ब्राजील के रियो डी जनेरियो में स्थित समुद्री तट पर रहने वाले मछुआरे से मिलने के लिए एक पेंगुइन हर साल आठ हजार किलोमीटर से अधिक तैरकर आता है। दरअसल, कुछ सालों पहले जाआओ परेरा डी'सूजा नामक मछुआरे ने पेंगुइन की जान बचाई थी।
रिटायरमेंट से पहले मिस्त्री का काम करने वाले जाआओ परेरा को साल 2011 में चट्टानों के बीच से पेंगुइन मिला था। इस पेंगुइन के पूरे शरीर पर तेल लगा हुआ था और बिलकुल मरने वाली हालत में था। जाओआ परेरा उसे वहां से उठाकर समुद्र के पास बनी अपनी झोपड़ी में ले आए। वे रोज उसकी देखभाल करते व खाने के लिए मछलियां भी देते।
जाआओ परेरा डी'सूजा का कहना है कि कुछ ही दिनों में पेंगुइन की हालत बेहतर होने लगी। उन्होंने उसका नाम डिनडिम रख दिया और ज्यादा से ज्यादा समय उसके साथ ही बिताने लगा।उन्होंने कहा, 'एक सप्ताह के बाद डिनडिम के पूरी तरह से स्वस्थ्य होने के बाद उसे समुद्र में ही छोड़ दिया। मगर कुछ दिनों के बाद ही वह वापस मेरे पास आ गया।' जआओ परेरा डी'सूजा से मिलने के लिए पेंगुइन डिनडिम हर साल तकरीबन आठ हजार किलोमीटर से अधिक तैरकर आता है।जाआओ ने बताया कि डिनडिम के आने के बाद मुझे काफी खुशी होती है। मैं उसे अपने बच्चे की तरह ही रखता हूं। जब भी वह हजारों किलोमीटर तैरकर मुझसे मिलने आता है तो उसे अपनी झोपड़ी में ले आता हूं और खाने के लिए पर्याप्त तौर पर मछलियां व अन्य समुद्री जीव-जंतु लाकर देता रहता हूं।
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