अब दाऊद इब्राहिम का साथ मिलने पर अब्दुल लतीफ़ गुजरात में आतंक का पर्याय बन चूका था । अब्दुल लतीफ़ की गैंग पुरे गुजरात में चारो और मर्डर हफ्तावसूली किडनैपिंग ड्रग्स चरस के लिए जानी जाने लगी।
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इसी बीच अब्दुल लतीफ़ को कांग्रेस पार्टी का साथ मिला और मुस्लिम बहुल इलाके कालूपुर में कारपोरेशन के चुनावो में 5 सीट जीत गया ।
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इसके बाद लतीफ़ ने 1993 बॉम्बे ब्लास्ट के लिए पेसो की फंडिंग की जिसमे 293 लोग मारे गए । और बाद में भी कई ऐसे आतंकी काम किये।
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लेकिन 1995 में गुजरात में लतीफ़ + कांग्रेस के गठबंधन से त्रस्त जनता ने BJP को सत्ता पे बिठाया। जिसके बाद 1997 में आतंकवादी लतीफ़ का एनकाउंटर कर दिया गया ।
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इसी बीच अब्दुल लतीफ़ को कांग्रेस पार्टी का साथ मिला और मुस्लिम बहुल इलाके कालूपुर में कारपोरेशन के चुनावो में 5 सीट जीत गया ।
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इसके बाद लतीफ़ ने 1993 बॉम्बे ब्लास्ट के लिए पेसो की फंडिंग की जिसमे 293 लोग मारे गए । और बाद में भी कई ऐसे आतंकी काम किये।
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लेकिन 1995 में गुजरात में लतीफ़ + कांग्रेस के गठबंधन से त्रस्त जनता ने BJP को सत्ता पे बिठाया। जिसके बाद 1997 में आतंकवादी लतीफ़ का एनकाउंटर कर दिया गया ।
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