Tuesday, 15 November 2016

कश्मीर : पीएम मोदी के बड़े नोटों को बंद कर देने के बाद से जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियों के नेता बड़े परेशान हैं वहीँ दूसरी ओर देश के सेना नें राहत कि सांस ली है। खबर मिली है कि बड़े नोटों के बंद होते ही कश्मीर में सेना के काफिलों पर पत्थरबाजी कि घटनाओं में 90 फ़ीसदी तक कि गिरावट आयी है।
दरअसल अलगाववादियों द्वारा कश्मीर के भोले-भाले युवकों और बच्चों को पैसे का प्रलोभन देकर उनसे सेना पर पत्थरबाजी करवाई जाती थी। मगर अब आतंकियों व् अलगाववादियों का काल धन कूड़े के ढेर में बदल गया है जिससे पत्थरबाजी कि घटनाएं भी कम हो गयीं है। इससे कश्मीर कि आम जनता काफी खुश है, उनका मानना है की इससे कश्मीर में हालात सामान्य हो जायेंगे और उनके बच्चे फिर से स्कूल जा पाएंगे।
सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि अलगाववादियों कि हालात भी खराब हो गयी है, खाने तक के पैसे उधार लेने पड़ रहे हैं। भ्रष्ट नेता व् कुछ पत्रकार पीएम मोदी के इस फैसले के खिलाफ कमर कस के दुष्प्रचार करने में लग गए हैं।
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इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 3 दिनों में कश्मीर और खाड़ी देशों में हवाला ट्रांजेक्शन का एक भी मामला सामने नहीं आया है!
IB ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नोट बैन के फैसले के बाद हवाला हवाला ऑपरेटर्स अंडरग्राउंड हो गए हैं, जिससे की मनी लौन्डरिंग थम गई है!  8 नवंबर को ब्लैक मनी बैन करने के फैसले के बाद दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और मुंबई में हवाला ऑपरेटर्स अंडरग्राउंड हो गए हैं!
IB ने अपनी रिपोर्ट होम मिनिस्ट्री को भेजी है! होम मिनिस्ट्री ने IB और नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी(NIA) को नोट बंदी के फैसले के असर की जांच की ज़ोम्मेदारी सौंपी है! जिसके चलते कश्मीर में IB और NIA हवाला फंडिंग की विस्तार से जाँच-पड़ताल कर रहे हैं!IB की रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर घाटी में हवाला ऑपरेटर्स काला धन लेने से कतरा रहे हैं! और वहां सिक्यूरिटी फोर्सेज की सख्त कार्यवाही के चलते भी कारोबारी डर रहे हैं! अब वो कोई भी खतरा मोल लेना नहीं चाहते! इसी तरह के तथ्य इनकम टैक्स विभाग वालों की रिपोर्ट में भी सामने आए हैं!
आपको बता दें की हवाला से टेररिज्म, ड्रग कारोबार के लिए फंडिंग की जाती है! इसमें किसी भी प्रकार के पेपर्स या बिल का इस्तेमाल नहीं किया जाता, ये कारोबार जुबान से चलता है! जुबान की ही कीमत होती है और उसी के दम पर फीस ली जाती है!
इसमें बैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किए बगैर एक जगह पर डिलिवर किया गया कैश दूसरी किसी भी जगह पर उपलब्ध कराया जाता है। जिसके कारण अब ये कारोबारी बुरी तरह फंस गये हैं, क्योंकि अब नोटों का हिसाब लिया जा रहा है!
देश की आर्थिक व्यवस्था को खोखला कर रहे है इन लोगों के लिए ये बहुत सही और बड़ा सबक है! गैर कानूनी तौर पर किए जा रहे इस धंधे अब विराम लगेगा!

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