मैदानी इलाकों में पानी का टोटा
मरुस्थल में बन रही नदी ..!
जैसलमेर जिले के नचाना क्षेत्र में पाकिस्तान बार्डर से 50 किमी की दूरी पर एक किसान ने सात साल पहले पानी की खोज में खुदाई की थी।
जिसके बाद उन्हें वहां जमीन से 560 फिट नीचे पानी मिला। इस पानी का बहाव इतना तेज है कि लोग इसे रोकने में लगे हैं लेकिन सफल नहीं हो पा रहे हैं।
जैसलमेर के अरश्द अलि ने नचाना के चरणवाल गांव में ट्यूब वेल की खुदाई शुरू की थी। खुदाई के बाद निकले पानी के बहाव को अभी भी रोक नहीं जा सका है। अरश्द के खेत पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। साथ ही आसपास के खेतों में भी पानी भर गया है।
उस क्षेत्र में 60 वर्ग किलोमीटर में पानी का बहाव कम नहीं हुआ है। क्षेत्र में कई और किसानों ने ट्यूब वेल खोद ली है। वहां ट्यूब वेल की संख्या 10 हो गयी है और सभी का बहाव बहुत तेज है। किसानों को कहना है यदि पानी के बहाव को रोकने की कोशिश की गई तो पाईप के फटने की आशंका है।
एक ओर जहां देशभर के कई राज्य सूखा झेल रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश के सबसे सूखे क्षेत्र में इतना पानी मिलना चौंकाने वाली बात है।
सरकार का मानना है की यह सरस्वती नदी का पानी है। इस पर अध्ययन करने के लिए सरकार ने परियोजना शुरू की है।हालांकि वहां के निवासियों का मानना है की यह पानी भगवान शिव की देन है इसीलिए उन्होंने वहां शिव की एक मूर्ति रखकर पूजा शुरू कर दी है। निवासियों ने वहां पर एक मन्दिर बनाने की मांग की है।
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