Tuesday 24 January 2017

Hardik Savani
अब्दुल लतीफ़ का जन्म अहमदाबाद के कालूपुर इलाके में हुआ। अब्दुल लतीफ़ के 6 भाई बहन थे।
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परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ खास नही थी। अब्दुल लतीफ़ पेसो की लालच में दारु बेचने वाले अल्ला रखा से रिश्ता जोड़ लिया। अब दोनों मिल कर दारु की स्मगलिंग किया करते थे , जिससे अब्दुल लतीफ़ ने खूब पैसे बनाये ।
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1990 दशक में अब्दुल लतीफ़ ने पाकिस्तान जाकर दाऊद इब्राहिम से मुलाकात की। जिसमे दोनों के बीच साथ में मिलकर धंधा करने और भारत में आतंक फैलाने का फैसला हुआ।
अब दाऊद इब्राहिम का साथ मिलने पर अब्दुल लतीफ़ गुजरात में आतंक का पर्याय बन चूका था । अब्दुल लतीफ़ की गैंग पुरे गुजरात में चारो और मर्डर हफ्तावसूली किडनैपिंग ड्रग्स चरस के लिए जानी जाने लगी।
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इसी बीच अब्दुल लतीफ़ को कांग्रेस पार्टी का साथ मिला और मुस्लिम बहुल इलाके कालूपुर में कारपोरेशन के चुनावो में 5 सीट जीत गया ।
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इसके बाद लतीफ़ ने 1993 बॉम्बे ब्लास्ट के लिए पेसो की फंडिंग की जिसमे 293 लोग मारे गए । और बाद में भी कई ऐसे आतंकी काम किये।
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लेकिन 1995 में गुजरात में लतीफ़ + कांग्रेस के गठबंधन से त्रस्त जनता ने BJP को सत्ता पे बिठाया। जिसके बाद 1997 में आतंकवादी लतीफ़ का एनकाउंटर कर दिया गया ।

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