Friday, 22 April 2016

उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार बनाने के लिए न्याय का गला घोटने वाले नैनीताल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के.एम. जोसेफ का काला इतिहास ....
के. एम. जोसेफ के पिता के के मैथ्यू थे .. के के मैथ्यू को इंदिरा गाँधी ने इमरजेंसी के दौरान बिना किसी प्रक्रिया के बैक डोर से सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया था ..जबकि के के मैथ्यू केरल में कांग्रेस के बड़े नेता थे .. वो कांग्रेस और इंदिरा गाँधी के कितने बड़े चमचे थे उसका जीता जागता उदाहरण है की जब वो रिटायर हुए तब इंदिरा गाँधी ने उन्हें प्रेस कमिशन ऑफ़ इण्डिया का चेयरमैन बनाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया था .. बाद में उन्हें ला कमिशन का चेयरमैन नियुक्त किया गया ... ला कमिशन का भारत के न्यायपालिका का सबसे बड़ा ताकत का केंद्र है ..
के एम जोसेफ को कांग्रेस ने केरल में मात्र इसलिए जज बनाया था ताकि वो केरल की महाभ्रष्ट कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के तमाम मामलो से बचा सके.और उन्होंने ये किया भी ... जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है की पामोलीन आयत घोटाले में तमाम सुबूतो के बावजूद भी उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री ओमान चंडी को क्लीनचिट दी थी ..जबकि तमाम सुबूत थे जो साबित करते थे की ओमान चंडी ने उस फर्म से 15% घूस ली थी ... हलांकि उनके इस निर्णय को बाद में बड़ी बेंच ने बदल दिया था .. इतना ही नही इन्होने केरल के सोलर घोटाले में जांच की मांग करती एक याचिका को ये कहकर ठुकरा दिया था की सोलर केस में कोई घोटाला हुआ ही नही है इसलिए जाँच की जरूरत नही है .. जबकि बाद में सुप्रीमकोर्ट ने जब जांच के आदेश दिए तो साबित हुआ की ओमान चंडी ने सोलर कम्पनी से न सिर्फ करोड़ो रूपये घूस ली थी बल्कि उस कम्पनी की एक एम्लाई सरिता के साथ वो कई बार हमबिस्तर भी हुए थे ..इस केस में भी पुलिस ने कई लोगो को गिरफ्तार किया ... बाद में जब केरल में जोसेफ का पाप इतना बढ़ गया और ये साबित हो गया की इनके अंदर का कांग्रेसीपन अब जगजाहिर हो गया है तो कांग्रेस ने इनको इनकी "सेवाओ" का ईनाम देते हुए इन्हें नैनीताल हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बना दिया .. जबकि ये सीधे सीधे नियमो के खिलाफ था ... इन्हें मात्र १० सालो के अनुभव पर ही सीधे किसी हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस कैसे बनाया जा सकता है ?
 कांग्रेस ने न्यायपालिका में चुन चुनकर कांग्रेसियो को भर दिया है ..

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