Tuesday 31 January 2017

अबे गधे अजीज बर्नी और गधी राणा अय्यूब .. तू किस इस्लाम और किस हिन्दुत्व की बात कर रहा है ?? तू पहले ये देख .. जैसे बंदरो के हाथ मलमल का कपड़ा लग जाये तो उसका वो क्या हाल करता है .. सीरिया में न संघ था न मोदी .. फिर कैसे सीरिया की हालत ये हो गयी ..

[उपर सीरिया के शहर होम्स की एक ही लेन का फोटो है ... जिसे अजीज बर्नी जैसे कुत्तो ने नोच नोच कर बर्बाद कर दिया .. अब इनकी नजर भारत पर है ]

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क्या आप जानते है की एक बार सुधारवादी मुस्लिमो के एक आतंकी सन्गठन ने सऊदी अरब में मक्का की मस्जिद और काबा पर कब्जा कर लिया था ???
सउदी अरब में कई लोग ऐसे थे जो इस्लाम में परिवर्तन चाहते थे ..उनका नेता मोहम्मद अब्दुल्लाह-अल -कहतानी था .. जो एक दिन अपने हजारो समर्थको के साथ मक्का पर धावा बोलकर बड़ी मस्जिद पर कब्जा कर लिया ..और वहां मौजूद सभी सऊदी पुलिस और सेना के जवानो का कत्लेआम मचा दिया ...ये घटना 20 नवम्बर 1979 से 5 दिसम्बर 1979 तक चली थी ...
मुहम्मद अब्दुल्लाह ने मक्का की बड़ी मस्जिद से अपने आपको मुसलमानों का नया रहनुमा घोषित कर दिया ..और घोषणा किया की वो अब इस्लाम का "मैहदी" या मुक्तिदाता है | और दुनिया के सभी मुसलमानों को उसकी बातो का पालन करना चाहिए ...उसने वहां मौजूद कई देशो के हजयात्रियों को बंधक बना लिया था ... अफरातफरी मच गयी थी .. चारो तरफ कत्लेआम मचा हुआ था ..
फिर अंत से सऊदी अरब ने अमेरिका से मदद मांगी ... अमेरिकी कमांडो आये .. लेकिन एक समस्या आ गयी .. वो गैर मुस्लिम होने की वजह से अंदर नही जा सकते थे ... फिर कठमुल्लों ने इसका एक समाधान निकाला .. तय हुआ की एक ईसाई कार्डिनल बुलाया जाये .. पहले इन कमांडो को कलमा पढाकर मुस्लिम बनाया जाये ..फिर ओपरेशन के बाद इन्हें कार्डिनल वापस ईसाई बना देंगे ...
फिर भीषण लड़ाई हुई ... कुल 255 हाजी मारे गये .. मुहम्मद अब्दुल्लाह अपने समर्थको के साथ मारा गया .. और फिर अमेरिका की मदद से मक्का को सऊदी अरब ने फिर अपने कब्जे में लिया ..

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