Saturday 1 September 2018

mediya

Vivek Dwivedi ने एक पोस्ट साझा की.
अधिकांश हिन्दुओं की यही फितरत है कि जो उनका अपमान करता है, उनकी ऐसी-तैसी करता है उसको सिर में बिठाकर उसके तलवे चाटते हैं। ऐसे लोगों को ना कभी कोई ज्ञान देंगे और ना कभी उनकी किसी बात का विरोध करेंगे।
इसके उलट, जो भी व्यक्ति इनके भले के लिए कुछ करेगा उसको हर पल ज्ञान देंगे, गाली देंगे, धमकी देंगे और प्यार-सम्मान बिलकुल भी नहीं देंगे।
और हिन्दू प्रजाति ऐसी हरकतें प्रत्येक दिन व्यक्तिगत जीवन-रिश्तों में भी करते हैं


पवन अवस्थी
इस्लाम से मुक्ति पाने में हिन्दुओ ने 800 साल खर्च किये लाखो वलिदान दिए , करोडो का धर्म परिवर्तन हो गया ...........लाखो हिन्दू महिलाओं और लडकियों का बलात्कार हुआ .फिर भी हिन्दू अत्याचारी से इस्लाम से पार ना पा सका .........फिर बाद के दो सौ साल में अत्याचारी कुटिल अंग्रेजो से संघर्ष करने में खर्च कर दिए ...............उसके बाद मिली देश को आजादी और उसके बाद इस्लाम और इसाईयों के मिश्रण से बनी कांग्रेस को झेला लिया हिन्दू समाज ने .............................लेकिन हिन्दू समाज का उतावलापन देखिये .उसे देश की सदियों पुरानी हर समस्या का समाधान मोदी से सिर्फ 4 या पांच साल में ही चाहिए ...........और उस पर मक्कारी यह की पल पल ऊँगली भी करेगे ...............पल पर मेढ़को की तरह अलग अलग भागेगे भी .........लेकिन अगर मोदी ने हर समस्या का समाधान नही दिया तो नोटा की धमकी .....................तो सुनो ऐसे प्रचंड पंडितो , बनियों और शेरो .तुम्हारे भाग्य और भविष्य में ऐसी बर्वादी लिखी है जिसका तुमको सपने में भी अंदाज नही है .......
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न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट किया है कि भारत में मार्क्स, लेनिन और माओ का साहित्य रखने व् पढ़ने के अपराध में 6 एक्टिविस्टों को बंदी बनाया गया है
जबकि वास्तविकता यह है कि ये सभी वामपंथी आतंकी भारत के प्रधानमंत्री मोदी की हत्या का षड्यंत्र रच रहे थे, देश में घटित हुई भीमा कोरेगांव की जातीय हिंसा के सूत्रधार थे और विभिन्न स्थानों पर हथियारबंद जातीय हिंसा फैला कर देश का वातावरण खराब करने के प्रयासों में लगे हुए थे
इस घटिया स्तर के मूर्खतापूर्ण झूठे आर्टिकल और इतना निम्नस्तरीय एडिटोरियल कंट्रोल देखकर लग रहा है जैसे न्यूयॉर्क टाइम्स अमेरिका का “द क्विंट” और “द प्रिंट” है,
अब अब मुझे विश्वास हो चला है कि डोनाल्ड ट्रंप न्यूयॉर्क टाइम्स को फेक न्यूज़ मीडिया बोलकर कोई गलती नहीं करता न्यूयॉर्क टाइम्स वास्तव मे फेक न्यूज मीडिया ही है।
:🇮🇳Rohan Sharma
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न्यूज18 के पास सुरेंद्र गडलिंग का वह खत मौजूद हैं, जो उन्होंने वरवर राव को लिखा था, 'मैंने कामरेड साईबाबा के केस में संगठन को दिए आश्वासन को पूरा करने का प्रयास किया, लेकिन ज्यूडिशियरी के दुश्मनों से हाथ मिलाने की वजह से हमें कामयाबी नहीं मिली. आपको बताना चाहता हूं कि नोटबंदी के बाद जगह-जगह दुश्मनों द्वारा सड़क और रेलमार्ग पर की जा रही चेकिंग की वजह से हम गढ़चिरौली और छत्तीसगढ़ के कामरेडों कम समय पर फंड उपलब्ध नहीं करा पाएं. अभी पिछले सात-आठ दिनों से मैंने उन्हें फंडिंग भेजना शुरू कर दिया है.'गडलिंग के खत में आगे लिखा गया है,
साईबाबा केस में हुए निर्णय के बाद हुई क्षति को कंट्रोल करने के लिए गढ़चिरौली तथा बस्तर में भेजे फडिंग के साथ ही आपका संदेश फिर से भेजा गया है उसका प्रभाव देखने को मिल रहा है. बस्तर में हुए जबरदस्त हमले से देशभर में हमारी ताकत का सबूत दिया है. इन घटनाओं से केंद्र सरकार तक हिल गई है. कुछ कॉमरेड्स के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक उसुर, पामेद, एमलागुण्डा, पालाचलमा, भेजी, केरलापाल, इन जगह दुश्मन फोर्स का डिप्लायमेंट कम है जिससे हमें एम्बुश लगाने में आसानी हो सकती है.
इस पत्र में साईबाबा केस में तैयारी का जिक्र करते हुए दावा किया गया है कि एक बड़े वकील से बात हो गई है. जल्दी ही हमें सफलता मिलेगी और हम अपने कामरेडों को जेल से बाहर निकलवाने में सफल होंगे.
साभार News18





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