Saturday, 21 January 2017

जमीन पर बैठकर  खाना खाने की परंपरा क्यों चली आ रही है सदियों से, क्या है इसके फायदे...

हमारे बडे़-बूढ़ें आज भी जमीन पर बैठकर खाना खाते हैं। ऐसा इसलिये नहीं कि उनके विचार पुराने हैं ऐसा इसलिये क्योंकि जमीन पर बैठकर खाना खाने से हमारा स्वास्थ्य सही रहता है । भारत देश में जमीन पर बैठकर खाना खाने कि परंपरा सदियों से चली आ रही है। भले ही आजकल लोग डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाते हों, लेकिन कई घरों में आज भी लोग ज़मीन पर बैठकर खाना खाते हैं।
क्या आप जानते हैं कि जमीन पर बैठकर खाना खाने के भी कई फायदे होते हैं। आइये हम आपको बताते हैं?

वजन नियंत्रण में रहता है...
सुखासन यानी पालती मारकर बैठना, जब हम सुखासन में बैठते हैं तो हमारा दिमाग अपने आप शांत हो जाता है और हम ढंग से भोजन पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं । जिससे हमारा वजन नियंत्रण में रहता है ।

जरूरत से ज्यादा खाना खाने से बचते हैं... 

डाइनिंग टेबल की बजाए सुखासन में बैठ कर खाने से खाने की गति धीमी होती है। यह पेट और दिमाग को सही समय पर तृप्ति का एहसास करवाता है। सुखासन में बैठकर खाने से आप जरूरत से ज्यादा खाने से बचते हैं।

डाइजेस्टिव सिस्टम सुधारता है

सुखासन पाचन में मदद करने वाली मुद्रा है। जब हम भोजन करने के लिए इस मुद्रा में बैठते हैं, तो पेट से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।

दिल को मजबूत बनाता है

जमीन पर बैठ कर खाना खाने से हमारा ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। इस तरह दिल बड़ी आसानी से पाचन में मदद करने वाले सभी अंगों तक खून पहुंचाता है, लेकिन जब आप कुर्सी पर बैठ कर खाना खाते हैं तो यहां ब्लड सर्कुलेशन विपरीत होता है ।



उम्र को बढ़ा सकता है

जो लोग जमीन पर पद्मासन में या सुखासन में बैठते हैं और बिना किसी सहारे के खड़े होने में सक्षम होते हैं, उनकी लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना ज्यादा होती है। इस मुद्रा से उठने के लिए अधिक लचीलेपन और शारीरिक शक्ति की आवश्यकता होती है।


पेट की मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं

जब हम जमीन पर बैठ कर खाना खाते हैं, तो खाने के लिए थोड़ा आगे झुकते हैं और खाने को निगलने के लिए वापस अपनी पहले वाली अवस्था में आ जाते हैं। इस तरह लगातार आगे और पीछे की ओर झुकने से आपकी पेट की मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं । जिससे भोजन को पचाना बहुत आसान हो जाता है।

परिवार को बांधता है

जमीन पर बैठ कर खाना खाने से आपसी रिश्तें मज़बूत होते हैं। भारत में पूरे परिवार के साथ बैठकर खाना खाने की रिवायत रही है। साथ बैठ कर खाने की वजह से रिश्ते मजबूत होते हैं।



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