किन्नरों का कहना है कि जब तक देश की जनता पैसों के लिए लाइन में लगी हुई है, तब तक हम भी लोगों से कुछ दिनों तक नेग नहीं लेंगे। भोपाल के किन्नर पूरे देश में एक अलग पहचान रखते हैं। शहर में किसी के घर शादी- ब्याह हो, बच्चे का जन्म हो या कोई मांगलिक कार्यक्रम हो, इनमें ये किन्नर टोली बनाकर इनके यहां नेक मांगने जाते हैं। तीज- त्योहारों पर भी इनका यह सिलसिला जारी रहता है। नोटबंदी के बाद से चार-पांच दिन से इस काम से किन्नरों की टोलियां शहर में कहीं नहीं पहुंचीं।
किन्नर बेबी गुरु का कहना है कि हां, 500-1000 के नोट बंद होने से देश की जनता के साथ शहरवासी भी परेशान है। लोग सब्जी- भाजी, दूध, रसोई गैस, किराना जैसी जरूरी वस्तुओं के लिए परेशान हा रहे हैं। यही वजह है कि हमने यह फैसला किया है। मंगलवारा में करीब 300 किन्नर हैं। तीज- त्योहारों पर या शादी- ब्याह के सीजन में ये रोजाना 10 हजार रुपए तक की उगाही कर लेते हैं। फिलहाल जनता के खातिर ये इसका घाटा उठा रहे हैं।
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