अर्बन नक्सल का कांग्रेस कनेक्शन, दो कांग्रेसी नेता थे मदद को तैयार
अर्बन नक्सल मामले में एक के बाद एक रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अब जी मीडिया को इस मामले में एक और बड़ी जानकारी मिली है जिससे सनसनीखेज खुलासा हुआ है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रतिबंधित संगठन सीपीआई(एम) में अर्बन लीडरशिप के सीनियर कॉमरेड्स नवंबर 2017 से मई 2018 तक कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं के साथ लगातार संपर्क में थे. उन्होंने अपने प्रोपोगंडा में कानूनी और आर्थिक मदद पाने के लिए कांग्रेस के 2 नेताओं के साथ दिसंबर 2017 और जनवरी 2018 में कई मीटिंग भी की थी. ये मीटिंग मुंबई और दिल्ली में हुईं थीं. हालांकि जांच अधिकारियों ने यह बात साफ की है कि यह मीटिंग हथियारों की खरीद फरोख्त के लिए नहीं हुई थी.
कांग्रेसी नेताओं से हुई थी कई बार बात
सूत्रों का दावा है कि इस मामले में पुणे पुलिस द्वारा जून 2018 में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की फोन कॉल डिटेल की रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि सीनियर कॉमरेड्स और इन दो कांग्रेसी नेताओं के बीच दर्जनों बार फोन पर भी बातचीत हुई है. इनमें से कुछ फोन कॉल की बातचीत थोड़ी लंबी भी पाई गई है.पुलिस को शक है कि कई बार इन नेताओं ने कॉन्फिडेंशियल बातचीत के लिए खुद के मोबाइल फोन के बजाए दूसरे मोबाइल नंबर का भी इस्तेमाल किया हो सकता है. हालांकि पुलिस इस मामले में इन 2 कांग्रेसी नेताओं के नाम का खुलासा फिलहाल नहीं कर रही है और इस मसले पर चुप्पी साधे बैठी है. पुलिस का कहना है कि हाउस अरेस्ट किए गए पांचों आरोपियों की पुलिस कस्टडी मिलने के बाद ही जरूरत पड़ने पर इंवेस्टिगेशन के लिए इन कांग्रेसी नेताओं को पूछताछ के लिए समन जारी किया जा सकता है.
राजनैतिक मदद इकट्ठा कर रहे थे
गौरतलब है कि इससे पहले हमने आपको बताया कि कैसे गिरफ्तार किए गए संदिग्ध माओवादियों के पास से बरामद एक चिट्ठी ने यह खुलासा किया था कि वह कैसे अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए राजनैतिक मदद इकट्ठा कर रहे थे.
दलित आंदोलन को उग्र करवाना चाहती थी कांग्रेस
चिट्ठी में इस बात का जिक्र किया गया था कि "प्रतिबंधित संगठन सीपीआई(एम) में अर्बन लीडरशिप के सीनियर कॉमरेड ने कांग्रेस पार्टी में अपने दोस्तों से दलित आंदोलन को उग्र करने के लिए आर्थिक और कानूनी मदद के लिए बातचीत की है और कांग्रेस पार्टी में उनके यह दोस्त उन्हें यह मदद मुहैया करवाने के लिए तैयार भी हैं."
बढ़ सकती है कांग्रेसी नेताओं की मुश्किल
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले वक्त में कांग्रेस के इन 2 नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं तो वहीं कांग्रेस पार्टी को भी इस मामले में अपना पक्ष साफ करने की जरूरत भी पड़ सकती है.
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