Thursday 21 July 2016

‘माया सभ्यता’ के लोग ‘हिन्दू’ थे!

इस पृथ्वी पर कई सभ्यताएं थीं. लोग रहते थे, व्यापार करते थे और अपनी ज़िंदगी को आसानी से जीते थे. सबसे अच्छी बात ये थी कि सभी सभ्यताओं की अपनी अलग पहचान होती थी. जैसे हड़प्पा सभ्यता में लोग नगरो में रहना पसंद करते थे. उनकी जीवनशैली दूसरों से पूरी तरह अलग थी. वहीं मिस्र में लोग गांवों में रहना पसंद करते थे. मरने वालों की ममी बनाई जाती थी. कहने का तात्पर्य यह है कि सभी सभ्यताओं की अपनी एक विशेष पहचान थी. लेकिन हम आपको दो ऐसी सभ्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अलग होने के बावजूद भी कई मामलो में समान थीं.

माया सभ्यता और इंडोनेशियाई सभ्यता एक ही हैं?

कहने को तो दोनों सभ्यताएं काफ़ी अलग हैं क्योंकि प्रशांत महासागर इन दोनों को विभाजित करता है. फ़िर भी कई मामलों में ये दोनों सभ्यताएं आपस में काफी मिलती-जुलती हैं. आइए, हम आपको बताते हैं कि कैसे इन सभ्यताओं में समानता है.

दोनों सभ्यताओं के पिरामिड चकौर हैं

इन सभ्यताओं में द्वारपाल होते थे.

माया सभ्यता के लोग हिन्दू थे?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इंडोनेशिया एक हिन्दू राष्ट्र था. महाभारत हो या फ़िर रामायण, प्रत्येक ग्रंथों में इंडोनेशिया की चर्चा होती है. आज भी वहां कई पौराणिक मंदिर और गुफाएं हैं. माया सभ्यता और इंडोनेशियाई सभ्यता में काफी समानताएं देखने को मिलती है. मंदिर हो या फ़िर स्मारक, हर जगह इसे महसूस किया जा सकता है. तो मन में यही सवाल उठता है कि क्या माया सभ्यता के लोग हिन्दू थे?

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