Thursday 31 March 2016


पंजाब का ये किसान करता है बिजली की खेती, 46200 रु. रोजाना की कमाई
🔸ये हैं वो किसान जिन्होंने बिजली की खेती कर कमा रहे महीने के लाखों रुपए
बठिंडा/मुक्तसर। पंजाब के मुक्तसर में गांव भागसर के किसान जगदेव सिंह अपने खेतों में लगाए डेढ़ मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट से हर रोज औसत 5500 यूनिट बिजली पैदा कर रहे हैं। गर्मियों में प्रोडक्शन 9000 तक पहुंच जाती है। सर्दियों में धूप कम आने से प्रोडक्शन गिरती है। प्राकृतिक आपदा कारोबारी नीतियों के कारण खेती की बजाए उन्होंने 3 साल पहले ‘जवाहर लाल नेहरू सोलर मिशन’ के तहत 12 एकड़ जमीन पर सोलर प्रोजेक्ट लगाया था। बिजली पैदा कर केंद्र सरकार को 8 रुपए 40 पैसे प्रति यूनिट बेच रहे हैं। इसके लिए 25 साल का एग्रीमेंट किया है। गांव के बिजली घर को भी स्पलाई करते हैं।
- एक एकड़ जमीन पर खेती के लिए ठेके पर देने से अधिकतम आय 50 हजार
- 12 एकड़ जमीन पर सोलर प्रोजेक्ट लगाने से रोज उत्पादन 5500 यूनिट
- पंजाब सरकार की 8.40 रुपये प्रति यूनिट दर के हिसाब से रोजाना आय : 46,200
किसान जगदेव सिंह के अनुसार फसल जब तक कट नहीं जाती तब तक रिस्क रहता है। पर इस प्रोजेक्ट को अपनी जमीन पर लगाने से जिंदगी भर की चिंता दूर हो जाती है। छोटे किसान बड़ी कंपनियों को अपनी जमीन ठेके पर देकर भी मुनाफा कमा सकते हैं।
🔸सोलर पावर प्लांट
पंजाब सरकार को 8 रुपये 40 पैसे प्रति यूनिट बिजली बेचेंगे
अपनी सफलता से उत्साहित जगदेव सिंह ने अब नजदीकी गांव लक्खेवाली में भी 10 एकड़ जमीन पर 2 मेगावाट का प्रोजेक्ट लगाना शुरू कर दिया है। इसके लिए पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी (पेडा) से एग्रीमेंट किया है। यहां से पैदा बिजली को वह पंजाब सरकार को 8 रुपये 40 पैसे प्रति यूनिट बेचेंगे। जगदेव सिंह ने बताया, जब उन्होंने यह प्रोजेक्ट लगाया था उस समय एक मेगावाट प्रोजेक्ट पर करीब 12 करोड़ खर्च आता था, परंतु अब करीब 7 करोड़ रुपये में एक मेगावाट का प्रोजेक्ट लग जाता है।
मालवा इलाके में सौर ऊर्जा की रेडिएशन ज्यादा होने से यहां सोलर प्रोजेक्ट ज्यादा प्रभावी हैं। इसीलिए निजी कंपनियों ने भी यहां ज्यादा फोकस किया है। अब मुक्तसर, मानसा और फाजिल्का जिले में कंपनियों के करीब 28 सोलर ऊर्जा प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
🔸खेतों में इन्सटॉल साेलर पावर प्लांट
5500 यूनिट से हर महीने 3 कमरों वाले 55 घरों को रोशनी
किसान जगदेव ने बताया, पहले ये प्रोजेक्ट लगाना महंगा था पर अब काफी सस्ता है। किसान जगदेव सिंह ने बताया, करीब 4 साल पहले उनका बेटा हरसोहिंदर पाल सिंह स्पेन गया था। वहां उसने देखा, स्पेन के किसान अपनी जमीन पर बिजली की खेती कर रहे हैं। पंजाब आकर उन्होंने भी इस पर काम करना शुरू किया। जगदेव ने बताया, यह तकनीक चीन, अमेरिका, ताइवान जर्मन की है। सोलर पैनल ताइवान से मंगवाए गये थे। प्रोजेक्ट इन्सटॉल करने के लिए इंजीनियर स्पेन से आये थे। पर अब यह तकनीक और इंजीनियर बैंगलोर में ही मिल जाते हैं। पहले एक पैनल से 100 वाट बिजली पैदा होती थी, लेकिन अब नई तकनीक से 320 वाट पैदा होती है। रोज की प्रोडक्शन 5500 यूनिट से हर महीने 3 कमरों वाले 55 घरों को रोशनी मिल सकती है।

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