Thursday 13 September 2018


'कन्फेशन' की आेट में चर्च में चल रहा है देह व्‍यापार का खेल, जानें इसका बाइबिल कनेक्‍शन
भारत समेत दुनिया में गैर-कैथोलिक और कैथोलिक चर्च में यौन शोषण का मामला सुर्खियों में है। तीन महीने के अंतराल में दुष्‍कर्म की दो बड़ी घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया। दरअसल, कन्फेशन की आड़ में जिस तरह से चर्च में यौन दुर्व्यवहार के मामले सामने आ रहे हैं, उससे ईसाई समुदाय के समक्ष विश्‍वास का एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। मामला केरल राज्‍य का है। तीन माह पूर्व यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक महिला ने पादरी के सामने कन्फेशन के दौरान कहा कि 16 साल की उम्र से शादी होने तक एक पादरी उसका यौन उत्पीड़न करता रहा था। उक्‍त महिला का अारोप है कि केरल की एक चर्च के चार पुजारियों ने उसके साथ यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल किया। इस आरोप के बाद सरकारी मशीनरी हरकत में आई। आखिर क्‍या है कन्फेशन। आइए जानते हैं कन्फेशन और इसका बाइबिल लिंक। कन्फेशन के बाद राष्‍ट्रीय महिला आयोग ने क्‍या दिया सुझाव।
क्या होता है कन्फ़ेशन

बाइबिल के दूसरे अध्‍याय में कन्फ़ेशन का ज़िक्र मिलता है। दरअसल, इस कन्फ़ेशन की प्रक्रिया के दौरान यानी इसकी आड़ में कई बार चर्च/गिरजाघरों में दुष्‍कर्म की घटनाएं सामने आई है। आइए जानते हैं कि आखिर क्‍या है कन्फ़ेशन की प्रक्रिया। यह क्‍यों चर्चा में है। क्‍या है इसका बाइबिल लिंक।

1- दरअसल, अंग्रेज़ी के इस शब्द से सबसे पहले तब सामना हुआ जब स्कूल के आखिरी दिन एक 'कन्फ़ेशन सेशन' बुलाया गया। इस सेशन के दौरान सभी स्‍कूल में सभी दोस्त खुलकर अपने दिल की बात रखते हैं। कन्फ़ेशन का मतलब था किसी पर पूरा भरोसा कर अपने दिल में छिपे राज़ खोल देना, उनका इज़हार करना। लेकिन तब इस बात का अंदाजा नहीं था कि कन्फ़ेशन किसी को ब्लैकमेल करने या इससे भी ज़्यादा खतरनाक किसी के यौन उत्पीड़न का ज़रिया बन सकता है।

2- चर्च में कन्फ़ेशन करने के लिए अलग स्‍थान तय होता है। इस स्‍थान पर कन्फ़ेशन करने वाला व्यक्ति और चर्च का पादरी जाता है। इन दोनों के बीच एक 'डाइवर्जन' होता है। जब कोई भी आदमी कन्फ़ेशन कर रहा होता है तो उस जगह पादरी के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति मौजूद नहीं होता।

3- बाइबिल के दूसरे अध्‍याय में कन्फ़ेशन का ज़िक्र मिलता है। इसमें परमेश्वर कहते हैं कि जब सामान्य लोग रोजमर्रा के काम के लिए बाहर निकलते हैं तो वे कई अच्छे-बुरे कामों में शामिल हो जाते हैं, जितने भी पाप वो अपने जीवन निर्वाह के लिए करते हैं उनका प्रायश्चित करना बेहद ज़रूरी होता है। इसलिए परमेश्वर कहते हैं कि अपने पापों को ईश्वर का प्रतिनिधि मानते हुए चर्च के पादरी के सामने बताया जाए।

राष्ट्रीय महिला आयोग के अहम सुझाव

केरल की घटना प्रकाश में आते ही राष्ट्रीय महिला आयोग भी हरकत में आ गया। इन दोनों मामलों का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट में आयोग ने सरकार से चर्च में होने वाली कन्फ़ेशन की प्रक्रिया पर रोक लगाने की सिफ़ारिश की है। आयोग का कहना है कि कन्फ़ेशन के चलते महिलाओं की सुरक्षा ख़तरे में पड़ सकती है। उसने सरकार को चार सुझाव दिए, जिससे यौन उत्‍पीड़न की घटना पर विराम लगाया जा सके।
1- केरल के चर्च में रेप और यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों की एक केंद्रीय एजेंसी के ज़रिए जांच करवानी चाहिए।

2- कन्फ़ेशन की परंपरा पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से महिलाओं को ब्लैकमेल किया जा सकता है।

3- केरल पुलिस और पंजाब पुलिस को एफ़आईआर पर तेज़ी से काम करना चाहिए अभियुक्तों पर आरोप तय करने चाहिए।

4- पीड़िताओं को राज्य सरकार की तरफ से पूरी मदद पहुंचाई जानी चाहिए।

केस नंबर -1

8 जुलाई, 2018 को केरल में एक चर्च के चार पुजारियों पर एक विवाहित महिला ने सालों से कथित यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल करने का आरोप लगा। महिला ने आरोप लगाया कि 16 साल की उम्र से लेकर उनकी शादी करने तक एक पादरी ने उनका यौन उत्पीड़न किया। इसने भारतीय चर्च में कन्फेशन की पवित्रता के दुरुपयोग पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। मामला यही खत्‍म नहीं होता है शादी के बाद जब उस महिला ने यह बात चर्च के एक दूसरे पादरी के सामने कन्फ़ेस की तो उस पादरी ने भी कथित तौर पर उस महिला का यौन उत्पीड़न किया। इतना ही नहीं जब पूरी तरह से निराश होकर यह महिला जब पादरी-काउंसलर के पास गई, तो वहां भी उस महिला के साथ कथित दुर्व्यवहार हुआ।

केस नंबर -2



10 अगस्‍त, 2018 ऐसा ही एक और मामला पंजाब के जालंधर के रोमन कैथोलिक चर्च के बिशप द्वारा एक नन के साथ कथित दुष्कर्म का मामला सामने आया। जालंधर के ये पादरी केरल के कोट्टायम ज़िले से थे, जहां की एक नन ने उन पर कथिततौर पर यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाया था। नन का आरोप है कि बिशप ने उसका 14 बार यौन शोषण किया है। पीडि़त नन केरल की रहने वाली है और बीते दिनों इस चर्च के अंतर्गत एक संस्था में काम कर रही थी।

केस नंबर - 3



वर्ष 2017 में पटना में एक पादरी को रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पटना सिटी के रहने वाले चर्च के पादरी चंद्र कुमार पर दो महिलाओं ने बलात्कार करने का आरोप लगाया था। एक समाज सेवी की पहल पर पीड़िता ने महिला थाने में केस दर्ज कराया था। पादरी चंद्र कुमार पर आरोप है कि वह कई महिलाओं का धर्म परिवर्तन करा कर उनका यौन शोषण किया करता था। ऐसी दो महिलाएं जिनका बदला हुआ नाम गुडिया और रेशमा है, जिन्हें पिछले 6 महीनों से वो अपनी हवस का शिकार बना रहा था। किसी तरह ये पीड़ित महिलाएं एक समाजसेवी के. अर्चना राय के पास पहुंची तब जाकर मामला पुलिस में दर्ज किया गया।

अमेरिका में भी दागदार हुआ कैथोलिक चर्च

यह मामला एक वर्ष पूर्व का है। सात अप्रैल, 2017 को दक्षिण अमरीकी देश चिली में एक नन ने एक कैथोलिक चर्च के ख़िलाफ़ दुष्‍कर्म का मुक़दमा दर्ज हुआ था। पीड़‍ित नन इसी चर्च से जुड़ी थी। दरअसल, मामला तब प्रकाश में आया जब बलात्कार के बाद गर्भवती होने के कारण नन पर चर्च छोड़ने का दबाव डाला गया था।

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