साबित हुआ कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी में हवाला का पैसा लगा था! चुनाव चिह्न जब्त होने की नौबत!
* दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की काली करतूत के कारण चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को भेजा नोटिस
* 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान 12 बजे रात को ‘आप’ के खाते में आए 2 करोड़ रुपये की सीडीबीटी ने खोली पोल
झूठ के सहारे दिल्ली की गद्दी पर बैठे अरविंद केजरीवाल की काली करतूत सामने आने के बाद अब आम आदमी पार्टी की मान्यता पर तलवार लटक गई है। आप के बैंक खातों में हवाला के पैसे होने की बात सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न पार्टी का चुनाव चिन्ह जब्त कर लिया जाए? चुनाव चिन्ह जब्त होने का मतलब है पार्टी की मान्यता रद्द होना। चुनाव आयोग ने आप को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि पार्टी के बैंक खातों में हवाला का पैसा पाया गया है, साथ ही खातों में गड़बड़ी भी पाई गई है। चुनाव आयोग ने पार्टी पर अपने हलफनामे में झूठ बोलने का भी आरोप लगाया है।
ऐसा नहीं है कि चुनाव आयोग ने आनन-फानन में ‘आप’ को नोटिस जारी कर दिया है। बल्कि इससे पहले चुनाव आयोग, प्रवर्तन निदेशालय तथा सीडीबीटी ने हर मामले की दो सालों तक जांच की है। ज्ञात हो कि आप से निष्कासित विधायक कपिल मिश्रा और नील ने पिछले साल मई के महीने में सीडीबीटी में जाकर ‘आप’ के सारे खाते जमा कराते हुए उसमें हवाला का पैसा होने की बात कही थी। इतने दिनों तक जांच करने के बाद सीडीबीटी ने अपनी जांच रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी है। अपनी रिपोर्ट में सीडीबीटी ने माना है कि ‘आप’ के खातों में हवाला का पैसा पाया गया है। अपनी जांच के साथ सीडीबीटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही चुनाव आयोग ने ‘आप’ को नोटिस जारी कर उससे जवाब मांगा है।
आप के निष्कासित विधायक कपिल मिश्रा ने कहा कि यह मामला आज-कल का नहीं बल्कि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान का है। मालूम हो कि अरविंद केजरीवाल ने साल 2014 में बनारस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इसी दौरान 5 अप्रैल 2014 को रात के बारह बजे ‘आप’ के खाते में 2 करोड़ रुपये आए थे। इस संदर्भ में जब केजरीवाल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कुछ दिन बाद एक शख्स का वीडियो जारी किया जिसमें उस शख्स ने ‘आप’ को 2 करोड़ रुपये देने का दावा किया था। जबकि सच्चाई ये थी कि उस शख्स की अपनी हैसियत 12-15 हजार से ज्यादा की नहीं थी। जिन कंपनियों के हवाले से 2 करोड़ रुपये चंदा देने की बात कही गई, वे सारी कंपनियां घाटे में चल रही थी। जांच होने पर कंपनी से लेकर उनके डायरेक्टर तक फर्जी निकले। लेकिन इसी जांच के दौरान जो सबसे खतरनाक तथ्य सामने आया वह नोटबंदी से जुड़ा हुआ था। ध्यान रहे कि मोदी की नोटबंदी का किसी ने सबसे ज्यादा विरोध किया है तो वे केजरीवाल ही हैं।नोटबंदी के दौरान दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में छापेमारी की गई थी, जिसके तहत काफी मात्रा में कैश प्राप्त हुआ था। खास बात है कि जिन कंपनियों से कैश मिला था उसका डायरेक्टर तथा ‘आप’ को दो करोड़ रुपये देने वाली कंपनियों का डायरेक्टर एक ही शख्स था। इसी कारण नोटबंदी का सबसे ज्यादा दर्द केजरीवाल को हुआ था। इस खुलासे के बाद यह साफ हो जाता है कि ‘आप’ में हवाला का ही पैसा लगा है।
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