जो मित्र इजरायल में लड़के या लड़कियों द्वारा अत्याधुनिक हथियार लेकर घूमे जाने पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे है तो उन्हें मैं बता दूं इसराइल में हर नागरिक सैनिक है वह हर एक छात्र को ग्रेजुएशन की डिग्री तभी मिलती है जब वह 2 साल का सैन्य ट्रेनिंग पूरा कर लेता है । सभी को सेना के द्वारा जो हथियार मिलते हैं उन्हें वह अपने घर ले जा सकता है और हर समय अपने साथ रख सकता है । हर एक चौराहे पर या मोहल्ले पर एक खास तरह के अलार्म सिस्टम लगे होते हैं जब भी कोई संकट आती है अलार्म बजता है और सभी है नागरिको हथियार लेकर बाहर निकल आते हैं ।
इजरायली कानून के अनुसार कोई भी इसराइली नागरिक किसी भी फिलिस्तीनी को या अरब देश के नागरिक को गोली मार सकता है उसके ऊपर हत्या का केस नहीं चलेगा
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हमारे दो पवित्र ग्रंथ रामायण और महाभारत में किसी भी पात्र के नाम के साथ उपनाम नही है।
जैसे रामचन्द जी के नाम के साथ, न तो सिंह जुड़ा है, न लाला, न ही चौधरी..
दशरथ जी के नाम के साथ ना तो सिंह जुड़ा है, ना चौधरी, ना ठाकुर और न ही अन्य कुछ..
यहां तक की रामायण को लिखने वाले वाल्मीकि जी के नाम के साथ भी कोई उपनाम नही जुड़ा है।
महाभारत के किसी भी पात्र, श्री कृष्ण, अर्जुन, युधिष्टर, भीष्म, कुंती, सजंय, विदुर, के साथ भी कोई उपनाम नही है।
जैसे रामचन्द जी के नाम के साथ, न तो सिंह जुड़ा है, न लाला, न ही चौधरी..
दशरथ जी के नाम के साथ ना तो सिंह जुड़ा है, ना चौधरी, ना ठाकुर और न ही अन्य कुछ..
यहां तक की रामायण को लिखने वाले वाल्मीकि जी के नाम के साथ भी कोई उपनाम नही जुड़ा है।
महाभारत के किसी भी पात्र, श्री कृष्ण, अर्जुन, युधिष्टर, भीष्म, कुंती, सजंय, विदुर, के साथ भी कोई उपनाम नही है।
इससे यही सिद्ध होता है कि उपनाम सामाजिक विकृति है, जो विधर्मियों द्वारा हिन्दू समाज को तोड़ने हेतु कालांतर में उतपन्न की गई है।
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