जब आप भारतीय मुसलमानो से पूछेंगे की मुस्लिम देशों में भाईचारा क्यों नहीं है तो वो दोगलापंथी दिखाएंगे
आप मुल्लों से पूछिये .. .
"भाई वो बांग्लादेश में क्या हो रहा है ?? " "भाई हम भारतीय मुसलमान उन जैसे नहीं हैं !"
"भाई वो पाकिस्तान-अफगानिस्तान में क्या हो रहा है ??" "भाई हम भारतीय मुसलमान उन जैसे नहीं हैं!"
"भाई ये कश्मीर में क्या हो रहा है ??" "भाई कश्मीरी और हम भारतीय अलग हैं!"
"भाई ये अलकायदा, IS, बोकोहरम वगेरह वगेरह का क्या लफड़ा है ??" "भाई वो हम भारतीय मुसलमान को रिप्रेजेंट नहीं करते .. हम उनसे कोई भी इत्तफ़ाक़ नहीं रखते हैं।"
"ओके .. ओके .. ओके.. भाई .. कोई दिक्कत नहीं आप वाक़ई में उन सब से अलग हो !!"
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एक अंतराल बाद ... "भाई वो फिलिस्तीन और म्यांमार में कुछ हुआ है !" "भाई ये तो बर्दाश्त के बाहर हो गया है अब तो, बहुत जुलुम और सितम ढाया जा रहा है बेचारे मुसलमानों पर .. काफिर यहूदियों और बौद्धों को करारा ज़वाब मिलेगा ... अब हम चुप नहीं बैठने वाले ... बहुत सह लिया हमने जुल्मो सितम.. अब और नहीं .... पूरी उम्माह के मुस्लिमों से दरख़्वास्त और अपील है कि वो साथ में आये और अपनी मुत्तहिदी की मिसाल पेश करे .. चलो आज़ाद मैदान .. चलो बस और ट्रेनेँ जलाएं... मूर्तियां तोड़े .. हम अपने फिलिस्तीनी और रोहंगिआई भाइयो को दिखा देना चाहते है कि आप अकेले नहीं हो हम आपके साथ हैं..
हद है दोगलापंथी की
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