Friday, 22 July 2016

बेटी को ससुराल में खुश देखना चाहते हो तो

 दिन में 10 बार फोन मत करो...

कोटा. महिला आयोग का उद्देश्य पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाना ही नहीं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर, जागरूक करना व सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है। यह बात राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने कही। वह रविवार को गीता भवन में राजस्थान महिला आयोग के जिला मंच के कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित कर रही थी।
सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वह पीडि़त-शोषित महिलाओं की पीड़ा सुनकर न्याय दिलाने का प्रयास करें, साथ में महिलाओं को आत्मनिर्भर, स्वावलम्बी, जागरूक बनाने का प्रयास भी करें। केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभांवित कराने में सहयोग करें। प्राइवेट कम्पनियों व सरकारी दफ्तरों में भी महिलाओं की इंटरनल कमेटी बनाई जाए। अगर कहीं शोषण हो रहा है तो उसकी शिकायत करनी है। 
शादी के बाद बेटी के परिवार में दखल मत दो
सम्मेलन में वरिष्ठ अधिवक्ता कल्पना शर्मा ने कहा कि शादी के बाद महिलाएं बेटी के परिवार में दखल देती हैं। मोबाइल से दिन में दस बार बातचीत करती हैं। एेसे में बेटी अपने ससुराल की शिकायत करती है। उन्होंने महिलाओं को संदेश दिया कि अगर बेटी का परिवार सुखी देखना चाहते हो तो उसके परिवार में दखल देना बंद कर दो। 

दिन में दस बार बात करना बंद कर दो। समारोह में रंगकर्मियों ने नुक्कड़ नाटक के जरिए महिला उत्पीडऩ, महिला सुरक्षा की जानकारी दी। इसके बाद कई महिलाओं ने घरेलू हिंसा, उत्पीडऩ के मामलों में अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर शर्मा को ज्ञापन सौंपे।

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