भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी गुजरात मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को ‘‘खत्म’’ कर देना चाहती थी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस योजना पर बड़ी सक्रियता से काम किया।
केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि मीडिया में आई एक न्यूज़ में दावा किया गया है कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इशरत जहाँ मुठभेड़ मामले के पहले हलफनामे पर दस्तख्त किए थे. कांग्रेस, खास तौर से सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल को ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए, क्योंकि पी चिदंबरम ने एेसा इसलिए किया, क्योंकि कांग्रेस पार्टी को राजनीतिक तौर पर नरेन्द्र मोदी से लोहा लेना कहीं मुश्किल लगा.
, ‘‘आपने आतंक की योजना इस तरह से बनाई जो उन्हें (मोदी को) खत्म कर सकती थी। आपने यह साफ तौर पर माना कि आप उनसे राजनीतिक तौर पर नहीं लड़ सकते थे। इसलिए खत्म करो या खत्म करने की इजाजत दो या उस नेता के खात्मे को बढ़ावा दो, जिससे राजनीतिक तौर पर लड़ा नहीं जा सकता।’’
निर्मला सीतारमन ने कहा कि यह बहस सिर्फ पी चिदंबरम तक ही सीमित नहीं रही। ‘‘सोनिया गांधी ने खुद इस पर सक्रियता से काम किया। यही वजह है कि वह उस शहर में गईं और कहा कि मुठभेड़ हुई है. हालांकि एेसी कोई खुफिया सूचना नहीं थी कि कोई आतंकी साजिश थी।’’ सीतारमन ने कहा, ‘‘वह चुपचाप यह देखना चाहते थे कि आतंकी साज़िश एक राजनीतिक विरोधी का खात्मा करने के स्तर तक बढ़ जाए। सबसे गंभीर चिंता की बात यह है कि देश के गुप्तचर और प्रति गुप्तचर तंत्र को किस तरह से कमजोर किया गया।’’
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