Tuesday, 8 March 2016


औरंगजेब की सेना भी खंडित नहीं कर पाई शिव की यह प्रतिमा

Mar 07, 2016 03:02 PM IST | ETV MP/Chhattisgarh

मध्‍य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा मंदिर:
जो भारत ही नहीं पूरे विश्व में है एकमात्र मंदिर
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कहा जाता है कि इस मंदिर को औरंगजेब ने तोड़ने की कोशिश की थी. चौसठ योगिनी सहित कई देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को खंडित किया गया, लेकिन औरंगजेब की सेना भगवान शिव की प्रतिमा को खंडित नहीं कर पाई.
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  • मध्‍य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा मंदिर है जो भारत ही नहीं पूरे विश्व में एकमात्र है. इस मंदिर मे भगवान शिव की बारात का वर्णन किया गया है. यहांसातवाहन राजाओं के द्वारा 8वीं सदी में एक ऐसे मंदिर का निर्माण कराया गया जो शिव विवाह से प्रेरित था. कहा जाता है कि इस मंदिर को औरंगजेब ने तोड़ने की कोशिश की थी. चौसठ योगिनी सहित कई देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को खंडित किया गया, लेकिन औरंगजेब की सेना भगवान शिव की प्रतिमा को खंडित नहीं कर पाई. भेड़ाघाट के चौसठ योगिनी मंदिर की दीवारों पर बनी एक एक प्रतिमा भगवान शिव के विवाह की भव्य कहानी को खुद ही कह रही है. सतवाहन राजाओं के द्वारा इस मंदिर को शिव विवाह से प्रेरित होकर 8वीं सदी में बनाया गया था. मंदिर की दीवारों पर लक्ष्मी नारायण, गणेश, ब्रह्मा,योगिनी और बेतालों की आकृतियां उकेरी गई हैं. औरंगजेब ने इस मंदिर को तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन मधुमक्खियों के हमले से मुगल सैनिक भाग खड़े हुए. तभी से ये मंदिर विश्व प्रसिद्ध ख्याति के लिए मशहूर हो गया. इस मंदिर को दूर-दूर से लोग देखने आते हैं. लोगों का कहना है कि चौसठ योगिनी मंदिर अपनी तमाम खूबियों के कारण अनूठा है. मंदिर पर उकरी भगवान शिव के विवाह की आकृतियों देखकर उन्हें शिव विवाह में शामिल होने का आभास कराती हैं. लोगों का कहना है कि शिवरात्रि में भगवान के दर्शन के लिए चौसठ योगिनी मंदिर से बेहतर कोई और शिव मंदिर नहीं.

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