13वी शताब्दी में बादशाह तुगन खान ने उडीसा पर हमला कियाl उस समय वहां पर राजा नरसिम्हादेवा का राज थाl राजा नरसिम्हादेवा ने फ़ैसला किया कि मुसलमानो को इसका जवाब छल से दिया जाना चाहियेl उन्होने तुगन खान को ये संदेश दिया कि वो भी बंगाल के राजा लक्ष्मणसेना की तरह समप्रण करना चाहते हैंl जिसने बिना युद्ध लडे तुगन खान के सामने हथियार डाल दिये थेl
तुगन खान ने बात मान ली और कहा कि वो अपना समप्रण "पूरी" शहर में करे, इस्लाम कबूल करे और जगन्नाथ मंदिर को मस्जिद में बदल देl
राजा नरसिम्हादेवा ने बात ली और इस्लामिक लश्कर पूरी शहर की तरफ़ बड़ने लगी , इस बात से अन्जान कि ये एक जाल हैl राजा नरसिम्हादेवा के हिंदू सैनिक शहर के सारे चोराहो , गली के नुक्कड़ ओर घरों में छुप गयेl
जब तुगन खान के इस्लामिक लश्कर ने जगन्नाथ मंदिर के सामने प्रवेश कियाl उसी समय मंदिर की घंटिया बजने लगी ओर हिंदू सैनिको ने इस्लामिक लश्कर पर हमला कर दिया , दिनभर युद्ध चलाl ज्यादातर इस्लामिक लश्कर को कब्जे में कर लिया गया ओर कुछ भाग गयेl इसलिये आज भी औडिसा में मुस्लिम जनसंख्या कम हैl इस तरह की युद्धनीति का उपयोग पहले कभी नहीं हुआ थाl किसी हिंदू राजा द्वारा जेहाद का जवाब धर्मयुद्ध के द्वारा दिया गयाl
राजा नरसिम्हादेवा ने इस विजय के उपलक्ष्य में " कोनार्क " मंदिर का निर्माण कियाl
तुगन खान ने बात मान ली और कहा कि वो अपना समप्रण "पूरी" शहर में करे, इस्लाम कबूल करे और जगन्नाथ मंदिर को मस्जिद में बदल देl
राजा नरसिम्हादेवा ने बात ली और इस्लामिक लश्कर पूरी शहर की तरफ़ बड़ने लगी , इस बात से अन्जान कि ये एक जाल हैl राजा नरसिम्हादेवा के हिंदू सैनिक शहर के सारे चोराहो , गली के नुक्कड़ ओर घरों में छुप गयेl
जब तुगन खान के इस्लामिक लश्कर ने जगन्नाथ मंदिर के सामने प्रवेश कियाl उसी समय मंदिर की घंटिया बजने लगी ओर हिंदू सैनिको ने इस्लामिक लश्कर पर हमला कर दिया , दिनभर युद्ध चलाl ज्यादातर इस्लामिक लश्कर को कब्जे में कर लिया गया ओर कुछ भाग गयेl इसलिये आज भी औडिसा में मुस्लिम जनसंख्या कम हैl इस तरह की युद्धनीति का उपयोग पहले कभी नहीं हुआ थाl किसी हिंदू राजा द्वारा जेहाद का जवाब धर्मयुद्ध के द्वारा दिया गयाl
राजा नरसिम्हादेवा ने इस विजय के उपलक्ष्य में " कोनार्क " मंदिर का निर्माण कियाl
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