Monday, 14 March 2016



DRI ने 505 अरब डॉलर गैर-कानूनी तरीके से विदेश भेजे जाने की जांच शुरू की........!!!
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) इस बात की जांच कर रहा है कि क्या 2004 से 2013 के दौरान देश से वास्तव में 505 अरब डॉलर (करीब 33 लाख करोड़ रुपये) का काला धन विदेश भेजा गया। उस समय कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी।
इस बारे में जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के निर्देश पर की जा रही है। इसने अमेरिका के थिंक टैंक ग्लोबल फाइनैंस इंटेग्रिटी की रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि दुनिया में काला धन प्रवाह मामले में भारत चौथे स्थान पर है। भारत से 2004 से 2013 के दौरान हर साल 51 अरब डॉलर राशि विदेश भेजी गई।
डीआरआई सूत्रों ने कहा कि उन्हें संबंधित दस्तावेज मिल गए हैं और वे मामले की जांच कर रहे हैं। एक सूत्र ने कहा, 'डीआरआई इस बात की जांच कर रही है कि जीएफआई की रिपोर्ट में काला धन विदेश जाने का जो जिक्र किया गया है वह सही है या नहीं। रिपोर्ट में व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग का संकेत दिया गया है।'
एसआईटी ने अपनी विभिन्न रिपोर्टों में इस बात की तरफ इशारा किया है कि व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग ही वह प्रमुख तरीका रहा है जिसके जरिए धन को देश से बाहर भेजा गया। एसआईटी ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए अपनी दूसरी रिपोर्ट में इस बात की सिफारिश भी की है कि एक पूर्णकालिक संस्थागत प्रणाली होनी चाहिए जो कि देश से होने वाले आयात-निर्यात के आंकड़ों का दूसरे देशों के आयात-निर्यात आंकड़ों से नियमित रूप से मिलान करे।
एसआईटी ने इस बात की भी सिफारिश की है कि जहां कहीं संभव हो कन्जयूमर जिंसों के आयात-निर्यात मूल्य का अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्यों से भी मिलान किया जाना चाहिए।

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