ज़्यादातर बाजार मे बिक रही किताबें वहीं है जिनमे अंग्रेज़ो ने छेड़खानी करी है !!
आपसे निवेदन है को भी भारतीय ग्रंथ ,धार्मिक पुस्तक ,शास्त्र पढ़ें तो ध्यान रहे वो इन अंग्रेज़ो द्वारा छेड़खानी किया हुआ ना हो क्योंकि ज़्यादातर बाजार मे बिक रही किताबें वहीं है जिनमे अंग्रेज़ो ने छेड़खानी करी है !!
बहुत कम लोग जानते है की हमारी बहुत सी धार्मिक किताबें,शास्त्र और इतिहास के साथ अंग्रेज़ो ने बहुत छेड़खानी करी है ! आपको सुन कर हैरानी होगी भारत मे एक मूल प्रति है मनुसमृति की जो हजारो वर्षो से आई है और एक मनुस्मृति अंग्रेज़ो ने लिखवाई है ! और अंग्रेज़ो ने इसको लिखवाने मे मैक्स मुलर की मदद ली थी मैक्स मुलर एक जर्मन विद्वान था जिसको संस्कृति बहुत अच्छे से आती थी उसको कहा गया की तुम भारत के शास्त्रो को पढ़ो और पढ़ कर हमको बताओ की उनमे क्या है फिर जरूरत पढ़ने पर इसमे फेरबदल करेंगे !
आपसे निवेदन है को भी भारतीय ग्रंथ ,धार्मिक पुस्तक ,शास्त्र पढ़ें तो ध्यान रहे वो इन अंग्रेज़ो द्वारा छेड़खानी किया हुआ ना हो क्योंकि ज़्यादातर बाजार मे बिक रही किताबें वहीं है जिनमे अंग्रेज़ो ने छेड़खानी करी है !!
बहुत कम लोग जानते है की हमारी बहुत सी धार्मिक किताबें,शास्त्र और इतिहास के साथ अंग्रेज़ो ने बहुत छेड़खानी करी है ! आपको सुन कर हैरानी होगी भारत मे एक मूल प्रति है मनुसमृति की जो हजारो वर्षो से आई है और एक मनुस्मृति अंग्रेज़ो ने लिखवाई है ! और अंग्रेज़ो ने इसको लिखवाने मे मैक्स मुलर की मदद ली थी मैक्स मुलर एक जर्मन विद्वान था जिसको संस्कृति बहुत अच्छे से आती थी उसको कहा गया की तुम भारत के शास्त्रो को पढ़ो और पढ़ कर हमको बताओ की उनमे क्या है फिर जरूरत पढ़ने पर इसमे फेरबदल करेंगे !
तब मैक्स मुलर ने मनुस्मृति का अनुवाद किया पहले जर्मन मे किया फिर अँग्रेजी मे किया तब अंग्रेज़ो को समझ आया की मनुस्मृति तो भारत की न्यायव्यवस्था की सबसे बड़ी पुस्तक है और भारत की न्याय व्यवस्था का आधार है ! तो उन्होने मनुसमृति मे ऐसे विक्षेप डलवा दिये ताकि भारत वासियो को भ्रमाया जा सके और उनको गलत रास्ते पर चलाया जा सके ! उनको मनुस्मृति के प्रति बहुत ज्यादा नीचाई की भावना पैदा हो इस तरह के विक्षेप डलवा दिये ! ये विक्षेप केवल मनु स्मृति मे नहीं डाले गए बल्कि बहुत सारे अन्य ग्रंथो मे डाले गए और अंग्रेज़ो की बहुत बड़ी टीम थी जो इस कार्य मे लगी हुई थी कोई साधारण अंग्रेज़ो ने ये काम नहीं किया था!
विलियम हंटर नाम का अंग्रेज़ हुआ करता था जिसने सबसे ज्यादा भारत के इतिहास मे विकृति डाली सबसे ज्यादा भारत के शास्त्रो के विकृत किया ! जिसने सबसे ज्यादा भारत के पुराने ऋषि ,मुनियो के आत्म वचनो को बिलकुल उल्टा करके बताया !
और ये सब वो कैसे कर पाया ? वो ये कि विलियम हंटर अंग्रेज़ो बहुत अच्छी जानता था और उसके साथ साथ उसको संस्कृत भी आती थी ! क्योंकि भारतीय मूल ग्रंथ संस्कृत मे है तो वो उनको पढ़ लेता था और फिर अंग्रेजी मे कहाँ कहाँ उसको विकृति कर बनाना है वो कर लेता था ! विलियम हंटर की पूरी टीम थी जो इस कार्य मे लगी थी जिसको कहा गया विलियम हंटर कमीशन !
विलियम हंटर कमीशन की रिपोर्ट के बारे मे बात की जाए तो घंटो घंटो उसी मे निकल जाए हजारो पन्नो मे उन्होने ने रिपोर्ट बनाकर उन्होने ने ये बताया है कि हमने भारत के किस किस विष्य मे किस किस शस्त्र मे क्या क्या परिवर्तन कर दिये है ये उसने अँग्रेजी संसद को भेंट किया था और फिर उस पर बहस हुई थी तो अंग्रेज़ो ने अपने देश मे ऐसे बहुत सारे विद्वानो को तैयार करके भारत के शास्त्रो मे विक्षेपन करवाया बहुत कुछ ऐसी बातें भर दी उसमे जो की विश्वास करने लायक नहीं है तर्क पर कहीं ठहरती नहीं है और सूचना के आधार पर बिलकुल गलत हैं !!
आर्य बाहर से आए उन्होने भारतीय संस्कृति को खत्म कर दिया हमारे पूर्वज गौ मांस खाते थे !ना जाने ऐसी हजारो हजारों बातें और संस्कृत के शब्दो का गलत अर्थ निकाल कर हमारे शास्त्रो मे इन अंग्रेज़ो द्वारा भर दिया गया जो आज भी हमको जानबूझ कर पढ़ाया जा रहा है ताकि हम गुमराह होते रहे हम हिन्दू अपनी अपनी जातियो मे ऊंच -नीच करते ! और हमारे मन हमारी ,संस्कृति ,सभ्यता के प्रति गलत भावना पैदा हो !!
आर्य बाहर से आए उन्होने भारतीय संस्कृति को खत्म कर दिया हमारे पूर्वज गौ मांस खाते थे !ना जाने ऐसी हजारो हजारों बातें और संस्कृत के शब्दो का गलत अर्थ निकाल कर हमारे शास्त्रो मे इन अंग्रेज़ो द्वारा भर दिया गया जो आज भी हमको जानबूझ कर पढ़ाया जा रहा है ताकि हम गुमराह होते रहे हम हिन्दू अपनी अपनी जातियो मे ऊंच -नीच करते ! और हमारे मन हमारी ,संस्कृति ,सभ्यता के प्रति गलत भावना पैदा हो !!
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