Friday, 15 April 2016

कानवन की social media गोष्ठी में भाई सुरेश जी चिपलूणकर बोल रहे थे ।
ईसाई मिशनरियाँ किस प्रकार छल प्रपंच और पैसे का लालच दे के धर्मांतरण कर रही हैं ये बता रहे थे । आजकल ईसाई पादरी हिन्दू साधु संतों की तरह गेरुए वस्त्र और कंठी माला ले के विचर रहे हैं । उन्होंने अपनी प्रार्थना भी संस्कृत में बना ली है और ईसा मसीह की फोटो बाल कृष्ण सी ....... victim को पता ही नहीं चलता कि वो church के changul में फँस गया है और जहां उसे लाया गया है वो मंदिर नहीं बल्कि चर्च है ।
फिर चर्चा होने लगी कि इनका उपाय क्या है ।
मोदी govt द्वारा इनकी NGOs की FCRA रद्द कर funding बंद होने के बारे में बताया । भोले भाले दलित आदिवासियों को जागृत कर उनमे धर्म और राष्ट्र के प्रति बोध हो ........ जमीन पे काम करने की आवश्यकता बतायी ।
इसके अलावा एक तरीका और बताया जिसका कि प्रयोग आम तौर पे मुसलमान करते है और यदा कदा हिंदुओं ने भी किया है ।
कुछ दिन पहले केरल की एक घटना के चित्र social media पे viral हुए थे । मुसलमानों ने एक lecturer का हाथ काट दिया था । वो lecturer महोदय दरअ0 सल एक नव धर्मान्तरित ईसाई थे और उत्साह में उ न्होंने प्रश्न पत्र बनाते एक सवाल मुहम्मद साहब पे पूछ लिया । इतनी सी बात पे भाई जान लोगों ने हाथ काट दिया ।
यही treatment देने की ज़रूरत है , छल प्रपंच से धर्मांतरण कराने वालों को .........
दारा सिंह ने यही treatment दिया था Graham Steins को .........
दादरी के इखलाक काण्ड और हिमांचल की घटना जिसमे दो पशु तस्करों को भीड़ ने मार डाला , उसके बाद से देश में पशुओं का परिवहन पूरी तरह बंद है । मेरे मित्र भाई आनंद शर्मा जी नागपुर से 10 गीर नस्ल की गाय मंगाना चाहते थे पर कोई truck वाला किसी कीमत पे तैयार नहीं हुआ ........ जान सबको प्यारी है भाई .......
तृप्ति देसाई और उनकी भूमाता ब्रिगेड को भी यही इलाज चाहिए । third degree पिटाई मांगती है तृप्ति देसाई ........ कम से कम 4 - 6 हड्डी टूटनी चाहिए ।

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