किडनी, ब्लड शुगर, लीवर और बवासीर का इलाज मात्र 10 रुपए में
पेड़ पौधों की दुनिया का चमत्कारी पौधा कासनी, के बारे में आज हम आपको बताते हैं। किडनी, ब्लड शुगर, लीवर और बवासीर जैसी बीमारियों में इस मेडिसन पौधे की पत्तियों का सेवन मरीजों के लिए रामबाण का काम कर रही है। आर्युवेदिक गुणों से भरपूर इन पौधे की मांग न केवल देश भर में है बल्कि विदेशों तक के डॉक्टर इन रोगों से ग्रसित मरीजों को कासनी के सेवन की सलाह दे रहे हैं। एम्स के डॉक्टर्स भी इसका लोहा मान चुके हैं। आपको सिर्फ इतना करना है कि हर रोज इसकी कुछ पत्तियां तोड़कर चबाना है।
आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर कासनी किडनी, ब्लड शुगर, लीवर सहित बवासीर जैसी घातक बीमारियों में बडी कारगर साबित हो रही है, जिसके चलते पिछले दो साल में लगभग 25 हजार से अधिक कासनी के पौधों की डिमांड देश के हर हिस्से से आई है। मात्र दस रुपए की कीमत वाले इस हर्बल पौधे की मांग अब देश के साथ साथ विदेश तक में हो रही है। औषधीय पौधशाला के इंचार्ज मदन विष्ट बताते है कि इसकी खासियत के चलते अब प्रतिमाह पूरे देश से पांच हजार पौधे की डिमांड आ रही है।
इस वनस्पति पौधे के गुणों के बारे में आर्युवेद में भी वर्णन किया गया है। वरिष्ठ आर्युवेदाचार्य आशुतोष पंत बताते है कि इसका आर्युवेद के साथ साथ सिद्व पद्वति में भी इस पोधे का जिक्र किया है। यह पौधे का सेवन फेफडे के रोगियो के लिए वरदान है। दरअसल कासनी की तीन प्रजाति है पीला, नीला और सफेद रंग के फूल वाली लेकिन सबसे ज्यादा फायदेमंद नीले रंग के फूल वाले कासनी के पौधे हैं। उत्तराखण्ड की जलवायु और हल्द्वानी के वनएवं अनुसंधान केन्द्र में हुयी रिसर्च ने इन विलुप्त होते गुणी पौधे को तो नई ऊचाइयां दी हैं
APRIL 12, 2016 भोपाल समाचार के अनुसार
पेड़ पौधों की दुनिया का चमत्कारी पौधा कासनी, के बारे में आज हम आपको बताते हैं। किडनी, ब्लड शुगर, लीवर और बवासीर जैसी बीमारियों में इस मेडिसन पौधे की पत्तियों का सेवन मरीजों के लिए रामबाण का काम कर रही है। आर्युवेदिक गुणों से भरपूर इन पौधे की मांग न केवल देश भर में है बल्कि विदेशों तक के डॉक्टर इन रोगों से ग्रसित मरीजों को कासनी के सेवन की सलाह दे रहे हैं। एम्स के डॉक्टर्स भी इसका लोहा मान चुके हैं। आपको सिर्फ इतना करना है कि हर रोज इसकी कुछ पत्तियां तोड़कर चबाना है।
आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर कासनी किडनी, ब्लड शुगर, लीवर सहित बवासीर जैसी घातक बीमारियों में बडी कारगर साबित हो रही है, जिसके चलते पिछले दो साल में लगभग 25 हजार से अधिक कासनी के पौधों की डिमांड देश के हर हिस्से से आई है। मात्र दस रुपए की कीमत वाले इस हर्बल पौधे की मांग अब देश के साथ साथ विदेश तक में हो रही है। औषधीय पौधशाला के इंचार्ज मदन विष्ट बताते है कि इसकी खासियत के चलते अब प्रतिमाह पूरे देश से पांच हजार पौधे की डिमांड आ रही है।
इस वनस्पति पौधे के गुणों के बारे में आर्युवेद में भी वर्णन किया गया है। वरिष्ठ आर्युवेदाचार्य आशुतोष पंत बताते है कि इसका आर्युवेद के साथ साथ सिद्व पद्वति में भी इस पोधे का जिक्र किया है। यह पौधे का सेवन फेफडे के रोगियो के लिए वरदान है। दरअसल कासनी की तीन प्रजाति है पीला, नीला और सफेद रंग के फूल वाली लेकिन सबसे ज्यादा फायदेमंद नीले रंग के फूल वाले कासनी के पौधे हैं। उत्तराखण्ड की जलवायु और हल्द्वानी के वनएवं अनुसंधान केन्द्र में हुयी रिसर्च ने इन विलुप्त होते गुणी पौधे को तो नई ऊचाइयां दी हैं
APRIL 12, 2016 भोपाल समाचार के अनुसार
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