Tuesday 17 January 2017

*कौन है श्रेष्ठ ???*
नव वर्ष उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि (हिन्दुओं का नववर्ष ) भी मानी जाती थी। (प्राचीन रोम में भी) । रोम के तानाशाह जूलियस सीजर को भारतीय नववर्ष मनाना पसन्द नही आ रहा था इसलिए उसने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए वर्ष का उत्सव मनाया गया। ऐसा करने के लिए जूलियस सीजर को पिछला वर्ष, यानि, ईसापूर्व 46 इस्वी को 445 दिनों का करना पड़ा था ।
भारत में अंग्रेज लॉड मैकाले ने सबसे पहले भारत का इतिहास बदलने का प्रयास किया और आजादी के बाद भी इसी शिक्षा पद्यति को ही लागू रहने दिया गया।
हमारा प्राचीन इतिहास बदला गया जिसमें हम अपने मूल इतिहास को भूल गए।
हद तो तब हो जाती है कि हिन्दू एक दूसरे को नववर्ष की बधाई देने लग जाते हैं ।
🚩किसी भी ईसाई देश में हिन्दू नववर्ष नहीं मनाया जाता है फिर हमारे भोले भारतवासी उनका नववर्ष क्यों मनाते हैं?
🚩मुस्लिम का कैलेंडर इस समय 1437 हिजरी और अंग्रेजो का 2017 चल रहां है।
🚩हिन्दू धर्म का इस समय विक्रम संवत 2073 चल रहा है।जोकि एशिया सम्राट विक्रमादित्य जी महाराज के सिंहासन पर आसीन होने का वर्ष है। युधिष्टिर जी के सिंहासन पर बैठने के आधार पर अभी 5153 वर्ष चल रहा है।
श्रीराम , श्री कृष्ण तक के जन्म का विवरण तिथि , गृह नक्षत्र विवरण सहित उपलब्ध है,
जिनके आधार पर रामनवमी , जन्माष्टमी आदि मनाए जाते है।
एक महान् ऋषि ने *बिंदुनिपातेन कालगणक्* यानी waterclock की खोज की थी जिसके आधार पर एक पलक झपकने जीतनी सूक्ष्म समय को जाना जा सकता था। उनकी बेटी का नाम ललिता था जिसके विवाह के प्रयोजन हेतु इस घड़ी का आविष्कार किया था उन्होंने।
अर्थात
पूर्णत:खगोलीय वैज्ञानिक त्रुटिहीन गणना आधारित पंचाग है हमारा जिसकी अद्भुत प्रोग्रामिंग calculqtion पर नासा तंक आश्चर्यचकित है क्योंकि एक छोटे से गाँव में बैठा पंडित भी केवल एक चौखटा देखकर ही तुरंत बता देगा की 10 हजार साल में कितने बार सूर्यग्रहण कब किस वर्ष माह दिन में, कितने बजे होगा
जबकि
आज नासा को इस कार्य के लिये super computer की आवश्यकता पड़ती है।
🚩जरा सोचिए....!!!
🚩सीधे-सीधे शब्दों में हिन्दू धर्म ही सब धर्मों की जननी है।
🚩मकान का उद्घाटन, जन्मपत्री, स्वास्थ्य रोग और अन्य सभी समस्याओं का निराकरन, रामनवमी, जन्माष्टमी, होली, दीपावली, राखी, भाई दूज, करवा चौथ, एकादशी, शिवरात्री, नवरात्रि, दुर्गापूजा सभी हिन्दू पंचांग से ही निर्धारित होते हैं |
🚩अतः हिन्दू अपने सनातन धर्म के नव वर्ष चैत्र प्रतिपदा को ही मनायें

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