इस बात के कई सबूत पेश किये जाते हैं कि विश्व के कई देशों में पहले सनातन धर्म ही था. वही सनातन जिसको हिन्दू धर्म के नाम से हम सभी जानते हैं.
कंबोडिया दक्षिण पूर्व एशिया का प्रमुख देश है.इसकी जनसँख्या करीब 1.5 करोड़ है. कंबोडिया की राजधानी नामपेन्ह है. नामपेन्ह कम्बोडिया का सबसे बड़ा शहर भी है. कम्बोडिया में राजतंत्र है. सालों पहले इस देश में हिन्दू धर्म का बोल बाला था. प्राचीन समय में इस देश का नाम कंबुज या कंबोज था जो एक संस्कृत नाम था. . लेकिन सालों पहले यहाँ एक गन्दा खेल खेला गया था जिसमें लोगों का धर्म परिवर्तन किया गया था. आज इस देश में गिनती के ही हिन्दू बचे हुए हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर भी यही है.. यह कम्बोडिया देश के अंकोर में है जो सिमरिप शहर में मीकांग नदी के किनारे बसा हुआ है. यह हिन्दू देवता विष्णु का मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने 1112 से 1153 ईस्वी के दौरान बनवाया गया था. इस मंदिर के चित्र को कम्बोडिया के राष्ट्रीय ध्वज में छापा गया है. यह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है. इसको यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया है.
कंबोज की प्राचीन दंतकथाओं के अनुसार इस उपनिवेश की नींव ‘आर्यदेश’ के राजा कंबु स्वयांभुव ने डाली थी. वह भगवान शिव की प्रेरणा से कंबोज देश में आए और यहाँ बसी हुई नाग जाति के राजा की सहायता से उन्होंने इस जंगली मरुस्थल में एक नया राज्य बसाया जो नागराज की अद्भुत जादूगरी से हरे भरे, सुंदर प्रदेश में परिणत हो गया था. कंबु ने नागराज की कन्या मेरा से विवाह कर लिया और कंबुज राजवंश की नींव डाली थी.किन्तु बाद में यहाँ पर विदेशी लोगों की नजर आई और उन्होंने यहाँ के हिन्दू लोगों का धर्म परिवर्तन तलवार के दम पर करा दिया. आज भी यह लोग दिल से खुद को हिन्दू ही मानते हैं.
लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि जिस देश के बारे में बोला जाता है कि जहाँ 100 फीसदी लोग हिन्दू धर्म को मानते थे तो आज वहां से हिन्दू कहाँ गायब हो गये है? वहां हिन्दू लोग क्यों नहीं है? तो इस बात का जवाब इतिहास में लिखा गया है कि लोगों ने दूसरे धर्मों को अपना लिया है. लेकिन क्या यह अपने आप हुआ है जो जवाब नहीं में आता है.
आज कम्बोडिया हमें याद दिला रहा है कि अगर हम सभी अपनी संस्कृति और संस्कारों को भूला देंगे तो हम बहुत ज्यादा दिनों तक अपने धर्म को जिन्दा नहीं रख सकते हैं. साथ ही साथ यह उन लोगों के लिए भी एक उदाहरण है जो बोलते हैं कि भारत को कोई भी ताकत नहीं तोड़ सकती है.
सत्य यह है कि अगर हम अपनी सनातन जड़ों से कट गये तो जल्द ही हम भी टूट सकते हैं
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