और अचानक ये मुद्दा मीडिया के हाथ लगता है।
असली खेल शुरू होता है अब...
तुरंत सारे सैन्य अधिकारी भ्रष्ट दिखने लगते हैं, देश को दिखाया जा रहा है कि हमारे जवान भूखे पेट देश सेवा में लगे हैं और अफसर सारा पैसा हजम कर रहे हैं।
यानी सैन्य बलो में बगावत कराने की तैयारी।
तुरंत सारे सैन्य अधिकारी भ्रष्ट दिखने लगते हैं, देश को दिखाया जा रहा है कि हमारे जवान भूखे पेट देश सेवा में लगे हैं और अफसर सारा पैसा हजम कर रहे हैं।
यानी सैन्य बलो में बगावत कराने की तैयारी।
अब टाइमिंग देखिये- यू पी चुनाव।
और आरोप मढ़ने वाले की जाति- यादव।
अपने 18 साल के कैरियर में 4 बार ब्लेक-लिस्टेड।
और आरोप मढ़ने वाले की जाति- यादव।
अपने 18 साल के कैरियर में 4 बार ब्लेक-लिस्टेड।
इसका ये वीडियो आज पाकिस्तान के हर न्यूज चैनल पर लगातार दिखाया जा रहा है कि देखिये साहब ये है भारत के भुक्खड़ सैनिक।
और भारत का हिजड़ा, बिकाऊ मीडिया, अपने ही हिसाब से इस वीडियो की मार्केटिंग कर रहा है।
आखिर देशद्रोह की परिभाषा क्या है??
...............................................................................
..............................................................................
सोचने वाली बात है...
केंद्र सरकार के मंत्री एक ट्वीट पे ट्रैन के अंदर बच्चों को डायपर तक पहुंचा रहे है तो क्या अगर BSF के उस जवान को खाना सही नहीं मिल रहा था तो वह अपना विडियो वायरल करने के बजाय मनोहर पर्रिकर जी जैसे कर्तव्यनिष्ट और ईमानदार रक्षामंत्री को ट्वीट करता तो क्या वे कोई एक्शन नहीं लेते..???
केंद्र सरकार के मंत्री एक ट्वीट पे ट्रैन के अंदर बच्चों को डायपर तक पहुंचा रहे है तो क्या अगर BSF के उस जवान को खाना सही नहीं मिल रहा था तो वह अपना विडियो वायरल करने के बजाय मनोहर पर्रिकर जी जैसे कर्तव्यनिष्ट और ईमानदार रक्षामंत्री को ट्वीट करता तो क्या वे कोई एक्शन नहीं लेते..???
यह उस जवान द्वारा बहुत शर्मनाक और सेना का मनोबल तोड़ने वाली हरकत है... वह दूसरे तरीकों से भी अपनी बात ऊपर तक पहुंचा सकता था..
..............................................................................
अगर जल्लीकट्टू को बैन करना है तो बिरयानी को भी बैन करो —
अभिनेता कमल हासन ने जल्लीकट्टू का समर्थन करते हुए कहा है कि अगर ऐनिमल ऐक्टिविस्ट जल्लीकट्टू से इतने बेचैन हैं तो उन्हें एक कदम और आगे जाना चाहिए और बिरयानी को भी बैन करवा देना चाहिए।
खबर अनुसार हासन ने कहा कि – ” मैंने यह खेल खेला है। मैं कुछ उन गिने-चुने कलाकारों में से हूं जो यह दावा कर सकते हैं कि उसने सांड को गले लगाया है। मैं एक तमिल हूं और इस खेल को पसंद करता हूं। ” उन्होंने कहा कि – ” जल्लीकट्टू सभ्यता का अभिन्न अंग है। अगर जल्लीकट्टू को बैन करना है तो बिरयानी को भी बैन करो। ” उल्लेखनीय है कि साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा फसलों और खेती के उत्सव के दौरान खेले जाने वाले इस खेल को प्रिवेंशन ऑफ क्रूअलटी टू ऐनिमल ऐक्ट के तहत बैन कर दिया था। बता दें कि नवंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ऐनिमल राइट्स ऑर्गनाइजेशन की अपील पर इस खेल को बैन करने के लिए तमिलनाडु की रिव्यू पिटिशन को खारिज कर दिया था। हिन्दू संगठनों ने भी कमल हासन को समर्थन देते हुए कहा है कि जानवरों का खेल प्रतिबन्ध हो सकता है तो जानवरों को मारकर खाना भी बैन होना चाहिए।...........................................................................
No comments:
Post a Comment