इस्लाम का लव जेहाद
जब भी यह मुद्दा उठता है तो मुस्लिम् से पहले हिन्दू ही सामने आकर मुद्दा उठाने वाले का विरोध करते हैं, जिनमे हिन्दू लड़कियां भी होती हैं, क्योंकि वे वास्तविकता नहीं जानती। पिछले दिनों मेरी दो महिला मित्र ने मुझे फेसबुक पर इस्लाम विरोधी लिखने पर या यूँ कहूँ कि इस्लाम की पोल खोलने पर यह कहकर मित्र सूचि से हटा दिया कि मैं किसी के धर्म का सम्मान नहीं करता, जबकि ऐसा नहीं है, सच कड़वा होता है मैं बस यह जानता हूँ। खैर बात लव जिहाद की, तो उन्ही सेक्युलर माइंडेड लड़कियों से मेरे यह 20 प्रश्न हैं, जिनका उत्तर मैं अवश्य चाहूँगा??
1-100 मुस्लिम मिलकर एक हिन्दू लड़के की हत्या केवल इसलिए कर देते हैं क्योंकि उसने मुस्लिम लड़की से प्यार कर के शादी कर ली थी। वैसे मैंने आप ही लोगों के शब्दों में सुना है कि प्यार का कोई धर्म नहीं होता, तो उस हिन्दू लड़के की हत्या क्यों कर दी जाती है?
2-ऐसा क्यों होता है की सेकुलरिज्म सिद्ध करने के लिए एक हिन्दू लड़की मुस्लिम लड़के से शादी करती है तो उस लड़की को ही क्यों मुस्लिम बनना पड़ता है?? मुस्लिम लड़का कभी प्यार में कुर्बानी देकर हिन्दू क्यों नहीं बनता??
3-आप कहती हो कि हमे आज़ादी चाहिए, मनपसंद कपड़े पहनने की, घूमने की, फिरने की, पार्टी करने की, मौज-मस्ती करने की, लेकिन मुस्लिम लड़का शादी के बाद आपको घर में क़ैद कर देता है, आपका काम केवल एक नौकरानी का होता है दिन में और एक वैश्या का होता है रात में, बस आपको बच्चे पैदा करने पड़ते हैं, आप घर से बाहर निकलती भी हैं तो काले पिंजड़े में क़ैद होकर।। यह कौनसी आज़ादी है जो आपको मुस्लिम लड़के से विवाह करने के पश्चात् मिल जाती है, और जिसको पाने के लिए आप अपने धर्म से धोखा कर लेती है। जबकि हिंदुओं में तो कहीं ऐसी बातें नहीं हैं।
4-ऐसा क्यों होता है कि महिला सशक्तिकरण के नाम पर कॉलेज यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रमों में कभी मुस्लिम छात्राओं को शामिल नहीं किया जाता? उदाहरण के लिए कुछ समय पहले #Kiss_Of_Love कैंपेन पूरे भारत की विश्वविद्यालयों में चली थी, जिसमे लड़की-लड़का सबके सामने एक-दूसरे को किस करते हैं, उस कार्यक्रम को भोपाल के किसी कॉलेज में आयोजित करने वाले एक मुस्लिम आयोजक से मेरा प्रश्न था, कि आप अपनी बहनों को जो कि बुर्के में होती हैं, उन्हें भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित करेंगे क्या? साहब ने कोई उत्तर नहीं दिया, दो-चार सुनाई सो अलग।
5-आप जिस मुस्लिम लड़के से शादी कर रही हैं, यदि उसकी कोई बहन है तो आप अपने पति से कहकर उस बहन की शादी हिन्दू बनवाकर अपने भाई से करवा कर दिखा दीजिये, मैं मान जाऊँगा कि आपका पति आपकी हर बात मानता है, और सभी धर्मों का सम्मान करता है।
6-आपको अपने तीज त्योहारों में बड़ी समस्या होती है, लेकिन वहां रमजान के पवित्र माह में भी आपको दिन में रोजा नमाज़ करना है,लेकिन रात को पति का मन कर गया तो आप मना नहीं कर सकती, क्योंकि इस्लाम के अनुसार महिलाओं को पुरुष की सेवा के लिए ही बनाया गया है, इसपर आप क्या कहेंगी??
7-आपके मुस्लिम पति से पैदा हुए बच्चों के नाम आपको इस्लाम के अनुसार ही क्यों रखने होते हैं, आप उसका नाम अपने हिन्दू धर्म के अनुसार क्यों नहीं रख सकती??
8-आपको शादी से पहले मांस देखने तक से उलटी होती है,किसी जानवर को आपके सामने काटने पर आप फैंट हो जाती हैं, बेहोश हो जाती हैं लेकिन बाद में आप एक मांसाहारी के साथ ही रहने लगती हैं, उसके लिए मांस पकाती हैं, तब बेहोशी, तबियत ख़राब होना और उल्टियाँ होना कहाँ चला जाता है??
9-हिन्दू पति से जब पत्नियां धोखा करती हैं तो पति एक मौका अवश्य देते हैं कि घर बच जाए घर के बड़ों का मान सम्मान बना रहे, हमेशा रिश्ते जोड़ने का ही प्रयास करते हैं हिन्दू में। लेकिन आपका मुस्लिम पति तो आपके रहते हुए भी अन्य महिलाओं से सम्बन्ध बनाता है, आपके होते हुए दूसरी शादी भी कर लेता है, अपनी रिश्ते की बहन को आपकी सौतन बना देता है, तब आपको समस्या नहीं होती है??
10-हिन्दू धर्म में पत्नी को अर्धांगिनी कहा जाता है, क्योंकि कोई भी पूजा और कार्य पति अकेले नहीं करते, दिवाली की पूजा हो, सत्यनारायण भगवान् की पूजा हो, विवाह के समय अग्नी के फेरें लेने हों या अन्य रीतियाँ या अन्य कोई भी पूजा सब में आपको गाँठ जोड़ के एक साथ बैठाया जाता है,मतलब आपको पुरुष के सामान समझा जाता है, परंतु इस्लाम में तो औरतों को किसी भी तरह के धार्मिक कार्यों में सम्मिलित होने की आज्ञा नहीं होती है, यहाँ तक कि निकाह (विवाह या शादी) में भी पति-पत्नी साथ नहीं बैठते हैं। आप बताये आपको सम्मान कहाँ मिल रहा है??
11-हिन्दू धर्म में आपको मंदिर जाने की आज्ञा होती है, कोई रोक-टोक नहीं होती है, परंतु मुस्लिमों में महिलाएं मस्जिद में प्रार्थना या नमाज़ पढ़ने नहीं जा सकती, क्यों?? कुछ मंदिरों के अपने नियमानुसारअलग अलग स्थानों पर महिलाओं और पुरुष का प्रवेश वर्जित है।
12-हर माँ का सपना होता है कि उसकी संताने पढ़ लिखकर एक श्रेष्ठ और सम्मानित व्यक्ति बने, लेकिन जहाँ बच्चों को आधुनिक शिक्षा से अलग रखा जाता हो,वहां क्या यह सपना पूरा हो सकता है आपका??
13-अक्सर देखा है कि मुस्लिम पुरुष शादी कर के 2,3,4 या 5 वर्षों के लिए खाड़ी देश में नौकरी के लिए चले जाते हैं, यहाँ पर मैं आपके प्यार को सलाम करता हूँ, इतने वर्षों तक अकेले रहने का हुनर काबिले-तारीफ है। कहाँ से इतना धैर्य आता है, क्योंकि विवाह से पहले तो आप अपने बॉयफ्रेंड से एक दिन न मिलें तो आपको कुछ अच्छा नहीं लगता है?
14- भारत सरकार के एक सर्वेक्षण के अनुसार 70 प्रतिशत मुस्लिमों के घर में स्नानघर (बाथरूम) नहीं होता है, प्रश्न पूछने की आवश्यकता है क्या मुझे इस मुद्दे पर??
15- ऐसा क्यों होता है कि कुछ लड़कियां मुस्लिम लड़को से बस मित्रता करती हैं, लेकिन बाद में वह एक पक्षीय प्रेम में बदल जाता है, जब आप शादी के लिए मना करती हैं तो आपके पूरे खानदान को जान से मार देने कि धमकी दी जाती है। तब आपको विवश होकर उस लड़के से शादी करनी पड़ती है, ऐसा देखकर एक कहावत याद आ गयी, "बोया पेड़ बबूल का, तो फूल कहाँ से होये?" यह कैसा प्यार है जो तलवार की धार पर किया जाता है??
16- इस्लाम में 73 फिरके (जाति) होती हैं, अलग-अलग फिरकों में अलग अलग तरह कि पाबंदियां होती हैं, जैसे किसी में मेकअप करने पर पाबंदी, किसी में संगीत सुनने पर पाबन्दी, किसी में टीवी देखने पर पाबंदी आदि, ऐसे में आपकी आज़ादी और महिला सशक्तिकरण कहाँ चला जाता है??
17- आप प्यार में इतनी अंधी हो जाती हैं कि कई बार तलाक़शुदा आदमी से विवाह कर लेती हैं, क्योंकि प्यार ने आपको उसे जानने पहचानने का मौका नहीं दिया, बाद में आप पछताती हैं क्योंकि आपको रेडीमेड बच्चे शादी के उपहार स्वरुप मिलते हैं, तब आप बीवी और पत्नी कम उन बच्चों की आया अधिक होती हैं, यह बात पहले क्यों नहीं समझती??
18- एक विवाहिता का श्रृंगार करना रोजाना आवश्यक होता है, लेकिन मुस्लिम में यदि आप विवाह करती हैं तो आपको प्रत्येक वर्ष 2 माह 10 दिन एक विधवा की तरह रहना पड़ता है, रोना-चीखना पड़ता है, चूड़िया तोड़नी पड़ती हैं, ऐसा करना आपको पसंद है क्या?
19- 3 बार तलाक़ के बारे में तो आप सब जानती ही होंगी, क्या आपको पता है कि यदि पति हंसी मजाक में भी तीन बार तलाक़ बोल दे तो आपका तलाक़ हो जाता है, फिर आपको वापस अपने पति के साथ रहने के लिए पहले हलाला होना पड़ता है, जिसमे आपको किसी अन्य व्यक्ति के साथ विवाह करना होता है फिर उससे सम्बन्ध बनाने पड़ते हैं, तत्पश्चात वह भी आपको तलाक़ देता है तब उसके बाद आप अपने पहले पति के साथ दोबारा (वास्तव में तिबाराह) विवाह कर के रह सकती हैं। इस तरह एक औरत को वैश्या बना दिया जाता है, क्या आपको यह अच्छा लगता है??
20- भारत में हिन्दू बहुसंख्यक हैं और मुस्लिम अल्पसंख्यक। परंतु मुस्लिम लड़के को हिन्दू लड़की से शादी करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन इस्लामिक देशों में हिन्दू अल्पसंख्यक और मुस्लिम बहुसंख्यक होते हैं, वहां यदि कोई हिन्दू लड़का मुस्लिम लड़की से प्यार करता है तो उनको मिलने क्यों नहीं दिया जाता? उनका विवाह वहां के इस्लामिक बुद्धिजीवी क्यों नहीं करवाते, जैसे भारत में कुछ लोग मानवाधिकार का ठेका लेकर खड़े हो जाते हैं? उत्तर दें??
आशा करता हूँ, उत्तर मिलेंगे।
1-100 मुस्लिम मिलकर एक हिन्दू लड़के की हत्या केवल इसलिए कर देते हैं क्योंकि उसने मुस्लिम लड़की से प्यार कर के शादी कर ली थी। वैसे मैंने आप ही लोगों के शब्दों में सुना है कि प्यार का कोई धर्म नहीं होता, तो उस हिन्दू लड़के की हत्या क्यों कर दी जाती है?
2-ऐसा क्यों होता है की सेकुलरिज्म सिद्ध करने के लिए एक हिन्दू लड़की मुस्लिम लड़के से शादी करती है तो उस लड़की को ही क्यों मुस्लिम बनना पड़ता है?? मुस्लिम लड़का कभी प्यार में कुर्बानी देकर हिन्दू क्यों नहीं बनता??
3-आप कहती हो कि हमे आज़ादी चाहिए, मनपसंद कपड़े पहनने की, घूमने की, फिरने की, पार्टी करने की, मौज-मस्ती करने की, लेकिन मुस्लिम लड़का शादी के बाद आपको घर में क़ैद कर देता है, आपका काम केवल एक नौकरानी का होता है दिन में और एक वैश्या का होता है रात में, बस आपको बच्चे पैदा करने पड़ते हैं, आप घर से बाहर निकलती भी हैं तो काले पिंजड़े में क़ैद होकर।। यह कौनसी आज़ादी है जो आपको मुस्लिम लड़के से विवाह करने के पश्चात् मिल जाती है, और जिसको पाने के लिए आप अपने धर्म से धोखा कर लेती है। जबकि हिंदुओं में तो कहीं ऐसी बातें नहीं हैं।
4-ऐसा क्यों होता है कि महिला सशक्तिकरण के नाम पर कॉलेज यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रमों में कभी मुस्लिम छात्राओं को शामिल नहीं किया जाता? उदाहरण के लिए कुछ समय पहले #Kiss_Of_Love कैंपेन पूरे भारत की विश्वविद्यालयों में चली थी, जिसमे लड़की-लड़का सबके सामने एक-दूसरे को किस करते हैं, उस कार्यक्रम को भोपाल के किसी कॉलेज में आयोजित करने वाले एक मुस्लिम आयोजक से मेरा प्रश्न था, कि आप अपनी बहनों को जो कि बुर्के में होती हैं, उन्हें भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित करेंगे क्या? साहब ने कोई उत्तर नहीं दिया, दो-चार सुनाई सो अलग।
5-आप जिस मुस्लिम लड़के से शादी कर रही हैं, यदि उसकी कोई बहन है तो आप अपने पति से कहकर उस बहन की शादी हिन्दू बनवाकर अपने भाई से करवा कर दिखा दीजिये, मैं मान जाऊँगा कि आपका पति आपकी हर बात मानता है, और सभी धर्मों का सम्मान करता है।
6-आपको अपने तीज त्योहारों में बड़ी समस्या होती है, लेकिन वहां रमजान के पवित्र माह में भी आपको दिन में रोजा नमाज़ करना है,लेकिन रात को पति का मन कर गया तो आप मना नहीं कर सकती, क्योंकि इस्लाम के अनुसार महिलाओं को पुरुष की सेवा के लिए ही बनाया गया है, इसपर आप क्या कहेंगी??
7-आपके मुस्लिम पति से पैदा हुए बच्चों के नाम आपको इस्लाम के अनुसार ही क्यों रखने होते हैं, आप उसका नाम अपने हिन्दू धर्म के अनुसार क्यों नहीं रख सकती??
8-आपको शादी से पहले मांस देखने तक से उलटी होती है,किसी जानवर को आपके सामने काटने पर आप फैंट हो जाती हैं, बेहोश हो जाती हैं लेकिन बाद में आप एक मांसाहारी के साथ ही रहने लगती हैं, उसके लिए मांस पकाती हैं, तब बेहोशी, तबियत ख़राब होना और उल्टियाँ होना कहाँ चला जाता है??
9-हिन्दू पति से जब पत्नियां धोखा करती हैं तो पति एक मौका अवश्य देते हैं कि घर बच जाए घर के बड़ों का मान सम्मान बना रहे, हमेशा रिश्ते जोड़ने का ही प्रयास करते हैं हिन्दू में। लेकिन आपका मुस्लिम पति तो आपके रहते हुए भी अन्य महिलाओं से सम्बन्ध बनाता है, आपके होते हुए दूसरी शादी भी कर लेता है, अपनी रिश्ते की बहन को आपकी सौतन बना देता है, तब आपको समस्या नहीं होती है??
10-हिन्दू धर्म में पत्नी को अर्धांगिनी कहा जाता है, क्योंकि कोई भी पूजा और कार्य पति अकेले नहीं करते, दिवाली की पूजा हो, सत्यनारायण भगवान् की पूजा हो, विवाह के समय अग्नी के फेरें लेने हों या अन्य रीतियाँ या अन्य कोई भी पूजा सब में आपको गाँठ जोड़ के एक साथ बैठाया जाता है,मतलब आपको पुरुष के सामान समझा जाता है, परंतु इस्लाम में तो औरतों को किसी भी तरह के धार्मिक कार्यों में सम्मिलित होने की आज्ञा नहीं होती है, यहाँ तक कि निकाह (विवाह या शादी) में भी पति-पत्नी साथ नहीं बैठते हैं। आप बताये आपको सम्मान कहाँ मिल रहा है??
11-हिन्दू धर्म में आपको मंदिर जाने की आज्ञा होती है, कोई रोक-टोक नहीं होती है, परंतु मुस्लिमों में महिलाएं मस्जिद में प्रार्थना या नमाज़ पढ़ने नहीं जा सकती, क्यों?? कुछ मंदिरों के अपने नियमानुसारअलग अलग स्थानों पर महिलाओं और पुरुष का प्रवेश वर्जित है।
12-हर माँ का सपना होता है कि उसकी संताने पढ़ लिखकर एक श्रेष्ठ और सम्मानित व्यक्ति बने, लेकिन जहाँ बच्चों को आधुनिक शिक्षा से अलग रखा जाता हो,वहां क्या यह सपना पूरा हो सकता है आपका??
13-अक्सर देखा है कि मुस्लिम पुरुष शादी कर के 2,3,4 या 5 वर्षों के लिए खाड़ी देश में नौकरी के लिए चले जाते हैं, यहाँ पर मैं आपके प्यार को सलाम करता हूँ, इतने वर्षों तक अकेले रहने का हुनर काबिले-तारीफ है। कहाँ से इतना धैर्य आता है, क्योंकि विवाह से पहले तो आप अपने बॉयफ्रेंड से एक दिन न मिलें तो आपको कुछ अच्छा नहीं लगता है?
14- भारत सरकार के एक सर्वेक्षण के अनुसार 70 प्रतिशत मुस्लिमों के घर में स्नानघर (बाथरूम) नहीं होता है, प्रश्न पूछने की आवश्यकता है क्या मुझे इस मुद्दे पर??
15- ऐसा क्यों होता है कि कुछ लड़कियां मुस्लिम लड़को से बस मित्रता करती हैं, लेकिन बाद में वह एक पक्षीय प्रेम में बदल जाता है, जब आप शादी के लिए मना करती हैं तो आपके पूरे खानदान को जान से मार देने कि धमकी दी जाती है। तब आपको विवश होकर उस लड़के से शादी करनी पड़ती है, ऐसा देखकर एक कहावत याद आ गयी, "बोया पेड़ बबूल का, तो फूल कहाँ से होये?" यह कैसा प्यार है जो तलवार की धार पर किया जाता है??
16- इस्लाम में 73 फिरके (जाति) होती हैं, अलग-अलग फिरकों में अलग अलग तरह कि पाबंदियां होती हैं, जैसे किसी में मेकअप करने पर पाबंदी, किसी में संगीत सुनने पर पाबन्दी, किसी में टीवी देखने पर पाबंदी आदि, ऐसे में आपकी आज़ादी और महिला सशक्तिकरण कहाँ चला जाता है??
17- आप प्यार में इतनी अंधी हो जाती हैं कि कई बार तलाक़शुदा आदमी से विवाह कर लेती हैं, क्योंकि प्यार ने आपको उसे जानने पहचानने का मौका नहीं दिया, बाद में आप पछताती हैं क्योंकि आपको रेडीमेड बच्चे शादी के उपहार स्वरुप मिलते हैं, तब आप बीवी और पत्नी कम उन बच्चों की आया अधिक होती हैं, यह बात पहले क्यों नहीं समझती??
18- एक विवाहिता का श्रृंगार करना रोजाना आवश्यक होता है, लेकिन मुस्लिम में यदि आप विवाह करती हैं तो आपको प्रत्येक वर्ष 2 माह 10 दिन एक विधवा की तरह रहना पड़ता है, रोना-चीखना पड़ता है, चूड़िया तोड़नी पड़ती हैं, ऐसा करना आपको पसंद है क्या?
19- 3 बार तलाक़ के बारे में तो आप सब जानती ही होंगी, क्या आपको पता है कि यदि पति हंसी मजाक में भी तीन बार तलाक़ बोल दे तो आपका तलाक़ हो जाता है, फिर आपको वापस अपने पति के साथ रहने के लिए पहले हलाला होना पड़ता है, जिसमे आपको किसी अन्य व्यक्ति के साथ विवाह करना होता है फिर उससे सम्बन्ध बनाने पड़ते हैं, तत्पश्चात वह भी आपको तलाक़ देता है तब उसके बाद आप अपने पहले पति के साथ दोबारा (वास्तव में तिबाराह) विवाह कर के रह सकती हैं। इस तरह एक औरत को वैश्या बना दिया जाता है, क्या आपको यह अच्छा लगता है??
20- भारत में हिन्दू बहुसंख्यक हैं और मुस्लिम अल्पसंख्यक। परंतु मुस्लिम लड़के को हिन्दू लड़की से शादी करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन इस्लामिक देशों में हिन्दू अल्पसंख्यक और मुस्लिम बहुसंख्यक होते हैं, वहां यदि कोई हिन्दू लड़का मुस्लिम लड़की से प्यार करता है तो उनको मिलने क्यों नहीं दिया जाता? उनका विवाह वहां के इस्लामिक बुद्धिजीवी क्यों नहीं करवाते, जैसे भारत में कुछ लोग मानवाधिकार का ठेका लेकर खड़े हो जाते हैं? उत्तर दें??
आशा करता हूँ, उत्तर मिलेंगे।
साभार Devesh Singh
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