Saturday 1 August 2015

हिंदुस्तान का ... पहला ... स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉपटर ... Light Combat Helicopter (LCH) TD-3 .......
इसका पूरी तरह हिंदुस्तान में निर्माण हुआ है ... इसमें रेडार और मिसाइल
सिस्टम ... हमारे दोस्त इजराइल का है ... कुछ दिनों पहले ही ... राजस्थान
में इसका सफल परीक्षण हुआ ... पोर्कीस्तान और चीन की ... इस
से फटी पड़ी है ... क्यूंकि किसी भी हथियार का महत्व बहुत बढ़ जाता है ...
जब वो स्वदेशी तोर पर ... देश में बना हो .......
इस तरह का हेलीकॉपर ... रशिया के पास भी नहीं है ... सिर्फ अमेरिका ... और अब हिंदुस्तान के पास है ... टेंको का कब्रस्तान बनाने की लिए ... इसकी शख्त जरुरत थी ... लादेन को मारने में ... अमरीका ने ... जिस स्टेल्थ हेलीकॉपर का उपयोग किया था ... यह उसी प्रकार का है .......
अब देखना ये है कि इसका प्रयोग दाऊद और टाइगर मेनन को मारने के लिए कब होता है ...
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लन्दन के बकिंघम पैलेस में ब्रिटेन की महारानी/महाराजा से ‘नाइटहुड’ (सर) की उपाधि लेने की प्रक्रिया अत्यन्त अपमानजनक है। उपाधि लेनेवाले व्यक्ति को ब्रिटेन के प्रति वफादारी की शपथ लेनी पड़ती है और इसके पश्चात् उसे महारानी/महाराजा के समक्ष सिर झुकाकर एक कुर्सी पर अपना दायाँ घुटना टिकाना पड़ता है। ठीक इसी समय महारानी/महाराजा उपाधि लेनेवाले व्यक्ति की गरदन के पास दोनों कन्धों पर नंगी तलवार से स्पर्श करते हैं। तत्पश्चात् महारानी/महाराजा उपाधि लेनेवाले व्यक्ति को ‘नाइटहुड’ पदक देकर बधाई देते हैं। यह प्रक्रिया सैकड़ों वर्ष पुरानी है और भारत के सभी ‘सर’ इस प्रक्रिया से गुजरे हैं। ब्रिटेन अपने देश और अपने उपनिवेशों में अपने चाटुकारों को इंग्लैण्डनिष्ठ बनाने के लिए ऐसी अनेक उपाधियाँ देता रहा है। देश के अनेक राजा-महाराजा, सेठ-साहूकार, राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद् ‘नाइटहुड’ से सम्मानित किए गए हैं।



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