Thursday, 6 September 2018

अमेरिका के साथ हुई COMCASA ​डील, जानिए बड़ी बातें..............
अमेरिका के साथ गुरुवार को हुई COMCASA डील भारतीय सशस्त्र बलों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। गुरुवार को 2+2 वार्ता के दौरान भारत और अमेरिका के बीच यह महत्वपूर्ण सुरक्षा समझौता हो गया।
यह डील कितनी अहम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब अमेरिका अपनी संवेदनशील सुरक्षा तकनीकों को भी भारत को बेच सकेगा। भारत पहला ऐसा गैर-नाटो देश है, जिसे अमेरिका यह सुविधा देने जा रहा है। दो बार स्थगित होने के बाद 2+2 वार्ता पर सबकी नजरें थीं। आखिरकार अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक की।
इस बहुचर्चित वार्ता के दौरान हुए COMCASA समझौते के बारे में कुछ तथ्य ............
COMCASA वास्तव में कम्युनिकेशन ऐंड इन्फर्मेशन ऑन सिक्यॉरिटी मेमोरैंडम ऑफ अग्रीमेंट (CISMOA) का भारतीय वर्जन है। भारत और अमेरिका में यह समझौता होने के बाद दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के ज्यादा करीब आएंगी और उनमें सहयोग बढ़ेगा।
COMCASA का फुल फॉर्म कम्युनिकेशंस कॉम्पैटिबिलिटी ऐंड सिक्यॉरिटी अग्रीमेंट है। यह उन चार मूलभूत समझौतों में से एक है जो अमेरिका अपने सहयोगी और करीबी पार्टनर देशों के साथ करता है, जिससे सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ सके।
- इसके तहत भारतीय सेना को अमेरिका से महत्वपूर्ण और एन्क्रिप्टिड (कूट रूप से सुरक्षित) रक्षा प्रौद्योगिकियां मिलेंगी। यह करार अमेरिका से मंगाए गए रक्षा प्लेटफॉर्मों पर उच्च सुरक्षा वाले संचार उपकरणों को लगाने की भी इजाजत देगा।
COMCASA के तहत भारत को अपनी सेना के लिए अमेरिका से कुछ आधुनिक संचार प्रणाली मिलने की अनुमति मिल गई है। इन प्लैटफॉर्म्स में C-17, C-130 और P-8I एयरक्रॉफ्ट, अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टर्स प्रमुख हैं। अब तक इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं होने के कारण भारत वाणिज्यिक तौर पर उपलब्ध संचार प्रणालियों का इस्तेमाल कर रहा है।
- गुरुवार को 2+2 वार्ता के बाद जारी बयान में कहा गया है कि इससे यूएस मूल के मौजूदा प्लैटफॉर्म्स का भारत इस्तेमाल कर सकेगा। वार्ता में दोनों देशों के बीच हॉटलाइन स्थापित करने का भी फैसला हुआ।
- COMCASA करार होने के बाद भारत अमेरिका से महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियां हासिल कर सकेगा और अमेरिका तथा भारतीय सशस्त्र बलों के बीच अंतरसक्रियता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण संचार नेटवर्क तक भारत की पहुंच होगी।
- इस डील के बाद अब कानूनी तौर पर अमेरिका से आधुनिक संचार सुरक्षा उपकरण मिल सकेंगे, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे भारत द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मौजूदा सिस्टम्स से कहीं ज्यादा सुरक्षित हैं।
साभार NBT

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