ऑटो रिक्शा चालक की बेटी को मिला पद्मश्री अवॉर्ड
झारखंड के रांची जिले की रहने वाली दीपिका कुमारी को भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 28 मार्च को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। आपको बता दें कि दीपिका ने तमाम मुश्किलें झेलने के बाद भी कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इनके पास तीरंदाजी कॉम्पटीशन में पार्टिसिपेट करने के लिए दस रुपये तक नहीं थे। ये जानकर भी आपको हैरानी होगी कि दीपिका के पिता मात्र एक ऑटो रिक्शा चालक हैं।
इन उपलब्धियों पर किया कब्जा-
21 वर्षीय दीपिका कुमारी अर्जुन अवॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं और 2011 से 2013 तक 3 वर्ल्ड कप में रजत पदक उन्होंने हासिल किया है। दीपिका पैसों की कमी होने के कारण बांस का धनुष बनाकर तीरंदाजी किया करती थीं और इसी से ही अपनी प्रैक्टिस करती थीं। जब दीपिका को तीरंदाजी कॉम्पटीशन में हिस्सा लेना था तब उन्होंने अपने पिता से 10 रुपये मांगे जो कि उनके पिता के पास नहीं थे। हालांकि पिता ने कहीं से जुगाड़ कर उन्हें 10 रुपय दिए थे।
ऑटो रिक्शा
झारखंड के रांची जिले की रहने वाली दीपिका कुमारी को भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 28 मार्च को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। आपको बता दें कि दीपिका ने तमाम मुश्किलें झेलने के बाद भी कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इनके पास तीरंदाजी कॉम्पटीशन में पार्टिसिपेट करने के लिए दस रुपये तक नहीं थे। ये जानकर भी आपको हैरानी होगी कि दीपिका के पिता मात्र एक ऑटो रिक्शा चालक हैं।
इन उपलब्धियों पर किया कब्जा-
21 वर्षीय दीपिका कुमारी अर्जुन अवॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं और 2011 से 2013 तक 3 वर्ल्ड कप में रजत पदक उन्होंने हासिल किया है। दीपिका पैसों की कमी होने के कारण बांस का धनुष बनाकर तीरंदाजी किया करती थीं और इसी से ही अपनी प्रैक्टिस करती थीं। जब दीपिका को तीरंदाजी कॉम्पटीशन में हिस्सा लेना था तब उन्होंने अपने पिता से 10 रुपये मांगे जो कि उनके पिता के पास नहीं थे। हालांकि पिता ने कहीं से जुगाड़ कर उन्हें 10 रुपय दिए थे।
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