"बिना जीजाबाई के शिवाजी पैदा नही हो सकते॥"
एक मित्र हैं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से.
हिन्दुवादी, बेबाक और बेधड़क..उनके ऑफिस में एक पाकिस्तानी अपने चौथे बेटे के जन्म पर मिठाई खिला रहा था, तो उन्होंने कह दिया - अबे, फैक्ट्री लगा रखी है क्या?
तुम जैसों की वजह से हमारे बच्चों को सड़क पर चलने की जगह नहीं, स्कूलों में एडमिशन नहीं मिलता...इतने पैदा करेगा तो उसमें एक ना एक जरूर टेररिस्ट बनेगा...
उनकी पत्नी परेशान रहती हैं. कहती हैं, थोड़ा सावधान रहना चाहिए, मुझे तो डर लगता है.
उनकी पत्नी भी कोई सेकूलर नहीं हैं, स्पष्ट सोच वाली हिन्दुवादी हैं. मेरठ के पास के अपने शहर की कहानी बता रही थीं. एक हाउसिंग कॉलोनी के बारे में बता रही थीं, दस-पंद्रह साल पहले वहाँ एक मुस्लिम आकर बसा, फिर और कुछ परिवार आकर बसे, फिर धीरे-धीरे हिन्दू वहाँ से घर बेच कर भागने लगे. आज उस कॉलोनी में एक भी हिन्दू नहीं है.
उनकी पत्नी भी कोई सेकूलर नहीं हैं, स्पष्ट सोच वाली हिन्दुवादी हैं. मेरठ के पास के अपने शहर की कहानी बता रही थीं. एक हाउसिंग कॉलोनी के बारे में बता रही थीं, दस-पंद्रह साल पहले वहाँ एक मुस्लिम आकर बसा, फिर और कुछ परिवार आकर बसे, फिर धीरे-धीरे हिन्दू वहाँ से घर बेच कर भागने लगे. आज उस कॉलोनी में एक भी हिन्दू नहीं है.
मैंने उनसे कहा - भाभीजी, आप कम से कम यही कहानी अपने फेसबुक पेज पर लिखिए. आपकी लिस्ट में जो दो-चार सेक्यूलर होंगे, उनकी नींद तो खुलेगी.
उन्होंने कहा - नहीं, मुझे इन सब लफड़े में नहीं पड़ना, मुझे डर लगता है...इन मुसलमानों का कुछ भी भरोसा नहीं है.
उन्होंने कहा - नहीं, मुझे इन सब लफड़े में नहीं पड़ना, मुझे डर लगता है...इन मुसलमानों का कुछ भी भरोसा नहीं है.
मैंने कहा, आपको इंग्लैंड में भी डर लगता है? फिर तो भारत और पश्चिमी यूपी को भूल ही जाइए...
उन्होंने कहा - मेरा एक ही बेटा है, उसे लेकर डर लगता है. भारतीय माँ हूँ, अपने बेटे को सुरक्षित रखना चाहती हूँ...
उन्होंने कहा - मेरा एक ही बेटा है, उसे लेकर डर लगता है. भारतीय माँ हूँ, अपने बेटे को सुरक्षित रखना चाहती हूँ...
मैंने कहा - आप कितने दिन सुरक्षित रखेंगी उसे? एक मुर्गी भी अपने चूजे को सुरक्षित रखना चाहती है, अपने पंखों में ढक कर रखती है. कितने दिन सुरक्षित रहता है वो? उसका चिकन कबाब बन जाता है...
सुरक्षा साहस में है, सुरक्षा थोड़ी सी आक्रामकता में है.
सुरक्षा साहस में है, सुरक्षा थोड़ी सी आक्रामकता में है.
एक छोटी सी बिल्ली, मुश्किल से पाँच किलो वजन होता होगा...आपसे शरीर से मजबूत तो नहीं होती है. पर अगर वह किनारे में घिर जाए, तो अपने नाखून खड़े कर लेती है, दांत दिखाती है...फिर आपकी हिम्मत होगी उसे पकड़ने की ? अपने बच्चों को मुर्गी तो मत बनाइए...अगर शेर ना बनाना हो तो कम से कम बिल्ली तो बनाइए कि समय पड़ने से अपना बचाव कर सके...
क्षमा चाहता हूँ अपने मित्र और भाभीजी से, बिना उनकी अनुमति के उनके बारे में लिखने के लिए. भाई साहब तो जो हैं, वे हैं ही...भाभीजी से अनुरोध है, अपेक्षा है...आप आर्टिकुलेट हैं, समझदार हैं, आपके पास भाषा है, सोच है, कहने को बहुत कुछ है...अपने हिस्से का काम करेंगी कम से कम...बिना जीजाबाई के शिवाजी पैदा नहीं होते..
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