महिलाएं कैसे पा सकती हैं हनुमान जी की कृपा
शास्त्रों में वर्णित है कि चुंकि हनुमान जी समस्त महिलाओं में अपनी माता का रूप देखते हैं अत: वे नहीं चाहते हैं कि महिलाएं उनके समक्ष मस्तक झुकाए, वे स्वयं महिलाओं के सामने अपना मस्तक झुकाते हैं। हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं। लेकिन हनुमान जन्मोत्सव पर और अन्य अवसरों पर महिलाएं इस तरह से हनुमान जी की सेवा कर कृपा पा सकती हैं।
हनुमान जी की पूजा में महिलाओं के लिए कुछ नियम हैं।
1 . महिलाएं दीप अर्पित कर सकती हैं।
2. महिलाएं गुगल की धूनी लगा सकती हैं।
3 . महिलाएं हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं।
4. महिलाएं हनुमान जी का भोग अपने हाथों से बनाकर अर्पित कर सकती हैं।
5 . महिलाएं लंबे अनुष्ठान नहीं कर सकती।
6. महिलाएं रजस्वला होने पर हनुमान जी से संबंधित कोई भी कार्य न करें।
7. महिलाएं हनुमान जी को सिंदूर अर्पित नहीं कर सकती है ।
8. महिलाओं को हनुमान जी को चोला भी नहीं चढ़ाना चाहिए ।
9 . महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।
10. महिलाओं को पाद्यं अर्थात चरणपादुकाएं अर्पित नहीं करनी चाहिए।
11. महिलाएं हनुमान जी को पंचामृत स्नान नहीं करा सकती।
12. महिलाएं वस्त्र अर्थात कपड़ों का जोड़ा समर्पित नहीं कर सकती।
13. महिलाएं यज्ञोपवित अर्थात जनेऊ अर्पित नहीं कर सकती।
6. महिलाएं रजस्वला होने पर हनुमान जी से संबंधित कोई भी कार्य न करें।
7. महिलाएं हनुमान जी को सिंदूर अर्पित नहीं कर सकती है ।
8. महिलाओं को हनुमान जी को चोला भी नहीं चढ़ाना चाहिए ।
9 . महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।
10. महिलाओं को पाद्यं अर्थात चरणपादुकाएं अर्पित नहीं करनी चाहिए।
11. महिलाएं हनुमान जी को पंचामृत स्नान नहीं करा सकती।
12. महिलाएं वस्त्र अर्थात कपड़ों का जोड़ा समर्पित नहीं कर सकती।
13. महिलाएं यज्ञोपवित अर्थात जनेऊ अर्पित नहीं कर सकती।
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