कोचीन एयरपोर्ट सौर ऊर्जा से चलने वाला दुनिया का सबसे पहला हवाई अड्डा
बन गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हवाई अड्डा के लिए बिजली करीब
45 एकड़ में फैले सोलर पावर प्लान्ट से ली जा रही है। 12 मेगावाट के इस सोलर
पावर प्लान्ट का निर्माण करीब 3 साल पहले शुरू किया गया था, जो अब पूरा कर
लिया गया है।
यह अब 100 फीसदी सौर ऊर्जा से चलने वाले हवाई अड्डा बन गया है। इसके निर्माण में
करीब 62 करोड़ रुपए का खर्च आया है। प्लान्ट से पैदा की गई बिजली को बेचकर इसका
भुगतान किया जाएगा।
इस प्लान्ट में 45,107 सोलर पैनल्स लगे हैं, जो हवाई अड्डा के ऊर्जा संबंधी
जरूरतों का निवारण करते हैं। यही वजह है कि एयरपोर्ट की तरफ से अब
बिजली के बिल का भुगतान बंद कर दिया गया है।
बताया गया है कि कोचीन एयरपोर्ट के सोलर पावर प्लान्ट से प्रतिदिन करीब 50 हजार
से 60 हजार युनिट तक बिजली पैदा होती है। सोलर पैनल बिजली पैदा करने के
साथ-साथ सरकारी पॉवर ग्रिड्स को भी ऊर्जा प्रदान करने में मदद कर रहे हैं।
गौरतलब है कि कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के 7 सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है।
कोचीन की तर्ज पर कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी 70 एकड़ के एरिया
में इस तरह का ही सोलर प्लान्ट बनाने का विचार कर रहा है।
अंदाजा लगाया जा रहा है कि 2020 तक सौर ऊर्जा कोयले से पैदा होने वाली
ऊर्जा से सस्ती हो जाएगी।
यही नहीं, भारत सौर ऊर्जा के इस्तेमाल की दिशा में जिस तरह कदम बड़ा रहा है,
उससे ऐसा लगता है कि यह देश सोलर पावर प्लांट वाले देशों में से सबसे आगे होगा।
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