Friday, 15 July 2016

जान बचाकर जम्मू लौटने लगे कश्मीरी पंडित मुलाजिम

कश्मीर में हिंसा तथा कालोनियों में पथराव से सहमे 200 से अधिक कश्मीरी पंडित पलायन कर जम्मू पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री विशेष रोजगार पैकेज के तहत नौकरियां हासिल करने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने जम्मू लौटना शुरू कर दिया है। 
खौफजदा इन मुलाजिमों का कहना है कि अब वह घाटी वापस नहीं जाएंगे। उन्हाेंने कहा हमने फैसला कर लिया है कि अब ड्यूटी ज्वाइन करने नहीं जाएंगे। दहशत के माहौल में उन्होंने डीजीपी, सीएम कार्यालय और पीएमओ में सूचना दी र राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा देने के मामले में पूरी तरह से विफल हो गई। वे वापस जाकर पत्थरबाजों की निशानेबाजी प्रैक्टिस के बुत नहीं बनना चाहते हैं। 

मुलाजिमों ने आपबीती बयान कर कहा कि छोटे बच्चों से लेकर महिलाएं उन पर पत्थर बरसा रहे हैं। उनकी दूध सहित अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई को रोक दिया गया है। वेस्सू ट्रांजिट आवास में रह रही सरकारी मुलाजिम सरिता कुमारी ने कहा कि सरकार उन्हें सुरक्षा देने में नाकाम रही है। 
जान बचाकर जम्मू लौटने लगे कश्मीरी पंडित मुलाजिम
कैंप पर लगातार पत्थरबाजी हो रही है और सुरक्षा के इंतजाम नदारद हैं। अश्रुधारा के साथ आपबीती बयान करते हुए सरिता ने कहा कि रात के समय माहौल खौफनाक हो जाता है। टीनएजर युवाओं के साथ महिलाएं भी पत्थर बरसा रही हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। 

शेखपोरा बडगाम ट्रांजिट आवास में रह रही वीना ने कहा कि हम कश्मीर की सेवा नहीं कर सकते। पत्थरबाजों को कैसे पढ़ाया जा सकता है। पूरे समुदाय को हमारे लिए खड़ा होना चाहिए। मुलाजिम शशि के पति चरणजीव ने कहा कि गिनती के कश्मीरी पंडितों को ही सुरक्षा नहीं दी जा रही है और सरकार सात लाख कश्मीरी पंडितों की ससम्मान वापसी की बात कर रही है। 

मट्टन ट्रांजिट आवास में कश्मीरी पंडित मुलाजिमों को ताला लगाकर आवास के भीतर रखा गया। हम बलि का बकरा नहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि स्थानीय दुकानदारों ने पिछले कुछ दिनों से कश्मीरी पंडितों की कालोनियों को दूध सहित अन्य जरूरी सामान की सप्लाई को रोक दिया है। 


(साभार अमर उजाला)

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