Thursday 3 November 2016

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 अब तक का सबसे बड़ा खुलासा, राम किशन के बारे में वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं ...


1. रामकिशन 2004 में सेना से सेवानिवृत्त हो कर स्थानीय राजनीती में उतरे और कांग्रेस नेताओं से नज़दीकियों की बदौलत सरपंच बने ।
2. 2004 से कांग्रेस शासन में उनकी पेंशन मात्र 13000 रुपये थी जो की मोदी सरकार में OROP के लागू होने के बाद 28000 हो गयी थी ।
3. कांग्रेस से नज़दीकियों की बदौलत ही उन्हें सन् 2005 और 2008 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया गया, उन्हें ये पुरस्कार ODF (Open Defection Free) यानी गांव के हर घर में शौचालय बनवाने और खुले में शौच को पूर्ण रूप से बंद करने के कारण मिला ।
4. सन् 2015 में सरकार के पास एक शिकायत आयी की राम किशन द्वारा किये गए दावे झूठे हैं और ऐसे में उन से पुरस्कार वापस लिया जाना चाहिए।
5. सरकार ने जब जांच की तो पाया कि महज़ 15% घरों में ही शौचालय बनाये गए थे, जिबकी दावा 100% घरों में शौचालय बनाने का किया गया था जो की सिर्फ काग़ज़ों पर था हक़ीक़त में नहीं ।
6. जांच आगे बढ़ी तो पाया गया रामकिशन द्वारा फ़र्ज़ी बिलों का भुगतान किया गया है, इस पर सन 2016 में सरकार ने रामकिशन को आरोपी बनाया ।
7. रामकिशन अब सरकर को गुमराह करने, सरकारी ख़ज़ाने को नुक़सान पहुंचाने, धोखाधड़ी करने, झूठे दस्तावेज़ तैयार करने के आरोपी बन चुके थे, ऐसे में उनका बचना लगभग असंभव था ?
8. रामकिशन ने ये घोटाला अकेले नहीं किया था बल्कि अपने बाक़ी के राजनीतिक साथियों के साथ मिल कर इस घोटाले को अंजाम दिया था, जब उन सब को लगा कि अब हम सब फंस जायेंगे तो उन्होंने रामकिशन को ये आइडिया सुझाया की तुम ज़हर खाने का नाटक करो, हम सब तुम्हे बचा लेंगे (जैसा गजेंद्र को आश्वासन दिया गया था) लेकिन वे नेता और उनके हाईकमान रामकिशन को ख़त्म कर उस केस को बंद करना चाहते थे जिसकी वजह से उनकी गर्दन फंस गयी थी ?
क्या कोई सैनिक आत्महत्या कर सकता है ? कौन थे वो लोग जो रामकिशन के साथ थे और फ़ोन पर पीछे से रामकिशन को बता रहे थे की क्या बोलना है ? वो लोग किस राजनैतिक पार्टी के सदस्य या नेता है ? क्या वो सब भी इस घोटाले में शामिल थे ? तो क्या रामकिशन की हत्या में बड़े नेता भी शामिल हैं ? क्या इन्हीं बड़े नेताओं ने अपना नाम बचाने के लिए रामकिशन की बलि दे दी, और उसे मौत के घाट उतार दिया?

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