Tuesday, 11 September 2018

khani




क्योकि राष्ट्र हित और मूल्य सर्वोपरि है.--
ब्रिटिश गणितज्ञ एलन टूरिंग को आधुनिक कंप्यूटर का जनक मन जाता है. द्वितीय विश्व युद्ध में नाज़ी जर्मन ने गुप्त कोड से मेसेज भेजने की मशीन एनिग्मा बनाई थी जिससे वे यूरोप में फैली अपनी सैन्य टुकड़ी से संपर्क किया करते थे और आक्रमण का आदेश देते थे. एनिग्मा का कोड तोड़ना उस समय असंभव माना जाता था.
टूरिंग ने विश्व का पहला कंप्यूटर बना कर एनिग्मा का कोड तोड़ने में सफलता प्राप्त की. कई महीने के परिश्रम के पश्चात् जब एक रात टूरिंग और उनकी 4 लोगो की टीम ने कोड तोड़ लिया, तो उन्हें पता चला कि 20 मिनट बाद जर्मन नेवी एक सिविलियन शिप पे हमला करेगी जिसमे सौ से ज्यादा निर्दोष लोग मारे जायेंगे. उन यात्रियों में टूरिंग कि टीम के एक सदस्य का भाई भी था.
लेकिन टूरिंग इस सूचना का प्रयोग हमले को रोकने के लिए नहीं करना चाहता था, क्योकि जर्मन लोगो को पता चल जायेगा कि ब्रिटेन ने एनिग्मा का कोड तोड़ लिया. वह कहता है कि उनका काम यात्रियों कि जान बचाना नहीं है, बल्कि युद्ध जीतना है. और उसके लिए उन्हें जर्मन सूचना को एक रणनीति की तरह प्रयोग करना होगा,और जर्मन सामरिक हितो पे प्रहार करना होगा.
अतः जर्मन नेवी के हमले में सभी सिविलियन मारे जाते है. लेकिन ब्रिटेन और उसके सहयोही देश द्वितीय विश्व युद्ध जीत जाते है.
हर युद्ध में ऐसे मौके भारतीय नेताओ और सैनिको के सामने भी आये होंगे, जब उन्होंने देश के लिए कुछ ऐसे निर्णय लिए होंगे जिससे कई निर्दोषों कि जान गयी होगी. लेकिन आने वाले पीढ़ियों के लिए उन्होंने देश को सुरक्षित रखा और हमारी नीव को और मजबूत बना दिया.
युद्ध सीमा पे होता है, जमीन, आसमान और समुद्र पे होता है. लेकिन युद्ध सैनिको के मन और चेतना के स्तर पे भी होता है, क्योकि उन्हें किसी की जान ही नहीं लेनी होती है या किसी की जान ही नहीं बचानी होती, बल्कि देश को भी बचाना होता है, उस देश के मूल्यों को बचाना है, और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए कई बार नैतिक रूप से संदिग्ध निर्णय भी लेने होते है.
प्रधानमंत्री मोदी एक ऐसे सैनिक है जो राष्ट्र और सनातन मूल्यों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कुछ अस्थायी हितो की बली देने से नहीं हिचकेंगे.
क्योकि राष्ट्र हित और मूल्य सर्वोपरि है.--
अमित सिंघल

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