Saturday, 23 July 2016

भारत के ऐतिहासिक युद्ध

 जो महिलाओं के सम्मान 

या उनके प्रेमवश लड़े गए थे ..!

अमर वीर गाथाओं का देश है भारत. यहां आन-बान की रक्षा के लिए लोगों ने जान तक कुर्बान कर दी है. इस देश की महिलाएं भी धरती के सम्मान औेर अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने से कभी नहीं चूकीं. यहां जब-जब महिलाओं का अपमान हुआ, खून की नदियां बही हैं. क्योंकि हमारे लिए स्त्री सदैव आदरणीय और पूजनीय रही है. आज हम आपको देश में हुए उन युद्धों बताने जा रहे हैं, जो औरतों के सम्मान, प्रेम और अस्मिता की रक्षा के लिए लड़े गए.

1. रामायण

रामायण की प्रमुख महिला पात्र देवी सीता का रावण द्वारा अपहरण किए जाने के बाद श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई कर दी. रावण ने सीता का अपहरण करके अपनों बहन शूर्पणखा का बदला लेना चाहा था. शूर्पणखा श्रीराम से विवाह करना चाहती थी, लेकिन वो शादीशुदा होने के कारण ऐसा नहीं कर सकते थे. शूर्पणखा द्वारा लगातार विवाह का दबाव बनाए जाने और सीता को नुकसान पहुंचाने की धमकियों के बीच परेशान लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी थी. इससे चिढ़ा हुआ रावण सीता से जबरन विवाह करना चाहता था. शांति प्रयासों के असफल होने के बाद श्रीराम ने वानर सेना की मदद से लंका पर आक्रमण करके सीता को छुड़ाया. इस दौरान रावण के पूरे साम्राज्य और परिवार का विनाश हो गया और उसके भगवतप्रेमी भाई विभीषण को लंका का नया राजा बनाया गया.

2. महाभारत

महाभारत की पटकथा भी जाने-अनजाने एक औरत के कारण ही लिखी गई थी. पांचाल नरेश की बेटी द्रौपदी ने दुर्योधन के गलती से पानी में पैर रख देने पर उसका मज़ाक उड़ाया था. बदला लेने को दुर्योधन ने अपने भाई और द्रौपदी के पति युधिष्ठिर को पासा खेलने में हरा दिया और छल से द्रौपदी को भी जीत लिया. इसके बाद उसने अपने भाई दुशासन से कहा कि भरी सभा में उसे जबरन लाए और उसका चीर हरण करे. इसके बाद जो हुआ सभी जानते हैं. द्रौपदी का सम्मान तो श्रीकृष्ण ने बचा लिया, लेकिन द्रौपदी ने कसम खाई कि जब तक दुर्योधन के रक्त से अपने बाल नहीं धोएगी, अपने बालों को नहीं बांधेगी. परिणाम जो हुआ, वो महाभारत था.

3. श्रीकृष्ण का रुक्म से युद्ध

भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मिणी से उनका विवाह एक युद्ध के बाद हुआ था. विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मिणी भगवान कृष्ण से प्रेम करती थीं और उनसे विवाह करना चाहती थीं. रुक्मिणी के पांच भाई थे- रुक्म, रुक्मरथ, रुक्मबाहु, रुक्मकेस तथा रुक्ममाली. रुक्मिणी सर्वगुण संपन्न तथा अति सुन्दरी थीं. उनके माता-पिता उनका विवाह कृष्ण के साथ करना चाहते थे, किंतु रुक्म चाहता था कि उसकी बहन का विवाह चेदिराज शिशुपाल के साथ हो. यह कारण था कि कृष्ण को रुक्मिणी का हरण कर उनसे विवाह करना पड़ा था. इस दौरान शिशुपाल और रुक्म दोनों से श्रीकृष्ण की सेना को युद्ध करना पड़ा था.

4. पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गोरी के बीच तराइन का युद्ध

कन्नौज के राजा जयचंद और दिल्ली के राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान के बीच नहीं बनती थी. चौहान के शौर्य और साहस से जयचंद को ईर्ष्या होती थी. इस बीच जयचंद की बेटी संयोगिता और पृथ्वीराज के बीच प्रेम पनप गया, जो जयचंद को कतई मंज़ूर नहीं था. उसने संयोगिता का स्वयंवर रचाया और देश के सभी राजकुमारों को इसमें आमंत्रित किया, लेकिन पृथ्वीराज को नहीं. साथ ही उन्हें अपमानित करने के लिए उसने उनकी एक मूर्ति को अपने दरवाज़े पर द्वारपाल के रूप में लगवाया. लेकिन संयोगिता ने सबको दरकिनार करके पृथ्वीराज की मूर्ति के गले में जयमाला पहना दी.तभी पृथ्वीराज चौहान, जो मूर्ति के पीछे छुपे थे, सामने आ गए और संयोगिता को सबके विरोध के बावजूद भगा ले गए. इसका बदला लेने के लिए जयचंद ने पृथ्वीराज से हारे हुए मोहम्मद गोरी को दुबारा हमला करने को उकसाया और साथ देने का वादा किया. इस कारण तराइन का एक और युद्ध हुआ.

5. चित्तौड़ पर अलाउद्दीन खिलजी का हमला

चित्तौड़ की रानी पद्मिनी की खूबसूरती से आकर्षित होकर अलाउद्दीन खिलजी किसी भी तरह उन्हें पाना चाहता था. उन्हें पाने के पागलपन में अलाउद्दीन ने चित्तौड़गढ़ पर हमला कर दिया. पद्मिनी के पति महाराजा रतन सिंह और उनके आदमियों ने बहादुरी से युद्ध किया, लेकिन वो खिलजी के हाथों हारे और मारे गए. हालांकि अलाउद्दीन का यह प्रयास विफल रहा क्योंकि चित्तौड़गढ़ किले की अन्य महिलाओं सहित रानी पद्मिनी ने ‘जौहर’ यानि आत्मदाह कर लिया था.



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