"लैंडमाइन पर भारत की अर्थव्यवस्था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी"
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के शुभारंभ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बताया की कैसे कांग्रेस ने 6 वर्षों में देश को लूटा, देश के बैंको को लूटा, देश अर्थव्यवस्था ऐसे लैंडमाइन पर थी कि कांग्रेस के लूट, भ्रष्टाचार का खुलासा यदि उस समय किया जाता तो देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान उठाना पड़ता.....
ऐसे ही आज कल पेट्रोल की बढ़ी कीमतों पर काफी विवाद हो रहा है, पर क्या आप जानते है कांग्रेस ने 2014 तक ईरान से 6.5 अरब डालर का तेल खरीदा और उसका भुगतान नहीं किया, अब कारण कुछ भी रहे हो, कुछ बुद्धिजीवी कहते है कि 2011 में अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण तेल की कीमत भारत नहीं चुका सका, लेकिन क्या ये बुद्धिजीवी बता सकते है कि 2013-14 के बजट में अगली सरकार के लिए तेल की बकाया राशि चुकाने के लिए क्या प्रावधान किए गए थे?? 2014 में इलेक्शन होने थे...
देश का सौभाग्य था कि 2014 के इलेक्शन में जनता ने पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी जी को चुना, नमो के पीएम बनते ही ईरान ने भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और कहा कि 60 दिन के भीतर 6.5 अरब डॉलर की बकाया राशि चुकाए भारत... अब सोचिए देश की बैंकिंग सेक्टर पहले से ही दिवालिया होने कि कगार पर खड़ी थी क्युकी जो 2 लाख करोड़ का एनपीए कांग्रेस सरकार ने बताया था, बैंको की जांच करने पर पता चला वो एनपीए 2 लाख करोड़ ना हो कर 9 लाख करोड़ से अधिक था... कहां एक तरफ ईरान को लगभग 43000 करोड़ रुपए देने थे 60 दिन में और दूसरी तरफ 9 लाख करोड़ कांग्रेस के कहने पर बैंको ने उद्योगपतियों को लोन दे दिया...
कहां आजादी के 60 वर्षों में 18 लाख करोड़ का ऋण बैंको द्वारा दिया गया था, और वहीं 2008 से 2014 के बीच 34 लाख करोड़ ऋण के रूप में माल्या, नीरव, मेहुल जैसे कई बिजनेसमैन को लुटाया गया..
फिर पता चला कि कांग्रेस सरकार ने 1.44 लाख करोड़, ब्याज सहित 2 लाख करोड़ से अधिक रुपए ऑयल बॉन्ड के रूप में ऋण लिया था, जिसको कांग्रेस सरकार ने 2014 तक नहीं चुकाया ना ही बजट में कोई प्रावधान किया था अगली सरकार के लिए...
फिर प्रधानमंत्री मोदी पहली बार ईरान यात्रा पर गए उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और अपनी नीतियों के चलते ईरान को यह राशि टुकड़ों में देने पर राजी कर लिया, ईरान ने अपनी 60 दिन वाली शर्त भी हटा दी, अब मोदी सरकार ईरान को 6.5 अरब डॉलर बकाया चुका रही है, साथ ही साथ मोदी सरकार ने कांग्रेस सरकार द्वारा ऑयल बॉन्ड के रूप में लिए गए ऋण को ब्याज सहित 2 लाख करोड़ से अधिक की राशि चुका दी है, और अभी ईरान का बकाया टुकड़ों में चुकाया जा रहा है....
बैंको के एनपीए का मसला ये है कि जो एनपीए 2014 में 9 लाख करोड़ के लगभग था वो ब्याज लगने के कारण बाढ़ कर 10.3 लाख करोड़ हो चुका है, मोदी जी ने बैंको को इस समस्या से बचाने के लिए बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में व्यापक बदलाव किए, लूप होल्स को खोजा गया और समाप्त किया गया, नया दिवालिया कानून बनाया, और अब इस आईबीसी लॉ के कारण डिफॉल्टर्स को अपना ऋण बैंको को चुकाना पड़ रहा है, ऐसी लगभग 60 बड़ी कंपनियां आईबीसी लॉ के तहत ऋण चुकाने को राजी हुई है जो अब तक डिफॉल्ट किए बैठी थी, क्युकी कोई डर नहीं था, कोई कानून ही नहीं था, पर अब है, इसी आईबीसी कानून के भय के कारण लगभग 4 लाख करोड़ का एनपीए बैंको में बहुत जल्द वापस आने वाला है, अब तक लगभग 1.5 लाख करोड़ एनपीए वापस आ चुका है, और ये अन्य 60 कम्पनियों का कुल एनपीए लगभग 3.5 लाख करोड़ है जो बैंको में वापस आएगा, कुल मिलाकर 100 बड़ी कंपनियों से लगभग 7.5 लाख करोड़ एनपीए वसूली की प्रक्रिया जारी है....
अर्थव्यवस्था पर और जीडीपी पर ज्ञान बांटते राहुल गांधी यह तो बोलते है कि हमारे समय जीडीपी बहुत बढ़िया थी, लेकिन यह अंदर की स्थिति कभी नहीं बताते, वाकई कांग्रेस के राज में जीडीपी दर अच्छी थी लेकिन इसका कारण कांग्रेस सरकार की नीतियां नहीं है, इसका कारण है वैश्विक अर्थव्यवस्था का मजबूत होना और इसी का फायदा कांग्रेस सरकार को भी मिला...
लेकिन अब आप सोच के देखिए यदि इतना बड़ा बैंकिंग घोटाला, 9 लाख करोड़ से अधिक एनपीए, 6.5 अरब डॉलर ईरान का बकाया और 2 लाख करोड़ का ऑयल बॉन्ड ऋण ना होता तो आज देश की अर्थव्यवस्था, जीडीपी कहां होती?? और पेट्रोल के दाम बेशक कम ही होते... लेकिन पेट्रोल के दाम लगभग आज भी उतने ही है जितने 2013 में थे, उन्नीस बीस का उतार चढ़ाव हो रहा है लेकिन फिर भी कंट्रोल में है, कांग्रेस राज की तरह बेतहाशा वृद्धि नहीं हो रही है हर चीज में, महंगाई भी काबू में है...
कुल मिला कर बात ये है कि कितना भी संकट में रहा हो देश परन्तु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश की जनता पर इस संकट की आंच तक नहीं आने दी है, यही कारण है कि मोदी विरोधी उछल उछल कर मोदी सरकार पर आरोप लगाया करते है, क्युकी उनको मालूम ही नहीं है कि देश पूरी तरह कर्ज के बोझ तले दबा हुआ था... मोदी सरकार ने किसी पर अतिरिक्त भार नहीं डाला, और सारे ऋण व बकाया चुका रही है...
साथ ही साथ देश के विकास के लिए, गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है, उदाहरण के लिए उज्ज्वला योजना को लेते है, जब इस योजना को शुरू किया गया और 5 करोड़ गरीब माताओं बहनों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया तब इसके लिए सरकार के पास पैसे की कमी थी, पर मोदी ने अपनी नीतियों और साफ नियत से जनता से सब्सिडी छोड़ने आह्वान किया और देखते ही देखे 1 करोड़ से अधिक समर्थ लोगो ने अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दी, और उस पैसे से आज 5 करोड़ से अधिक गैस कनेक्शन गरीब परिवारों को दिए जा चुके है, अब 3 करोड़ अतरिक्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है....
यह है मोदी के कार्य करने का तरीका, सबका साथ सबका विकास और साफ नियत से सही विकास बिना देश की जनता पर अतिरिक्त भार डाले, महंगाई को काबू में रख कर कैसे हर काम किया जा सकता है उसका बेहतरीन उदाहरण है,
साभार Abhijeet Srivastava
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के शुभारंभ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बताया की कैसे कांग्रेस ने 6 वर्षों में देश को लूटा, देश के बैंको को लूटा, देश अर्थव्यवस्था ऐसे लैंडमाइन पर थी कि कांग्रेस के लूट, भ्रष्टाचार का खुलासा यदि उस समय किया जाता तो देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान उठाना पड़ता.....
ऐसे ही आज कल पेट्रोल की बढ़ी कीमतों पर काफी विवाद हो रहा है, पर क्या आप जानते है कांग्रेस ने 2014 तक ईरान से 6.5 अरब डालर का तेल खरीदा और उसका भुगतान नहीं किया, अब कारण कुछ भी रहे हो, कुछ बुद्धिजीवी कहते है कि 2011 में अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण तेल की कीमत भारत नहीं चुका सका, लेकिन क्या ये बुद्धिजीवी बता सकते है कि 2013-14 के बजट में अगली सरकार के लिए तेल की बकाया राशि चुकाने के लिए क्या प्रावधान किए गए थे?? 2014 में इलेक्शन होने थे...
देश का सौभाग्य था कि 2014 के इलेक्शन में जनता ने पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी जी को चुना, नमो के पीएम बनते ही ईरान ने भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और कहा कि 60 दिन के भीतर 6.5 अरब डॉलर की बकाया राशि चुकाए भारत... अब सोचिए देश की बैंकिंग सेक्टर पहले से ही दिवालिया होने कि कगार पर खड़ी थी क्युकी जो 2 लाख करोड़ का एनपीए कांग्रेस सरकार ने बताया था, बैंको की जांच करने पर पता चला वो एनपीए 2 लाख करोड़ ना हो कर 9 लाख करोड़ से अधिक था... कहां एक तरफ ईरान को लगभग 43000 करोड़ रुपए देने थे 60 दिन में और दूसरी तरफ 9 लाख करोड़ कांग्रेस के कहने पर बैंको ने उद्योगपतियों को लोन दे दिया...
कहां आजादी के 60 वर्षों में 18 लाख करोड़ का ऋण बैंको द्वारा दिया गया था, और वहीं 2008 से 2014 के बीच 34 लाख करोड़ ऋण के रूप में माल्या, नीरव, मेहुल जैसे कई बिजनेसमैन को लुटाया गया..
फिर पता चला कि कांग्रेस सरकार ने 1.44 लाख करोड़, ब्याज सहित 2 लाख करोड़ से अधिक रुपए ऑयल बॉन्ड के रूप में ऋण लिया था, जिसको कांग्रेस सरकार ने 2014 तक नहीं चुकाया ना ही बजट में कोई प्रावधान किया था अगली सरकार के लिए...
फिर प्रधानमंत्री मोदी पहली बार ईरान यात्रा पर गए उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और अपनी नीतियों के चलते ईरान को यह राशि टुकड़ों में देने पर राजी कर लिया, ईरान ने अपनी 60 दिन वाली शर्त भी हटा दी, अब मोदी सरकार ईरान को 6.5 अरब डॉलर बकाया चुका रही है, साथ ही साथ मोदी सरकार ने कांग्रेस सरकार द्वारा ऑयल बॉन्ड के रूप में लिए गए ऋण को ब्याज सहित 2 लाख करोड़ से अधिक की राशि चुका दी है, और अभी ईरान का बकाया टुकड़ों में चुकाया जा रहा है....
बैंको के एनपीए का मसला ये है कि जो एनपीए 2014 में 9 लाख करोड़ के लगभग था वो ब्याज लगने के कारण बाढ़ कर 10.3 लाख करोड़ हो चुका है, मोदी जी ने बैंको को इस समस्या से बचाने के लिए बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में व्यापक बदलाव किए, लूप होल्स को खोजा गया और समाप्त किया गया, नया दिवालिया कानून बनाया, और अब इस आईबीसी लॉ के कारण डिफॉल्टर्स को अपना ऋण बैंको को चुकाना पड़ रहा है, ऐसी लगभग 60 बड़ी कंपनियां आईबीसी लॉ के तहत ऋण चुकाने को राजी हुई है जो अब तक डिफॉल्ट किए बैठी थी, क्युकी कोई डर नहीं था, कोई कानून ही नहीं था, पर अब है, इसी आईबीसी कानून के भय के कारण लगभग 4 लाख करोड़ का एनपीए बैंको में बहुत जल्द वापस आने वाला है, अब तक लगभग 1.5 लाख करोड़ एनपीए वापस आ चुका है, और ये अन्य 60 कम्पनियों का कुल एनपीए लगभग 3.5 लाख करोड़ है जो बैंको में वापस आएगा, कुल मिलाकर 100 बड़ी कंपनियों से लगभग 7.5 लाख करोड़ एनपीए वसूली की प्रक्रिया जारी है....
अर्थव्यवस्था पर और जीडीपी पर ज्ञान बांटते राहुल गांधी यह तो बोलते है कि हमारे समय जीडीपी बहुत बढ़िया थी, लेकिन यह अंदर की स्थिति कभी नहीं बताते, वाकई कांग्रेस के राज में जीडीपी दर अच्छी थी लेकिन इसका कारण कांग्रेस सरकार की नीतियां नहीं है, इसका कारण है वैश्विक अर्थव्यवस्था का मजबूत होना और इसी का फायदा कांग्रेस सरकार को भी मिला...
लेकिन अब आप सोच के देखिए यदि इतना बड़ा बैंकिंग घोटाला, 9 लाख करोड़ से अधिक एनपीए, 6.5 अरब डॉलर ईरान का बकाया और 2 लाख करोड़ का ऑयल बॉन्ड ऋण ना होता तो आज देश की अर्थव्यवस्था, जीडीपी कहां होती?? और पेट्रोल के दाम बेशक कम ही होते... लेकिन पेट्रोल के दाम लगभग आज भी उतने ही है जितने 2013 में थे, उन्नीस बीस का उतार चढ़ाव हो रहा है लेकिन फिर भी कंट्रोल में है, कांग्रेस राज की तरह बेतहाशा वृद्धि नहीं हो रही है हर चीज में, महंगाई भी काबू में है...
कुल मिला कर बात ये है कि कितना भी संकट में रहा हो देश परन्तु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश की जनता पर इस संकट की आंच तक नहीं आने दी है, यही कारण है कि मोदी विरोधी उछल उछल कर मोदी सरकार पर आरोप लगाया करते है, क्युकी उनको मालूम ही नहीं है कि देश पूरी तरह कर्ज के बोझ तले दबा हुआ था... मोदी सरकार ने किसी पर अतिरिक्त भार नहीं डाला, और सारे ऋण व बकाया चुका रही है...
साथ ही साथ देश के विकास के लिए, गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है, उदाहरण के लिए उज्ज्वला योजना को लेते है, जब इस योजना को शुरू किया गया और 5 करोड़ गरीब माताओं बहनों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया तब इसके लिए सरकार के पास पैसे की कमी थी, पर मोदी ने अपनी नीतियों और साफ नियत से जनता से सब्सिडी छोड़ने आह्वान किया और देखते ही देखे 1 करोड़ से अधिक समर्थ लोगो ने अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दी, और उस पैसे से आज 5 करोड़ से अधिक गैस कनेक्शन गरीब परिवारों को दिए जा चुके है, अब 3 करोड़ अतरिक्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है....
यह है मोदी के कार्य करने का तरीका, सबका साथ सबका विकास और साफ नियत से सही विकास बिना देश की जनता पर अतिरिक्त भार डाले, महंगाई को काबू में रख कर कैसे हर काम किया जा सकता है उसका बेहतरीन उदाहरण है,
साभार Abhijeet Srivastava
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