश करते हुए लगभग 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और भारतीय सेना में नौकरी कर रहे अधिकारी श्रीकांत पुरोहित भी शामिल थे।
‘सिंह और भंडाना के ताजा बयान इस पूरे मामले के जांच की दिशा को बदल देंगे।
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