Thursday, 31 March 2016

यह बंदर बजाता है आरती में घंटी, लगवाता है तिलक...


दुनिया के इस आधुनिक युग में हनुमान जी के सबसे विशेष मंदिर बजरंगगढ़ में उन्ही का स्वरूप रामू (वानर) वर्षों से मंदिर की पहरेदारी कर रहा है। रामू कोई आम वानर नहीं है, उसमें कई एेसी विशेषताएं है जो आम वानरों में देखने को नहीं मिलती। रामू पूरा दिन बजरंगगढ़ की पहरेदारी करने के साथ-साथ तिलक लगवाना, मंदिर की घंटी बजाना, गिलास से उठाकर पानी पीना, बालाजी के भजन पर नृत्य जैसी कई अद्भूत क्रियाएं करता है। रामू पूरा समय मंदिर में ही रहता है, यहीं खाता-पीता है, सोता है और मंदिर परिसर में विचरण करता रहता है। रामू तिलक लगवाता है, अपने पैर धुलवाने देता है, आर्शिवाद देता है व आरती के दौरान कई बार अचानक से मंदिर की घंटी बजा आता है। रामू जब आर्शीवाद देने के लिए हाथ उठाता है तो एेसा लगता है मानो साक्षात हनुमानजी अपने भक्त को आर्शीवाद प्रदान कर रहे हों।रामू की इन अनोखी  अठखेलियों को अपने कैमरे में कैद किया हमारे फोटो जर्नलिस्ट जय माखीजा ने।
 देखिए रामू की कुछ अनोखी तस्वीरें.... 
रामू कई बार मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति के सामने आरती या अन्य पाठ के दौरान मंदिर में आए श्रद्धालुओं के साथ बैठकर पाठ व आरती में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता है। 
रामू एक आम भक्त की तरह मंदिर में रहता है। प्यास लगने पर हाथ से गिलास में मनुष्यों की तरह पानी पीता है। 
रामू ईश्वर के सच्चे भक्त के रूप में अपने माथे पर तिलक भी लगवाता है। रामू मंदिर में बैठे पुजारी व अन्य लोगों के पास खुद के सर पर चन्दन का तिलक लगाने की गुहार करता है। 
एेसा कभी देखा या सुना नहीं होगा कि कोई बंदर मनुष्स से अपने पैर धुलवाए। मगर रामू बेहद आराम से बैठकर अपने पैर धुलवाता है। 
रामू अक्सर मंदिर में रखी घंटी भी बजाने लग जाता है। कई बार आरती के दौरान रामू खुद आकर भक्त की तरह मंदिर की घंटी बजाता है। 
रामू भूख लगने पर खुद ब खुद खाना खाता है। साथ ही फल, रोटी व पानी का सेवन मनुष्य की तरह करता है। 
रामू का सोने का ढंग भी निराला है, वह हुबहू मनुष्य की तरह आराम करता है और सोता है। 
रामू का सोने का ढंग भी निराला है, वह हुबहू मनुष्य की तरह आराम करता है और सोता है।

रामू भूख लगने पर खुद ब खुद खाना खाता है। साथ ही फल, रोटी व पानी का सेवन मनुष्य की तरह करता है।

यह बंदर बजाता है आरती में घंटी, लगवाता है तिलक, देखे बजरंगगढ़ मंदिर में मौजूद रामू की अनोखी क्रियाएं


रामू अक्सर मंदिर में रखी घंटी भी बजाने लग जाता है। कई बार आरती के दौरान रामू खुद आकर भक्त की तरह मंदिर की घंटी बजाता है।


एेसा कभी देखा या सुना नहीं होगा कि कोई बंदर मनुष्स से अपने पैर धुलवाए। मगर रामू बेहद आराम से बैठकर अपने पैर धुलवाता है।

रामू ईश्वर के सच्चे भक्त के रूप में अपने माथे पर तिलक भी लगवाता है। रामू मंदिर में बैठे पुजारी व अन्य लोगों के पास खुद के सर पर चन्दन का तिलक लगाने की गुहार करता है।


रामू एक आम भक्त की तरह मंदिर में रहता है। प्यास लगने पर हाथ से गिलास में मनुष्यों की तरह पानी पीता है।



रामू कई बार मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति के सामने आरती या अन्य पाठ के दौरान मंदिर में आए श्रद्धालुओं के साथ बैठकर पाठ व आरती में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता है।


दुनिया के इस आधुनिक युग में हनुमान जी के सबसे विशेष मंदिर बजरंगगढ़ में उन्ही का स्वरूप रामू (वानर) वर्षों से मंदिर की पहरेदारी कर रहा है। रामू कोई आम वानर नहीं है, उसमें कई एेसी विशेषताएं है जो आम वानरों में देखने को नहीं मिलती। रामू पूरा दिन बजरंगगढ़ की पहरेदारी करने के साथ-साथ तिलक लगवाना, मंदिर की घंटी बजाना, गिलास से उठाकर पानी पीना, बालाजी के भजन पर नृत्य जैसी कई अद्भूत क्रियाएं करता है। रामू पूरा समय मंदिर में ही रहता है, यहीं खाता-पीता है, सोता है और मंदिर परिसर में विचरण करता रहता है। रामू तिलक लगवाता है, अपने पैर धुलवाने देता है, आर्शिवाद देता है व आरती के दौरान कई बार अचानक से मंदिर की घंटी बजा आता है। रामू जब आर्शीवाद देने के लिए हाथ उठाता है तो एेसा लगता है मानो साक्षात हनुमानजी अपने भक्त को आर्शीवाद प्रदान कर रहे हों।रामू की इन अनोखी  अठखेलियों को अपने कैमरे में कैद किया हमारे फोटो जर्नलिस्ट जय माखीजा ने। देखिए रामू की कुछ अनोखी तस्वीरें....

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