Sunday, 15 January 2017

10वीं के छात्र ने सेना के लिये बनाया बारूदी सुरंगों का निष्क्रिय करने वाला ड्रोन ...!

अहमदाबाद। वाइब्रेंट गुजरात समिट में 14 साल के एक बच्चे हर्षवर्धन ने गुजरात सरकार के साथ 5 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर किया है। हर्षवर्धन जाला नाम के इस बच्चे ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है, जिससे युद्ध के मैदान में लैंड माइंस का पता लगाया जा सकेगा और ड्रोन की मदद से ही उनको निष्क्रिय भी किया जा सकेगा। 
टीवी पर देखा...सैनिक हो रहे थे बम से घायल तभी...
हर्षवर्धन जाला के मुताबिक लैंड माइन धमाकों के शिकार जवानों को देखकर उसके मन में इस तरह के ड्रोन विमानों को बनाने की ख्याल आया। हर्षवर्धन ने बताया कि एक दिन टीवी देखने के दौरान मैंने देखा कि कई सैनिक बारूदी सुरंगों को नष्ट करने या उन्हें डिफ्यूज़ करने के चक्कर में गंभीर रूप से घायल हो रहे थे। तभी मुझे लगा कि अगर किसी ऐसे ड्रोन पर काम किया जाए जो बारूदी सुरंगों की पहचान कर उन्हें अपने आप ही डिफ्यूज कर दे, तो जवानों की सहायता की जा सकती है। इसके बाद मैंने बारूदी सुरंगों की पहचान करने वाले इन ड्रोन्स पर 2016 में काम करना शुरू कर दिया था।


गुजरात सरकार हर्ष के इस प्रोजेक्ट पर काम करेगी :
अहमदाबाद में हुए वायब्रेंट गुजरात समिट में हर्षवर्धन ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौते के अनुसार गुजरात काउंसिल ऑन साइंस एंड टैक्नॉलॉजी और गुजरात सरकार हर्ष के इस प्रोजेक्ट पर काम करेगी, साथ ही हर्षवर्धन के इस प्रोजेक्ट को वित्तीय सहायता भी दी गई.
हर्षवर्धन बताते हैं कि यह ड्रोन पहले इन्फ्रारेड सेंसर के जरिए सुरंग का पता लगाएगा, उसके बाद 50 ग्राम के डेटोनेटर से सुरंग को निष्क्रिय करने का काम करेगा. हर्षवर्धन ने पहले बारूदी सुरंग का पता लगाने के लिए एक रोबोट बनाया था लेकिन उन्हें लगा कि रोबोट का वजन ज्यादा होने की वजह से वो ब्लास्ट को ट्रिगर कर सकता है. फिर उन्होंने ड्रोन के बारे में सोचा, जो दूर रहकर भी सुरंग का पता लगा पाएगा.
ड्रोन की लागत लगभग 5 लाख रूपये है, जिसमें आधे हिस्से की वित्तीय सहायता गुजरात सरकार देगी. अब ड्रोन के कमर्शियल प्रोडक्शन की संभावना पर विशेषज्ञ भी चर्चा करेंगे.
इन सुविधाओं से लेश है ड्रोन
  1. इस ड्रोन की खासियत है कि ये बारूदी सुरंगों की पहचान करने के बाद उन्हें नष्ट कर सकता हैं।
  2. ड्रोन में मैकेनिकल शटर वाला 21 मेगापिक्सल के कैमरे के साथ इंफ्रारेड, आरजीबी सेंसर और थर्मल मीटर लगा है।
  3. कैमरा हाई रिजॉलूशन की तस्वीरें भी ले सकता है।
  4. ड्रोन जमीन से दो फीट ऊपर उड़ते हुए आठ वर्ग मीटर क्षेत्र में तरंगें भेजेगा।
  5. तरंगें लैंड माइंस का पता लगाएंगी और बेस स्टेशन को उनका स्थान बताएंगी।
  6. इस ड्रोन में 50 ग्राम का एक बम भी रखा है, जो इन सुरंगों को नष्ट करने के भी काम आता है।

No comments:

Post a Comment